कोडरमा: बिहार-झारखंड सीमा से सटे मेघातरी के कुसहना गांव में बारिश ने तबाही मचा रखी है. स्थिति ऐसी है कि हल्की बारिश होने पर भी गांव में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. दरअसल, पिछले रविवार को तेज बारिश में कुसहना गांव से सटे वन विभाग का चेक डैम टूट गया और पूरे कुसहना गांव में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई. हालांकि ग्रामीणों ने तो किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रही लेकिन उनके घर का सारा सामान और जानवर पानी की तेज धारा में बह गया. कई घरों को जमीदोंज कर दिया. ग्रामीणों ने बताया कि अगर रात होती तो कई ग्रामीणों की जान भी जा सकती थी. लोगों का कहना है कि बाढ़ ने उनका सब कुछ बर्बाद कर दिया. फिलहाल गांव के लोगों ने पंचायत भवन में शरण ले रखा हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि घटना के बाद जो प्रशासन की ओर से जो राहत और बचाव कार्य किया जाना चाहिए था वह अब तक नहीं किया गया. हालांकि जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की ओर से उन्हें आश्वासन जरूर मिल रहा हैं. गांव के कई लोगों ने अपनी बेटी के विवाह के लिए समान खरीद रखा था जो बाढ़ में बह गया. वहीं, गांव के बच्चों ने बताया कि स्कूल में पानी भर गया है और उनकी किताब-कॉपियां बाढ़ में बह गई हैं, जिसके कारण पिछले एक सप्ताह से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई है. दरअसल, बिहार-झारखंड की सीमा से सटे मेघातरी के कुसहना गांव में करीब 50 साल पहले वन विभाग की ओर से चेक डैम का निर्माण कराया गया था ताकि पहाड़ों से गिरने वाला पानी को सरंक्षित किया जा सके. वन विभाग के द्वारा समय-समय पर डैम का निरीक्षण भी किया जाता है और डैम टूटने से ठीक 10 दिन पहले भी कोडरमा वन विभाग के रेंजर और वन कर्मियों ने डैम का निरीक्षण किया था. इस दौरान डैम को पूरी तरह सुरक्षित बताया गया था.
बता दें कि बिहार-झारखंड सीमा से सटे कोडरमा के मेघातरी स्थित कुसहना गांव में 60 परिवार रहते हैं, जो बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हो गया है. इधर, किसी तरह का प्रशासनिक मदद नहीं मिलने और 22 अगस्त को फिर से गांव में बारिश का पानी घुसने से आक्रोशित ग्रमीणों ने रांची-पटना रोड एनएच 20 को जाम कर दिया और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी. इसके बावजूद अभी तक बाढ़ पीड़ितों को किसी तरह की मदद नहीं मिल पायी, जिससे ग्रामीण आहत हैं.
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