ETV Bharat / state

उत्तराखंड में खाने में थूक या गंदगी मिलाने के मामले पर एसओपी जारी, दोषियों पर लगेगा ₹1 लाख तक का जुर्माना - THOOK SPIT JIHAD IN UTTARAKHAND

उत्तराखंड में खाद्य पदार्थों में थूक या गंदगी मिलाने के मामले पर सरकार सख्त हो गई है. जिसे लेकर गाइडलाइन जारी की गई है.

Food Safety and Drug Administration
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (फोटो- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 16, 2024, 9:55 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में खाद्य पदार्थों में थूक या गंदगी मिलाने की घटनाओं पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. सीएम धामी पहले ही कह चुके हैं कि इस तरह की घटनाओं को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं, अब खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त आर राजेश कुमार ने विस्तृत एसओपी जारी कर दी है. जारी एसओपी के तहत दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के साथ 25 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक के जुर्माना के प्रावधान किया गया है.

खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि हाल के दिनों में राज्य के तमाम क्षेत्रों में जूस और अन्य खानपान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट या अन्य गंदी चीजों की मिलावट के मामले सामने आए हैं. जो खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 में किए गए प्रावधानों का उल्लंघन करती है. उन्होंने कहा सभी खाद्य कारोबारियों को लाइसेंस लेने के साथ उसकी शर्तों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा.

इसके साथ ही खाद्य पदार्थों में स्वच्छता एवं सफाई संबंधी सभी चीजों का पालन करना भी अनिवार्य है. ऐसे में नियमों का पालन न करने वाले खाद्य कारोबारियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 में दिए गए प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है.

खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत आम जनता को शुद्ध, स्वच्छ एवं सुरक्षित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित कराए जाने के दृष्टिगत राज्य में संचालित होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, कैंटीन, फूड वेंडिंग एजेंसीज, फूड स्टॉल, स्ट्रीट फूड वेंडर्स समेत खाद्य सुरक्षा एवं स्वच्छता के मानकों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के प्रावधान हैं. जिसको लेकर टीमें लगातार छापेमारी अभियान चला रही हैं.

वहीं, जांच में दोषी पाए जाने वाले कारोबारियों पर कार्रवाई भी की जा रही है. उधर, स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि त्योहारों का सीजन आ रहा है, जिसमें सुरक्षा और शुद्धता उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान किसी भी प्रकार की अशुद्धता या असामाजिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

एफडीए की ओर से जारी की गई एसओपी-

  • राज्य में स्वच्छता और सफाई की अनिवार्यता के दृष्टिगत खाद्य कारोबारियों की ओर भोजन बनाने एवं परोसने वाले कार्मिकों को अनिवार्य रूप से फेस मास्क/ग्लब्स/हेड गियर का इस्तेमाल करना होगा.
  • खाद्य प्रतिष्ठानों में खाद्य पदार्थों को हैंडल करते समय धूम्रपान, थूकना आदि व डेयरी (दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थ) उत्पादों को इस्तेमाल में लाए जाने से पहले या छूने से पहले नाक खुजाने, बालों में हाथ फेरना, शरीर के अंगों को खुजाना आदि हैंड हैबिट पर नियंत्रण रखना होगा. इन आदतों से खाद्य पदार्थों में बैक्टीरियल संक्रमण के दृष्टिगत यह नियमों के खिलाफ है.
  • संक्रामक रोग से ग्रसित व्यक्तियों को खाद्य निर्माण/संग्रहण/वितरण स्थलों पर किसी भी सूरत में नियोजित न करें. खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य कारोबारियों का अनुज्ञप्ति एवं पंजीकरण) विनियम 2011 के अंतर्गत खाद्य प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिकों की सूची चिकित्सकीय प्रमाण-पत्र समेत उपलब्ध कराने का प्रावधान है. ऐसे में सभी अनुज्ञप्तिधारियों/पंजीकरण धारकों को अपने सभी खाद्य कार्मिकों की सूची उनके चिकित्सकीय प्रमाण-पत्रों के साथ कार्यस्थल/प्रतिष्ठान में लगाना अनिवार्य होगा.
  • बीती दिनों हुई घटनाओं के दृष्टिगत ये निर्देशित किया जाता है कि सभी खाद्य कारोबारियों की ओर से खाद्य प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिकों को अनिवार्य रूप से फोटोयुक्त पहचान पत्र निर्गत किया जाएगा. जिसे कार्यस्थल पर प्रतिष्ठान के कार्मिकों को दिखाना होगा.
  • स्वच्छता और सफाई की अनिवार्यता के दृष्टिगत खाद्य पदार्थ निर्माण करने वाले कार्मिकों/परोसने वाले कार्मिकों/खाद्य पदार्थ विक्रय करने वाले कार्मिकों को कार्यस्थल पर थूकने एवं अन्य किसी भी प्रकार की गंदगी फैलाने को प्रतिबंधित किया जाता है. अगर कोई इन प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अधीन 25 हजार से 1 लाख रुपए तक अर्थदंड से दंडित किया जाएगा.
  • खाद्य कारोबारियों की ओर से खाद्य परिसर में उत्पादित या तैयार की गई किसी खाद्य सामग्री को मल, मूत्र, थूक या किसी अन्य दूषित पदार्थ से प्रभावित युक्त नहीं किया जाएगा. प्रत्येक खाद्य कारोबारी को अनुज्ञप्ति की एक साफ प्रमुख स्थान पर पठनीय प्रति चस्पा करना होगा.
  • इसके अलावा प्रत्येक खाद्य कारोबारी उत्पादन, कच्ची सामग्री का इस्तेमाल और ब्रिकी का अलग-अलग दैनिक रिकॉर्ड रखेगा. बिना पंजीकरण कारोबार कर रहे खाद्य कारोबारियों को अनुज्ञप्ति और पंजीकरण कराया जाएगा. इसके अलावा खाद्य प्रतिष्ठानों ढाबों, होटलों, रेस्टोरेंट्स आदि में सीसीटीवी लगाना होगा.
  • वहीं, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पत्र 26 दिसंबर 2022 के अनुपालन में प्रत्येक मीट विक्रेता, मीट कारोबारी, होटल एवं रेस्टोरेंट में बेचे जा रहे मीट उत्पाद के प्रकार (हलाल या झटका) का भी अनिवार्य रूप से बताना होगा. इन सभी निर्देशों का अनुपालन खाद्य कारोबारी को करना होगा.

ये भी पढ़ें-

देहरादून: उत्तराखंड में खाद्य पदार्थों में थूक या गंदगी मिलाने की घटनाओं पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. सीएम धामी पहले ही कह चुके हैं कि इस तरह की घटनाओं को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं, अब खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त आर राजेश कुमार ने विस्तृत एसओपी जारी कर दी है. जारी एसओपी के तहत दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के साथ 25 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक के जुर्माना के प्रावधान किया गया है.

खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि हाल के दिनों में राज्य के तमाम क्षेत्रों में जूस और अन्य खानपान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट या अन्य गंदी चीजों की मिलावट के मामले सामने आए हैं. जो खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 में किए गए प्रावधानों का उल्लंघन करती है. उन्होंने कहा सभी खाद्य कारोबारियों को लाइसेंस लेने के साथ उसकी शर्तों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा.

इसके साथ ही खाद्य पदार्थों में स्वच्छता एवं सफाई संबंधी सभी चीजों का पालन करना भी अनिवार्य है. ऐसे में नियमों का पालन न करने वाले खाद्य कारोबारियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 में दिए गए प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है.

खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत आम जनता को शुद्ध, स्वच्छ एवं सुरक्षित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित कराए जाने के दृष्टिगत राज्य में संचालित होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, कैंटीन, फूड वेंडिंग एजेंसीज, फूड स्टॉल, स्ट्रीट फूड वेंडर्स समेत खाद्य सुरक्षा एवं स्वच्छता के मानकों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के प्रावधान हैं. जिसको लेकर टीमें लगातार छापेमारी अभियान चला रही हैं.

वहीं, जांच में दोषी पाए जाने वाले कारोबारियों पर कार्रवाई भी की जा रही है. उधर, स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि त्योहारों का सीजन आ रहा है, जिसमें सुरक्षा और शुद्धता उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान किसी भी प्रकार की अशुद्धता या असामाजिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

एफडीए की ओर से जारी की गई एसओपी-

  • राज्य में स्वच्छता और सफाई की अनिवार्यता के दृष्टिगत खाद्य कारोबारियों की ओर भोजन बनाने एवं परोसने वाले कार्मिकों को अनिवार्य रूप से फेस मास्क/ग्लब्स/हेड गियर का इस्तेमाल करना होगा.
  • खाद्य प्रतिष्ठानों में खाद्य पदार्थों को हैंडल करते समय धूम्रपान, थूकना आदि व डेयरी (दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थ) उत्पादों को इस्तेमाल में लाए जाने से पहले या छूने से पहले नाक खुजाने, बालों में हाथ फेरना, शरीर के अंगों को खुजाना आदि हैंड हैबिट पर नियंत्रण रखना होगा. इन आदतों से खाद्य पदार्थों में बैक्टीरियल संक्रमण के दृष्टिगत यह नियमों के खिलाफ है.
  • संक्रामक रोग से ग्रसित व्यक्तियों को खाद्य निर्माण/संग्रहण/वितरण स्थलों पर किसी भी सूरत में नियोजित न करें. खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य कारोबारियों का अनुज्ञप्ति एवं पंजीकरण) विनियम 2011 के अंतर्गत खाद्य प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिकों की सूची चिकित्सकीय प्रमाण-पत्र समेत उपलब्ध कराने का प्रावधान है. ऐसे में सभी अनुज्ञप्तिधारियों/पंजीकरण धारकों को अपने सभी खाद्य कार्मिकों की सूची उनके चिकित्सकीय प्रमाण-पत्रों के साथ कार्यस्थल/प्रतिष्ठान में लगाना अनिवार्य होगा.
  • बीती दिनों हुई घटनाओं के दृष्टिगत ये निर्देशित किया जाता है कि सभी खाद्य कारोबारियों की ओर से खाद्य प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिकों को अनिवार्य रूप से फोटोयुक्त पहचान पत्र निर्गत किया जाएगा. जिसे कार्यस्थल पर प्रतिष्ठान के कार्मिकों को दिखाना होगा.
  • स्वच्छता और सफाई की अनिवार्यता के दृष्टिगत खाद्य पदार्थ निर्माण करने वाले कार्मिकों/परोसने वाले कार्मिकों/खाद्य पदार्थ विक्रय करने वाले कार्मिकों को कार्यस्थल पर थूकने एवं अन्य किसी भी प्रकार की गंदगी फैलाने को प्रतिबंधित किया जाता है. अगर कोई इन प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अधीन 25 हजार से 1 लाख रुपए तक अर्थदंड से दंडित किया जाएगा.
  • खाद्य कारोबारियों की ओर से खाद्य परिसर में उत्पादित या तैयार की गई किसी खाद्य सामग्री को मल, मूत्र, थूक या किसी अन्य दूषित पदार्थ से प्रभावित युक्त नहीं किया जाएगा. प्रत्येक खाद्य कारोबारी को अनुज्ञप्ति की एक साफ प्रमुख स्थान पर पठनीय प्रति चस्पा करना होगा.
  • इसके अलावा प्रत्येक खाद्य कारोबारी उत्पादन, कच्ची सामग्री का इस्तेमाल और ब्रिकी का अलग-अलग दैनिक रिकॉर्ड रखेगा. बिना पंजीकरण कारोबार कर रहे खाद्य कारोबारियों को अनुज्ञप्ति और पंजीकरण कराया जाएगा. इसके अलावा खाद्य प्रतिष्ठानों ढाबों, होटलों, रेस्टोरेंट्स आदि में सीसीटीवी लगाना होगा.
  • वहीं, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पत्र 26 दिसंबर 2022 के अनुपालन में प्रत्येक मीट विक्रेता, मीट कारोबारी, होटल एवं रेस्टोरेंट में बेचे जा रहे मीट उत्पाद के प्रकार (हलाल या झटका) का भी अनिवार्य रूप से बताना होगा. इन सभी निर्देशों का अनुपालन खाद्य कारोबारी को करना होगा.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.