साहिबगंज : गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसको लेकर एडवाइजरी जारी की गई है. लोगों से नदी से दूर रहने की अपील की गई है. गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. सीडब्ल्यूसी के अनुसार शनिवार सुबह छह बजे तक गंगा का जलस्तर 27.31 मीटर पर पहुंच गया है. जबकि जिले में गंगा का खतरे का निशान 27.25 मीटर है. इस तरह गंगा खतरे के निशान से छह सेमी ऊपर बह रही है. बक्सर से लेकर फरक्का तक गंगा का जलस्तर बढ़ गया है.
जिले में गंगा के बेकाबू होने से दियारा इलाका डूबने लगा है. पशुपालक अपने मवेशियों को लेकर सूखे स्थानों की ओर भागने लगे हैं. गंगा पार और गंगा से सटे गांवों में हड़कंप मच गया है. शुक्रवार को रामपुर दियारा, किसान प्रसाद, महादेवगंज, गोगाटाटोला, बलुआ दियारा, हाजीपुर समेत अन्य इलाकों के लोग मवेशियों को लेकर दियारा से लौटते देखे गए. खेतों में फसल डूबने से मवेशियों के लिए चारे की समस्या हो रही है. वहीं दूसरी ओर जब से गंगा खतरे के निशान को पार कर गई है, ऐसे में नाले के जरिए पानी शहर में प्रवेश करने लगा है.
![Ganga crosses danger mark in Sahibganj](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-08-2024/22171695_sahdfvhg.jpg)
वहीं डीडीसी सतीश चंद्र ने फोन पर बताया कि बाढ़ की स्थिति पर नजर रखी जा रही है. दियारा में बाढ़ प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण किया जा चुका है. लोगों को सुरक्षित निकालने और मवेशियों के लिए चारा समेत राहत वितरण के लिए जल्द ही टेंडर जारी किया जाएगा. बाढ़ जैसी आपदा से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है.
क्या बोले ग्रामीण?
स्थानीय किसान देव कुमार ओझा कहते हैं कि गंगा नदी में पानी तेजी से बढ़ रहा है. ओझा टोली घाट पर पानी मापने के लिए बनाया गया गेज भी डूबने लगा है. दीवार से मापी की जा रही है. दियारा में फसल डूबने लगी है. लोग अपने मवेशियों को लेकर भागने लगे हैं. जिला प्रशासन को राहत कार्य में लगना चाहिए और नावों की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि किसान मक्का और बाजरा काटकर मवेशियों के लिए ला सकें. हर घाट पर सुरक्षा को लेकर बोर्ड लगाया जाना चाहिए.
देवेंद्र प्रसाद ने कहा कि जिस तरह से पानी बढ़ रहा है, आने वाले दो दिनों में पूरा दियारा जलमग्न हो जाएगा. दियारा में रहने वाले लोगों को सुरक्षित निकाला जाना चाहिए. लोग चचरी पर रहने लगे हैं, जहां टीला है, वहां अपने मवेशियों को रख रहे हैं. जिला प्रशासन को नाव और जहाज के माध्यम से बाढ़ प्रभावित लोगों, अनाज और मवेशियों को सुरक्षित निकालना चाहिए. जिला प्रशासन को इस दिशा में तेजी से काम करने की जरूरत है.
यह भी पढ़ें:
वार्निंग लेवल के पार पहुंचा गंगा नदी का जलस्तर, बाढ़ का संकट गहराया - Ganga river in Sahibganj