रांचीः मनरेगा मजदूरों के हक के लिए 28 सितंबर को रांची में राजभवन के सामने महाजुटान होने जा रहा है. इसमें झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के सैकड़ों मनरेगा और असंगठित क्षेत्र के मजदूर शामिल होकर मनरेगा कानून के नियमों को अक्षरश: लागू करने की मांग करेंगे. शनिवार दोपहर 1:00 बजे से 3:00 तक आयोजित धरना के दौरान असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की समस्याओं पर मजदूरों, उनके प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, ट्रेड यूनियनों के साथ संवाद कर केंद्र सरकार पर जन दबाव बनाया जाएगा.
मनरेगा के नियमों का हो रहा उल्लंघन
मनरेगा मजदूरों के हित में काम करने वाली संस्था 'झारखंड मनरेगा वॉच' की ओर से बताया गया है कि कोरोना महामारी के वक्त देशभर में अकुशल मजदूरों को जब दुत्कारा गया था, तब मनरेगा ही ऐसी योजना थी जिसकी बदौलत मजदूरों को काम मिल पाया था. वर्तमान में देश में 25.11 करोड़ मजदूर हैं, लेकिन ईमानदारी और मेहनत से काम करने के बावजूद मेहनताना के लिए अंतहीन इंतजार करना पड़ता है. यह मनरेगा कानून के नियमों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन है. गैर कानूनी तरीके से जॉब कार्ड निरस्त किए जा रहे हैं. इसकी वजह से रोजगार दिवस में गिरावट आ रही है.
राजभवन के सामने धरना देंगे मजदूर
राजभवन के सामने धरना के दौरान काम की मांग को मौलिक अधिकार में शामिल करना, मनरेगा का बजट आवंटन बढ़ाना, मोबाइल और ऐप आधारित उपस्थिति जैसे मजदूर विरोधी तकनीक का बहिष्कार, मनरेगा मजदूरी दर प्रतिदिन 800 रुपये निर्धारित करना शामिल है. इस दौरान इस बात पर भी चर्चा होगी कि पश्चिम बंगाल में पिछले तीन साल से मनरेगा का काम बंद है. मजदूरों के साथ इस अन्याय को तुरंत बंद कर फंड जारी करने की मांग की जाएगी.
ये भी पढ़ें-
अगर आप मनरेगा से जुड़े हैं तो सरकार आपको करेगी ट्रेंड, कुछ शर्तों का करना होगा पालन
हजारीबाग: मनरेगा मजदूरों को नहीं मिल रहा उचित मजदूरी, घर चालने में हो रही है परेशानी