बेतियाः बिहार के बेतिया से बड़ी खबर आ रही है. गंडक बराज से छोड़े गए पानी अब बैरिया प्रखंड में तबाही मचा रहा है. सोमवार की रात 12:00 बैरिया प्रखंड के दक्षिण पटजीरवा पंचायत में स्थित घोराईया चंपारण तटबंध से जुड़ा पीडी रिंग बांध ध्वस्त हो गया है. इस बांध के टूटने से बैरिया प्रखंड के चार पंचायतों के साथ लगभग दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.
बेतिया में बाढ़ः पानी का बहाव काफी तेज है. तेजी से गांव की तरफ फैलता जा रहा है. बीती रात से ही अपने घरों से सामान निकाल रहे हैं. इस बांध के टूटने से जनजीवन प्रभावित हो गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि काफी देर तक प्रशासन की ओर से कोई राहत-बचाव कार्य शुरू नहीं किया गया.
बांध के पास वाले गांव पर खतराः बांध टूटने की सूचना मिलने के बाद बेतिया डीएम दिनेश राय, एसपी शौर्य सुमन समेत जिला के तमाम अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. ध्वस्त बांध का निरीक्षण किए. लोगों ने बताया कि सबसे ज्यादा खतरा उन गांवों पर है जो सीधे नदी के किनारे स्थित है. इस गांव में तेजी से पानी फैल गया है. यहां के सारे लोगों को ऊंचे स्थल पर जाना पड़ा.
गंडक के पानी से तबाहीः बांध ध्वस्त होने के कारण रनहा, पखनहा, मलाही, घोड़ईया, सुर्यपुर सहित चार पंचायतों के करीब दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में है. इन गांवों में पानी तेजी से घुस रहा है. जिससे कृषि भूमि और घरों को भारी नुकसान हो सकता है. ग्रामीणों का कहना है कि गंडक बराज से जो पानी छोड़ा गया था उसने तबाही मचा दी है.
एक और बांध पर खतराः लोगों ने बताया कि लौकरिया में भी एक बांध है. इसमें तेजी से रिसाव हो रहा है. अगर उसे भी ससमय नहीं बचाया गया तो वह भी टूट जाएगा. बांध की कमजोर स्थिति को लेकर पहले भी अधिकारियों को बताया गया लेकिन अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया.
गंडक में रिकॉर्ड पानी छोड़ा गयाः बता दें कि गंडक बराज से छोड़े गए पानी ने पश्चिमी चंपारण जिले में तबाही मचा रखा है. पश्चिमी चंपारण के कई प्रखंड इसकी चपेट में हैं. इसबार 21 साल के बाद गंडक बराज से 4 लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. बिहार में गंडक से ज्यादा तबाही कोसी मचा रही है. कोसी नदी में 56 साल बाद 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.
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