आगरा : ताजनगरी में देश के एकमात्र अजब-गजब मूर्खानंद विश्वविद्यालय का शुक्रवार शाम रजत जयंती समारोह हुआ. जिसमें अतिथि विभूतियों को चपला चंचलासु्श्री उपाधि, महामूर्खाधिराज की उपाधि, मूर्खमणि रत्न की उपाधि, काक शिरोमणि की उपाधि, मूर्ख मौलिमणि रत्न, मूर्ख शिरोमणि, महामूर्ख खबरची और महामूर्खाधीश की मानद उपाधि से अलंकृत किया. इस दौरान दर्शकों ने काऊं-काऊं और ढेंचू-ढेंचू की आवाज से सम्मानित विभूतियों का उत्साह वर्धन किया.
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव डॉ. रामअवतार शर्मा ने बाल सखा राज बहादुर सिंह राज के साथ मिलकर सन 1999 में मूर्खानंद विश्वविद्यालय की नींव रखी थी. जिसका उद्देश्य जीवन के तमाम तनावों को दूर करके हास्य और व्यंग्य के रास्ते चलने वाले विद्वानों का होली पर जोरदार शाब्दिक उपाधियां देकर हंसी मजाक किया जाए. मूर्खानंद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरधर शर्मा ने बताया कि समारोह में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट विभाग के निदेशक डॉ. लवकुश मिश्रा ने अजब-गजब उपाधियों से विभूतियों को अलंकृत किया. इसके साथ ही उन्हें मूर्खतापूर्ण कार्यों को भविष्य में करने का संकल्प करवाया.
गधे कर आरती, काऊं-काऊं से गूंजा समारोह
संस्कार भारती के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य राज बहादुर सिंह राज ने बताया कि मूर्खानंद विश्वविद्यालय के रजत जयंती समारोह का शुभारंभ गंर्धवराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित और आरती से किया गया. क्योंकि, आदमी गधे की तरह मेहनती, सादगी और आत्मसंतुष्टि का हो जाए तो. मूर्खानंद विश्वविद्यालय के रजत समारोह में मूर्ख शिरोमणि से नवाजे गए हास्य कवि पवन आगरी ने बताया कि आज हर कोई दूसरे को मूर्ख बनाकर खुश है, मगर आज मैं मूर्ख शिरोमणि की उपाधि पाकर बेहद खुश हूं. ये पहला मौका है कि मैं मूर्ख बनकर खुश हूं. वैसे देखा जाए तो देश में ऐसा ही चल रहा है. हर व्यक्ति कुछ न कुछ खा रहा है. यहां चिल्ला वो ही रहा है. जिसे खाने का मौका नहीं मिल रहा है. भैया स्वतंत्र भारत है. यहां खाने की सबमें आदत है. विधायक विधान खा रहे हैं. सांसद संविधान खा रहे हैं, कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो समूचा हिंदुस्तान खा रहे हैं.
ये विभूतियां हुई अलंकृत
चपला चंचलासु्श्री उपाधि : एसएन मेडिकल कालेज की डॉ. सपना गोयल.
मूर्खमणि रत्न : शहर की समाजसेवी डॉ. वत्सला प्रभाकर.
मूर्ख शिरोमणी: देश और दुनिया में मशहूर हास्य कवि पवन आगरी.
काक शिरोमणी सम्मान : प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतज्ञ सदानंद ब्रह्मभट्ट.
मूर्ख मौलिमणि : शहर की नृत्य निर्देशिका दिपाली सिंह.
महामूर्खाधीश : आगरा मंडल व्यापार संगठन के अध्यक्ष पवन बंसल.
महामूर्ख खबरची : शहर के वरिष्ठ पत्रकार आदर्श नंदन गुप्ता.