चित्तौड़गढ़. उपवन संरक्षक के आदेशानुसार जिले के किशन करेरी, जाखंम बांध, बस्सी और ओराई बांध पर पक्षी गणना की गई. क्षेत्र में पर्यावरण व पक्षियों के लिए कार्यरत ग्रीन अर्थ नेचुरल सोसायटी के सदस्यों ने पक्षी गणना में भाग लिया, जिनके साथ विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे. इस दौरान सभी चिन्हित जलाशयों पर सर्दी में दिखने वाले जलीय पक्षियों का आकलन किया गया. उपवन संरक्षक सोनल जोरिहार ने बताया कि ये अनुमानित पक्षी आकलन का काम बीते 28 जनवरी से शुरू हुआ है, जो 2 फरवरी तक चला. इस दौरान अलग-अलग दल बनाकर सभी चिन्हित जलाशयों पर पक्षियों की प्रजातियां देखी गई और उन्हें सूची में शामिल किया गया.
उन्होंने बताया कि इस साल क्षेत्र में बरसात कम होने की वजह से किशन करेरी तालाब पर हर साल की तुलना में पक्षियों की संख्या कम दिखी, लेकिन ओराई बांध पर पक्षियों की अच्छी खासी संख्या देखने को मिली. उन्होंने बताया कि इस बांध पर युरेशान ओपनबिल, स्पॉटबिल डक और कोर्मोरेंट की संख्या सबसे अधिक है. साथ ही प्रवासी पक्षियों में सुर्खाब जिन्हें चकवा चकवी भी कहा जाता है, वो बड़ी संख्या में जल क्रीड़ा करते नजर आए. इसके अलावा बस्सी में पक्षी गणना के दौरान सारण तालाब पर कॉमन टील सहित कई प्रवासी पक्षी दिखे. साथ ही 16 भारतीय गिद्ध दिखाई दिए.
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बस्सी वन्यजीव अभ्यारण्य में पैंथर के पग मार्क भी देखे गए और ट्रैप कैमरे में इनकी तस्वीर भी कैद हुई है. क्षेत्रीय वन अधिकारी सुनील कुमार यादव ने लेपर्ड की साइटिंग की जानकारी दी. इस दौरान बिज्जू, सियार, जंगली सुअर, लंगूर आदि भी देखे गए. इस गणना में संगठन के सदस्य भैरू लाल पुरोहित, मोहन सिंह शक्तावत, श्याम लाल गुर्जर, निलेश शर्मा, भैरव दत राव सहित पक्षी विशेषज्ञ ने सहयोग किया.