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प्रयागराज में बाढ़: डीएम ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ लिया जायजा - flood in prayagraj

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 17, 2024, 10:23 AM IST

प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां उफान (Flood in Prayagraj) पर हैं. नदियों का जलस्तर बढ़ने से कछारी इलाकों में बसे लोगों के घरों में पानी घुस गया है. लोग छतों में डेरा डाले हुए हैं. नवनियुक्त डीएम रविंद्र कुमार मादण्ड ने सोमवार को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ क्षेत्र का जायजा लिया और आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

Etv Bharatप्रयागराज में बाढ़
प्रयागराज में बाढ़ (Video Credit : ETV Bharat)
प्रयागराज में बाढ़ का जायजा लेने निकले नवनियुक्त डीएम रविंद्र कुमार मादण्ड. (Video Credit : ETV Bharat)

प्रयागराज : देश के कई राज्यों में हो रही लगातार बारिश का असर अब आस्था की नगरी संगम नगरी में भी देखने को मिल रहा है. गंगा और यमुना दोनों नदियां उफान पर हैं. दोनों नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं. साथ ही किनारे बसे लोगों में हड़कंप मच गया है.

नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण कछारी इलाकों के सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिन घरों में पानी घुसा, वहां के परिवारों ने छतों पर डेरा डाल रखा है. हालात का जायजा लेने के लिए एक दिन पहले कार्यभार संभालने वाले जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मादण्ड ने सोमवार को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया.

डीएम का कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर बाढ़ पीड़ितों से संवाद किया जा रहा है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों के साथ हम क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं. हम बोर्ड्स, लाउडस्पीकर के माध्यम से भोजन आदि की सुविधाओं की जानकारी पहुंचा रहे हैं. आकस्मिक हालात के लिए 1070 कंट्रोल रूम का नंबर जारी किया गया है. ग्रामीण इलाकों में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए एसडीएम, लेखपालों और ग्राम प्रधानों को दिशा निर्देश दिए गए हैं. ग्रामीणों के लिए चार बोट्स लगाए गए हैं. विभिन्न क्षेत्रों की टीमों से लगातार फीडबैक लिया जा रहा है. बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है.

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प्रयागराज में बाढ़ का जायजा लेने निकले नवनियुक्त डीएम रविंद्र कुमार मादण्ड. (Video Credit : ETV Bharat)

प्रयागराज : देश के कई राज्यों में हो रही लगातार बारिश का असर अब आस्था की नगरी संगम नगरी में भी देखने को मिल रहा है. गंगा और यमुना दोनों नदियां उफान पर हैं. दोनों नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं. साथ ही किनारे बसे लोगों में हड़कंप मच गया है.

नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण कछारी इलाकों के सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिन घरों में पानी घुसा, वहां के परिवारों ने छतों पर डेरा डाल रखा है. हालात का जायजा लेने के लिए एक दिन पहले कार्यभार संभालने वाले जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मादण्ड ने सोमवार को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया.

डीएम का कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर बाढ़ पीड़ितों से संवाद किया जा रहा है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों के साथ हम क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं. हम बोर्ड्स, लाउडस्पीकर के माध्यम से भोजन आदि की सुविधाओं की जानकारी पहुंचा रहे हैं. आकस्मिक हालात के लिए 1070 कंट्रोल रूम का नंबर जारी किया गया है. ग्रामीण इलाकों में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए एसडीएम, लेखपालों और ग्राम प्रधानों को दिशा निर्देश दिए गए हैं. ग्रामीणों के लिए चार बोट्स लगाए गए हैं. विभिन्न क्षेत्रों की टीमों से लगातार फीडबैक लिया जा रहा है. बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है.

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