रायपुर : रायपुर के उद्योग भवन के पास कोल कारोबारी पर दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवारों ने फायरिंग की है. जिसमें से एक गोली हवा में जबकि दूसरी गोली कार में जा धंसी. पुलिस ने आशंका जताई है कि ये घटना लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू गैंग के लोगों ने अंजाम दिया होगा. फिलहाल इस पूरे मामले की पुलिस जांच कर रही है.हवाई फायर करने वाले एक मोटरसाइकिल में सवार दो अज्ञात लोगों के सीसीटीवी फुटेज भी मिले हैं.
कारोबारी के दफ्तर के बाहर फायरिंग : सिटी एडिशनल एसपी लखन पटले ने बताया कि तेलीबांधा और पचपेड़ी नाका के बीच सर्विस रोड में एक कारोबारी के ऑफिस के सामने एक मोटरसाइकिल में सवार दो व्यक्तियों ने हवाई फायर की घटना को अंजाम दिया है.
'' इसके पहले भी रायपुर पुलिस ने इसी प्रकार के झारखंड के एक गैंग को घटना को अंजाम देने के पहले ही दबोचा था. इस पूरे मामले की जांच में पुलिस जुट गई है. शहर के सभी इलाकों में नाकेबंदी कर सीसीटीवी में कैद हवाई फायर करने वाले मोटरसाइकिल सवार 2 लोगों की तलाश जारी है."- लखन पटले, एएसपी
कारोबारी को डराने की कोशिश : जानकारी के मुताबिक एक बाइक में सवार दो लोगों ने गोली चलाई है. दोनों युवक मुंह पर मास्क लगाकर आए हुए थे. वारदात को अंजाम देने के बाद भागते हुए बाइक सवारों का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. कारोबारी पर अटैक हुआ है. कारोबारी सड़क और कंस्ट्रक्शन से जुड़ा पीआर कंस्ट्रक्शन के नाम से काम करते हैं. बताया जा रहा है की वारदात को कारोबारी को डराने के लिए अंजाम दिया गया है. जिससे वह कोल लेवी की रकम दे सके. लेकिन वारदात किन लोगों के द्वारा और क्यों दी गई है. इस बात का पता अभी तक नहीं चल पाया है.
खनन में करोड़ों का कारोबार इसलिए शूटर्स की नजर छत्तीसगढ़ पर: शूटर्स के निशाने पर छत्तीसगढ़ के सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा का कहना है "छत्तीसगढ़ कांटेक्ट किलिंग से दूर रहा है. यदि कुछ घटनाओं को छोड़ दिया जाए, तो ऐसे ऑर्गेनाइज्ड क्राइम छत्तीसगढ़ में नहीं हुए. जहां-जहां खनन का काम होता है वहां इस तरह के मामले सामने आते हैं. छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो यहां भी खनन माफिया हैं, करोड़ों का कारोबार है, इसलिए अब शूटरों की नजर छत्तीसगढ़ पर है."
कारोबारी पर साइकोलॉजीकल प्रेशर बनाकर रंगदारी की मांग: शर्मा बताते हैं कि झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा भी खनन से जुड़ा है. वहां इस तरह की घटनाएं ज्यादा होती है. इन प्रदेशों में ऑर्गेनाइज्ड क्राइम का अनुपात ज्यादा रहा. लेकिन अब छत्तीसगढ़ में दूसरे राज्य से आकर लोग हमला बोल रहे हैं. प्रदेश में भी अब कॉन्ट्रेक्ट किलिंग का फॉर्मेट चलाने की कोशिश की जा रही है. इस तरह की घटनाओं के जरिए गैंग कारोबारी पर साइकोलॉजीकल प्रेशर और मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश करते हैं. क्योंकि सबसे ज्यादा पैसा खनन, रेत, शराब में है और यही वजह है कि अब गैंग की नजर छत्तीसगढ़ की ओर है. सुपारी किलिंग के लिए प्रदेश में बड़े-बड़े गिरोह काम कर रहे हैं.
कौन है अमन साहू,कहां से करता है ऑपरेट ?: अमन साहू के बारे में सीआईडी ने 6 महीने पहले एटीएस को रिपोर्ट दी थी.रिपोर्ट की माने तो अमन साहू के गिरोह में 145 गुर्गे काम करते हैं.जिनमें से 99 जेल के बाहर हैं. गैंग ने अपने पास 5 एके 47, 250 पिस्टल और माउजर का जखीरा रखा है.अमन साहू के जेल जाने के बाद पूरा गैंग मयंक सिंह ऑपरेट करता है.अमन साहू पर 125 अपराध दर्ज हैं.वहीं इनका नेटवर्क चलाने वाला मयंक यूपी के देवरिया का निवासी है.
29 साल का अमन साहू रह चुका है टॉपर : गैंगस्टर अमन साहू को अमन साव के नाम से भी जाना जाता है. अमन रांची जिले के मतये, बुद्धमू गांव में 1996 में पैदा हुआ. 2010 में अमन ने मैट्रिक की परीक्षा 78 फीसदी अंकों के साथ पास की.इसके बाद इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और कंप्यूटर साइंस की परीक्षा पंजाब से पास की. 2012 में जब वह घर आया था तब उसकी पहचान जेएमएम सुप्रीमो कुलेश्वर सिंह से हुई. बताया जाता है कि कुलेश्वर से मिलने के बाद ही अमन अपराध के रास्तों पर दौड़ गया. 2015 में पहली बार अमन जेल गया. जहां उसकी दोस्ती सुजीत सिन्हा और मयंक सिंह से हो गई.यही मयंक सिंह अब जेल से बाहर आने के बाद अपनी दोस्ती निभा रहा है.