मुंगेर: बिहार के मुंगेर में गंगा नदी के जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि के कारण कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है. जिले के बरियापुर प्रखंड के कई विद्यालयों में पानी भर गया है. मध्य विद्यालय कुर्मी टोला झौआ बहियार, मध्य विद्यालय फुलकिया और प्राथमिक विद्याालय एकासी के अलावे भी कई स्कूलों का परिसर पानी से भर गया है. जिस वजह से पठन-पाठन पूरी तरह से बाधित है.
सरकारी स्कूल परिसर बना तालाब: बरियारपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय फुलकिया ब्रह्मस्थान में इंट्री गेट से लेकर क्लास रूम के दरवाजे तक पानी भरा हुआ है. स्कूल परिसर में तालाब जैसा नजारा दिख रहा है. पानी भरने के कारण इंट्री गेट के पास के क्लास रूम तक को किसी तरह टीचर पहुंच भी जा रहे हैं लेकिन बाकी के कमरों में जाना नामुमकिन जैसा है. तस्वीरों को देखकर समझा जा सकता है कि शिक्षक कैसे पिछले तीन-चार दिनों से बाढ़ के पानी से जंग लड़ रहे हैं.
चापानल डूबा, शौचालय में घुसा पानी: स्कूल परिसर में बाढ़ के पानी ने इस कदर परेशानी बढ़ा दी है कि शिक्षकों को पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि चापानल भी पूरी तरह से डूब चुका है. इसके अलावे शौचालय में भी पानी घुस गया है. इतना ही नही बाढ़ का पानी विद्यालय परिसर में घुसने के कारण कई तरह के जहरीले सांप-बिच्छू और अन्य तरह के कीड़े भी स्कूल में प्रवेश कर जाते हैं. जिस कारण शिक्षकों को हमेशा डर लगा रहता है. आलम ये है कि वे अपने हाथों में छोटा सा डंडा लेकर चलते हैं.
"पिछले तीन-चार दिनों से यही स्थिति है. जिस रफ्तार से गंगा का पानी बढ़ रहा है. अब हमलोगों को भी स्कूल आने में डर लगता है लेकिन जैसे भी हो हमलोग अपनी ड्यूटी करते रहेंगे. बच्चे तो पूरी तरह से स्कूल आने में असमर्थ हैं. पानी भरने के कारण क्लास बाधित है."- मनीष कुमार, शिक्षक, मध्य विद्यालय फुलकिया ब्रह्मस्थान
क्या बोले स्कूल के प्राचार्य?: गंगा नदी के जलस्तर में हो रही लगातार वृद्धि से शिक्षक डरे हुए हैं. स्कूल के प्राचार्य कृष्णानंद चौधरीका कहना है कि बाढ़ की स्थिति के कारण क्लास को स्थगित कर दिया गया है, क्योंकि स्कूल परिसर में पानी घुसने के साथ-साथ समस्या ये भी है कि बच्चों के गांव और रास्ते में भी बाढ़ का पानी भर गया है. उन्होंने कहा कि तीन-चार दिनों से यही स्थिति है लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली है.
"यहां स्कूल में पानी आ गया है. शौचालय में भी पानी घुस गया है. चापानल भी डूब गया है. एमडीएम भी बंद है. बच्चों का क्लास स्थगित कर दिया गया है. स्कूल आने में बच्चे असमर्थ हैं. हालांकि टीचर किसी तरह स्कूल आते हैं. सांप-बिच्छू का भर रहता है. जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई मदद नहीं मिली है."- कृष्णानंद चौधरी, प्राचार्य, मध्य विद्यालय, फुलकिया ब्रह्मस्थान, मुंगेर
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