नालंदा: नालंदा में बाढ़ की तबाही झेल रहे ग्रामीणों का प्रशासन के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा. सड़क पर उतरकर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे. गुस्साए ग्रामीणों ने कटे पेड़ को सड़क पर रखकर जाम कर दिया. आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गयी. जाम की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन के लोग मौके पहुंचे. ग्रामीणों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया. बाढ़ प्रभावित लोगों को राशन किट मुहैया कराया गया.
फसल बर्बाद हो गयीः नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार, डीएम शशांक शुभंकर, अस्थावां विधायक जितेंद्र कुमार सहित जिले के आलाधिकारियों ने आज बिंद और सरमेरा प्रखंड क्षेत्रों का दौरा कर बाढ़ के हालात का जायजा लिया. बता दें कि जिले में बीते दिनों हुई लगातार बारिश और पड़ोसी राज्य झारखंड के तिलैया डैम से छोड़े गए पानी के बाद जिले की सभी छोटी बड़ी नदियां खतरे के निशान से उपर बह रही है. नदियों में आए उफान से कई गांव के लोग प्रभावित हुए हैं. कई एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई है. लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है.
अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देशः जिले के कई प्रखंड जैसे हिलसा, करायपरसुराय, बिंद, अस्थावां और सरमेरा में बाढ़ से होकर गुजरने वाली लोकईन और ज़िराइन नदी उफान पर है. बाढ़ के कारण कई गांव के लोग प्रभावित हुए हैं. इनके लिए जगह जगह पर कम्युनिटी किचन, स्वास्थ सेवाएं और खाने की जरुरी किट लोगों को मुहैया करायी जा रही है. इसके साथ ही आपदा से निपटने के सभी बाढ़ प्रभावित जगहों पर विभागीय अधिकारियों व कर्मियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है.
किसानों की परेशानी बढ़ीः लोकईन नदी के रौद्र रूप से करायपरसुराय प्रखंड क्षेत्र के मकरौता पंचायत अंतर्गत मुसारी हिलसा प्रखंड क्षेत्र मिर्जापुर पंचायत के निकट तटबंध टूटने से कई गांव में नदी का पानी फैल गया. बिंद प्रखंड में बांध टूट गया. जिसे आनन फानन में सैंड बैग से मरम्मत करवाया जा रहा है. 3 साल बाद सूखी नदियों में आए पानी से किसानों ने राहत की सांस ली तो किसी के लिए कहर बनकर टूटा है.
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