रुद्रप्रयाग: शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण में महाशिवरात्रि पर पांच युगल सात जन्मों के बंधन में बंधे. मकर संक्रांति से अभी तक 50 से अधिक शादियां मंदिर में हो चुकी हैं और अभी भी शादी को लेकर बुकिंग एडवांस में चल रही है. अप्रैल माह में भी त्रियुगीनारायण मंदिर में कई शादियों को लेकर एडवांस बुकिंग हो चुकी हैं. खासकर नई पीढ़ी शादी के लम्हों को यादगार बनाने के लिए इस पवित्र स्थान को पहली पसंद बता रहे हैं.
शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण में महाशिवरात्रि का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया. जहां भगवान शंकर को जल चढ़ाने को लेकर प्रातः काल से भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया. वहीं शादियां करने को लेकर युगल भी तैयारियों में जुटे हुए दिखे. पिछले कुछ समय से वेडिंग डेस्टिनेशन का चलन काफी बढ़ गया है. नई पीढ़ी शादी के लम्हों को यादगार बनाने के लिए त्रियुगीनारायण को पहली पसंद मान रही है. शिव-पार्वती विवाह स्थली त्रियुगीनारायण में नई पीढ़ी में विवाह करने का क्रेज खूब बढ़ रहा है. इस स्थान पर विवाह के लिए मार्च और अप्रैल तक की बुकिंग मिल चुकी है. जबकि इस वर्ष मकर संक्रांति से अभी तक पचास से अधिक शादियां हो चुकी हैं. रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर सोनप्रयाग से 13 किमी की दूरी पर स्थित त्रियुगीनारायण में प्रति वर्ष विवाह आयोजनों की संख्या बढ़ रही है.
इस पावन स्थल पर भगवान शिव और पार्वती की विवाह से जुड़े सभी साक्ष्य मौजूद हैं. सप्तवेदी की अखंड ज्योति तीन युगों से जल रही है. इस अखंड ज्योति के दर्शन कर वहां लकड़ी अर्पित करनी होती है. साथ ही मंदिर परिसर के जिस पत्थर पर राजा हिमालय ने अपनी पुत्री पार्वती का कन्यादान किया था, वह भी मौजूद है. मंदिर में प्राचीन कुंड भी है, जिनकी अपनी विशेष महत्ता है. पिछले दो दशक में यहां कई हस्तियां विवाह बंधन में बंध चुकी हैं. जिसमें उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सीरियल अभिनेत्री कविता कौशिक, निकिता शर्मा, अभिनेता जितेंद्र असेड़ा, आईपीएस अधिकारी अपर्णा गौतम, आईएएस अधिकारी ललित मोहन रयाल, एसडीएम जितेंद्र वर्मा शामिल हैं.
न्यूज पंजीकरण कराना है अनिवार्य: त्रियुगीनारायण में विवाह आयोजन के लिए तीर्थ पुरोहित समिति में पंजीकरण कराना होता है. इसके लिए 1100 रुपये शुल्क निर्धारित है. पंजीकरण में दूल्हा-दुल्हन का नाम, पता और विवाह की तिथि का उल्लेख होता है. इसी शुल्क से समिति मंडप में बैठने की व्यवस्था करती है. साथ ही कलश भी समिति का होता है.
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