हरदोई : जनपद में गर्रा नदी में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों को प्रशासन की ओर से विभिन्न प्रकार की सहायता पहुंचाई जा रही है. प्रभावितों की सहायता के लिए मजरे वार लेखपालों की तैनाती की गई है. आंकड़ों के अनुसार कुल 133 ग्राम बाढ़ से प्रभावित हैं. इसके अलावा 14 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में भीषण जलजमाव है. जनपद में अब तक 105 शरणालयों की स्थापना की गई है. जहां प्रभावितों के रहने व खाने की व्यवस्था की गई है.
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह के अनुसार जिले में 48 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है. प्रशासन की ओर से 64 नावों व 16 मोटर बोट की व्यवस्था की गई है. एनडीआरएफ की टीम लगातार लोगों की सहायता कर रही हैं. कुल 85 मेडिकल टीमें गठित की गई हैं. कुल 9920 लोगों को उपचारित किया गया है. ऐसे परिवार जो खाना पकाने में सक्षम नहीं हैं, उनको पका हुआ भोजन दिया जा रहा है.
मंत्री नितिन अग्रवाल ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का किया दौरा: योगी सरकार के आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह और पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन के साथ हरदोई के सदर तहसील के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया. इस मौके पर मंत्री नितिन ने बाढ़ प्रभावितों को खाद्यान्न किट वितरित की. प्रभावित लोगों से जानकारी भी ली कि भोजन उपलब्ध हो रहा है या नहीं. मंत्री अग्रवाल ने कहा कि, सरकार पूरी तरह से बाढ़ प्रभावितों के साथ खड़ी है. पूरा प्रशासनिक अमला प्रभावितों को राहत देने के लिए सक्रिय है. स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग की टीमें लगातार क्षेत्र में सक्रिय हैं. जिन लोगों के घर टूट गए हैं. उनको सरकार की ओर से आवास दिया जायेगा. जिलाधिकारी ने सम्बंधित प्रधान, लेखपाल, सचिव को लगातार प्रभावित क्षेत्र में रहने और प्रभावितों की मदद करने के निर्देश दिए.
बनारस में गंगा का जलस्तर बढ़ने से प्रमुख घाट डूबे
वाराणसी: पहाड़ों पर हो रहे बारिश से वाराणसी में भी गंगा के जलस्तर बढ़ने लगा है. अभी गंगा दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है. बढ़ते जल स्तर को देखते हुए गंगा में छोटे नावों के संचालक पर रोक लगा दी गई है. उसके साथ ही बड़ी नावों पर क्षमता से आधी यात्रियों को बैठाया जाने का निर्देश दिया गया है.घाट पुरोहितों के मुताबिक, गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती के स्थल को भी बदल दिया गया है. उसके साथ ही वाराही घाट पर पानी चढ़ने के कारण दशाश्वमेध से लेकर के ललिता घाट की ओर जाने वाले आठ घाटों का संपर्क भी आपस में टूट गया है. जल पुलिस ने भी गलियों से लोगों को घाटों पर जाने का निर्देश दिया है. उसके साथ ही विश्वनाथ धाम के गंगा की ओर से लगायत मणिकर्णिका घाट,राजघाट हरिश्चंद्र घाट की भी सीढ़ियां पानी में डूब गई है. वही नमो घाट पर भी रैप पर पानी चढ़ने लगा है. सोमवार को गंगा का जलस्तर 61.5 मीटर था. वहीं मंगलवार को गंगा का जलस्तर 62. 30 मीटर देखने को मिला.
देखते देखते नदी में समा गया देवी मंदिर
लखीमपुर खीरी: लखीमपुर खीरी में शारदा-घाघरा नदियां के उफन पर होने से जिले में बाढ़ के हालात बन गए हैं. जिले की करीब 150 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ का पानी घरों में घुसने से लोग खुले आसमान के नीच रहने को मजबूर हैं. शारदा नदी में भले ही जलस्तर ज्यादा नहीं बढ़ रहा है, लेकिन नदी के किनारे भीषण कटाव होने से ग्रामीण दहशत में हैं. वहीं बिजुआ इलाके के बेलहा सिकटिहा गांव के पास देखते ही देखते देवी मंदिर नदी में समा गया. ग्रामीणों का कहना है कि, कटान सितंबर और अक्टूबर में होता था, लेकिन इस बार जुलाई में ही कटान शुरू हो गया है. सितंबर और अक्टूबर में क्या हाल होगा, यह सोचकर ग्रामीण परेशान हैं.
बाढ़ प्रभावित इलाकों का डीएम ने किया दौरा
फर्रुखाबाद: यूपी के फर्रुखाबाद में जिलाधिकारी वीके सिंह और पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने जिले के अमृतपुर तहसील के बाढ़ संभावित क्षेत्रों और कड़क्का तटबंध का निरीक्षण किया गया. इस मौके पर जिलाधिकारी की ओर से निर्देशित किया गया कि, कटान से प्रभावित लोगों का सर्वे कर वह जिस श्रेणी में पात्र है उसमें उन्हें आवास दिया जाए. जिनके आवास कटान में कटे है उनको मुआवजा मिले.
यह भी पढ़ें : हरदोई में अगले साल लोगों को मिल सकता है कटान की समस्या से छुटकारा, जानें कैसे
यह भी पढ़ें : हरदोई: गंगा में समाए 32 मकान, सभी बाढ़ राहत चौकियां अलर्ट