पलामूः बालिका गृह कांड में कई खुलासे हो रहे हैं. जिस संस्था को बालिका गृह संचालन की जिम्मेवारी सौंपी गई थी, उसका सितंबर महीने में ही फिटनेस लाइसेंस खत्म हो गया था. मुख्य आरोपी सह संस्था के संचालक सीडब्ल्यूसी के पूर्व अध्यक्ष के करीबी रिश्तेदार हैं. नियमों को ताक पर रखकर संस्था को बालिका गृह संचालन की जिम्मेवारी सौंप गई थी.
बालिका गृह यौन शोषण घटना के मामले में प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई जारी है. पूरे मामले में प्रोटेक्शन ऑफिसर इंस्टीट्यूटनल केयर (DCIO) एवं सीडब्ल्यूसी कमेटी को बर्खास्त करने की अनुशंसा भी की गई है. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी से पलामू जिला उपायुक्त शशिरंजन ने जवाब भी मांगा है. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी से यह पूछा गया है कि मामला प्रकाश में आने के बाद वरीय अधिकारियों को जानकारी क्यों नहीं दी गई ? पलामू जिला प्रशासन पूरे मामले में अलग से एफआईआर की तैयारी कर रही है.
पलामू बालिका गृह यौन शोषण घटना के मामले में पलामू जिला प्रशासन बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है. पलामू डीसी शशि रंजन के अनुसार संस्था के साथ इकरारनामा को रद्द कर दिया गया है. वहीं उसे ब्लैक लिस्ट करने के लिए भी लिखा गया है. कई अधिकारी एवं कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है. डीसीआईओ को हटाने के लिए लिखा गया है. वहीं पीएलवी इंदु भगत ने बताया कि मामला गंभीर है, सितंबर में ही संस्था का फिटनेस खत्म हो गया था. मामले में कार्रवाई होनी चाहिए कि किन परिस्थितियों में संस्था को बालिका गृह संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
बालिका गृह यौन शोषण कांड में पुलिस ने भी अनुसंधान किया तेज
पलामू बालिका गृह यौन शोषण कांड के मामले में पलामू पुलिस ने भी तेजी से जांच शुरू कर दी है. सदर एसडीपीओ मणिभूषण प्रसाद के नेतृत्व में मंगलवार को घटनास्थल एवं कई जगहों पर जाकर जांच की है. पूरे मामले में मेदिनीनगर टाउन महिला थाना में एफआईआर दर्ज की गई है.
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