नई दिल्ली: दिल्ली प्राद्यौगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) ने मंगलवार को इंडिया हैबिटेट सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. इस दौरान विश्वविद्यालय ने कैंपस में शुरू होने वाले नए पाठ्यक्रम, उत्कृष्टता केंद्र, कॉर्पोरेट संबंध और डिजिटल लर्निंग में हो रहे चहुमुखी विकास की जानकारी दी.
डीटीयू के कुलपति प्रोफ़ेसर प्रतीक शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने इस शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित, जैव प्रौद्योगिकी और अर्थशास्त्र में पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएससी और एमएससी शुरू कर रहा है. इन नए कार्यक्रमों को एनईपी-2020 के अनुसार डिजाइन किया गया है, जहां अपेक्षित संख्या में क्रेडिट पूरा करने के बाद कई प्रवेश और निकास के विकल्प होंगे.
साथ ही डीटीयू ने छात्रों की शोध गतिविधियों को गति देने के लिए एमटेक. (अनुसंधान) भी विभिन्न विषयों के लिए शुरू किया है. कार्यक्रम का फोकस छात्रों के बीच उन्नत अनुसंधान कौशल और विशेषज्ञता विकसित करना है, जो उन्हें सामाजिक समस्याओं के समाधान विकसित करने में सक्षम बनाएगा. यह छात्रों को अधिक कुशलता से पीएचडी. करने में भी सक्षम बनाएगा.
खुलेंगे पांच उत्कृष्टता और अनुसंधान केंद्र: डीटीयू ने पांच उत्कृष्टता और अनुसंधान केंद्र खोलने की भी योजना बनाई है. ऊर्जा संक्रमण में उत्कृष्टता केंद्र, कार्यकारी शिक्षा केंद्र, ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए उत्कृष्टता केंद्र, आपदा जोखिम न्यूनीकरण में उत्कृष्टता केंद्र, सामुदायिक विकास और अनुसंधान केंद्र खोलने की भी योजना बनाई है. कुल मिलाकर इन केंद्रों की स्थापना का उद्देश्य अत्याधुनिक अनुसंधान करना है, जो सामाजिक समस्याओं के लिए तकनीकी समाधान विकसित करने में सक्षम बनाएगा.
डिजिटल शिक्षा के लिए भी कार्यालय स्थापित कर रहा डीटीयू: डीटीयू का मानना है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा केवल प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले लोगों के लिए विशेषाधिकार नहीं होनी चाहिए. इस प्रकार सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सक्षम करने के लिए डीटीयू डिजिटल शिक्षा की यात्रा शुरू कर रहा है, जहां डीटीयू डिजिटल शिक्षा का एक समर्पित कार्यालय स्थापित कर रहा है. यह कार्यालय डिजिटल बुनियादी ढांचे का विकास करेगा, ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्मों की उपलब्धता का विस्तार करेगा और अपने प्रसिद्ध संकाय के साथ ऑनलाइन पाठ्यक्रम सामग्री तैयार करेगा.