पटनाः नेपाल में हुई अत्यधिक बारिश के कारण कोसी और गंडक नदी उफान पर है. वीरपुर एवं गंडक बैराज से अत्यधिक पानी के डिस्चार्ज होने के कारण बिहार की अधिकांश नदियां खतरे के निशान से ऊपर चली गई. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार बाढ़ के कारण पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण, सहरसा, कटिहार और खगड़िया की लगभग 11.84 लाख आबादी प्रभावित हुई है.
कांग्रेस ने बाढ़ राहत सामग्री भेजाः बाढ़ पीड़ितों के लिए सरकार राहत सामग्री का वितरण कर रही है. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से 4 अक्टूबर को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने बाढ़ प्रभावित जिलों में लोगों की सहायता के लिए राहत सामग्री की खेप रवाना किया. सदाकत आश्रम से बाढ़ राहत सामग्री ले जाने वाली गाड़ियों को हरी झंडी दिखायी. अखिलेश सिंह ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों के लोगों की सहायता के लिए कांग्रेस पार्टी की तरफ से राहत सामग्री भेजी गई है.
"बाढ़ प्रभावित लोगों को जितनी मदद होनी चाहिए, उतनी सरकार के द्वारा नहीं दी जा रही है. यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी ने लोगों की मदद करने का फैसला किया है. कांग्रेस सरकार की भी और बाढ़ प्रभावित लोगों की भी मदद करेगी."- अखिलेश प्रसाद सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
एमएलए और कार्यकर्ता करेंगे मददः प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में कांग्रेस के जितने विधायक और कार्यकर्ता हैं, उनको बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की मदद करने के लिए कहा गया है. बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या है, पॉलीथिन शीट की. ताकि उनको सिर छुपाने के लिए छत मिल सके. इसीलिए पॉलीथिन शीट और खाने पीने की सामग्री भेजी गई है. इस विपदा की स्थिति में सभी लोगों को एवं एनजीओ को आगे आना चाहिए, ताकि बाढ़ पीड़ितों की कुछ मदद हो सके.
मुआवजे की राशि पर सवालः बिहार सरकार ने बाढ़ प्रभावित लोगों के मुआवजे के लिए 7000 रु मुआवजा राशि की घोषणा की है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार के इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि 7000 में क्या होगा, यह सबको पता है. उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की समस्या को लेकर सरकार को और गंभीर होनी चाहिए. बाढ़ प्रभावित इलाकों में खाने-पीने के समान से लेकर दवाई तक की कमी हो गयी है. सरकार को गंभीरता पूर्वक बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए कदम उठाने चाहिए.
सरकार द्वारा चलाये जा रहे बचाव कार्यः राज्य सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं. भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा खाद्य सामग्री और अन्य राहत सामग्री के पैकेट गिराए जा रहे हैं. बिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ की 16 और एसडीआरएफ की 17 टीमों को लगाया गया है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में करीब 975 नावें संचालित की जा रही हैं.
इसे भी पढ़ेंः सरकार दशहरा से पहले बाढ़ पीड़ितों को देगी 7 हजार - Bihar flood
इसे भी पढ़ेंः दरभंगा में कोसी का बांध टूटने से दर्जनों गांव जलमग्न, सड़क बनी बेघरों का ठिकाना - Bihar Flood
इसे भी पढ़ेंः सीतामढ़ी में JDU विधायक का घेराव, विरोध देख छूटा पसीना - Flood In Sitamarhi