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उत्तराखंड में अस्पतालों और गेमिंग जोन की चेक होगी फायर सेफ्टी, दिल्ली-गुजरात की घटनाओं का लिया संज्ञान - Fire Safety Check in Uttarakhand

Fire Safety Check in Uttarakhand देश में आग लगने की बड़ी घटनाएं सामने आने के बाद उत्तराखंड दमकल विभाग ने भी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इस कड़ी में प्रदेशभर के अस्पतालों और स्कूलों के साथ ही गेमिंग जोन का भी निरीक्षण करने के निर्देश जारी हुए हैं. इसके तहत प्रदेश के करीब 128 अस्पतालों में अब तक दमकल विभाग की ओर से निरीक्षण कर मानकों के आधार पर तैयारी का जायजा लिया है.

Fire Station Uttarakhand
सरदार पटेल भवन देहरादून (फोटो सोर्स- ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 27, 2024, 6:15 PM IST

देहरादून: दिल्ली के शिशु केयर अस्पताल में आग लगने से 7 नवजात बच्चों की मौत मामले पर पूरे देश में उबाल है. यहां अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को लेकर मुकदमा भी दर्ज हो चुका है. उधर, ऐसी ही एक घटना गुजरात में भी हुई है. जहां गेमिंग जोन में लगी आग के कारण 28 लोगों की जान गई है. जिसमें ज्यादातर बच्चे थे. एक तरफ राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी घटनाओं को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है तो वहीं उत्तराखंड दमकल विभाग भी ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेकर सूबे के अस्पतालों, स्कूलों और गेमिंग जोन में अग्निशमन उपकरणों की स्थितियों का जायजा ले रहा है.

इस मामले में दमकल विभाग से पूरे प्रदेश के अस्पतालों की रिपोर्ट शासन स्तर पर मांगी गई है. ताकि, राज्यभर में अस्पतालों की ओर से अग्निशमन की व्यवस्थाओं को बारीकी से देखा जा सके. जानकारी के मुताबिक, अब तक प्रदेश के 128 अस्पतालों का निरीक्षण किया जा चुका है. जिसमें सबसे ज्यादा नैनीताल जिले के 44 अस्पतालों में अग्निशमन उपकरणों की जानकारी ली गई है. देहरादून में 20 अस्पतालों में अग्निशमन उपकरण की मौजूदगी पर अधिकारियों ने अस्पताल का निरीक्षण किया है.

दमकल विभाग ने 27 अप्रैल से 27 मई तक एक अभियान चलाकर अस्पतालों, स्कूलों और गेमिंग जोन क्षेत्र में अग्निशमन उपकरणों की जांच की. हालांकि, नियमों के अनुसार 500 स्क्वायर मीटर क्षेत्र से कम जगह या 15 मीटर से कम ऊंचाई वाले अस्पताल इस नियम से विशेष छूट प्राप्त करते हैं, लेकिन इसके अलावा बाकी सभी अस्पतालों में अग्निशमन को लेकर स्थितियों को जांचा जा रहा है.

वहीं, दमकल विभाग की ओर से राज्यभर के स्कूलों को भी इस अभियान में जोड़ा जा रहा है और तमाम स्कूलों को भी अग्निशमन उपकरण लगाए जाने के साथ जरूरत पड़ने पर कर्मियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है. साथ ही गेमिंग या एंटरटेनमेंट जोन का भी निरीक्षण करते हुए वहां की व्यवस्थाओं को देखा जा रहा है. ताकि, आग लगने की स्थिति में उस पर काबू पाया जा सके या राहत या बचाव किया जा सके.

डीआईजी फायर निवेदिता कुकरेती ने बताया कि राज्यभर में इस तरह के अभियान को चलाया जा रहा है. तमाम संस्थाओं की रिपोर्ट भी प्रदेश भर से मांगी गई है. इस दौरान जहां भी कमी देखी जा रही है, वहां पर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. गुजरात और दिल्ली में हुई घटना के बाद से ही हर कोई अग्निशमन उपकरणों को लेकर तैयारियों पर चिंता जाहिर कर रहा है. ऐसे में उत्तराखंड में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके, इसके लिए दमकल विभाग एहतियातन इस तरह की कसरत को आगे बढ़ा रहा है.

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देहरादून: दिल्ली के शिशु केयर अस्पताल में आग लगने से 7 नवजात बच्चों की मौत मामले पर पूरे देश में उबाल है. यहां अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को लेकर मुकदमा भी दर्ज हो चुका है. उधर, ऐसी ही एक घटना गुजरात में भी हुई है. जहां गेमिंग जोन में लगी आग के कारण 28 लोगों की जान गई है. जिसमें ज्यादातर बच्चे थे. एक तरफ राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी घटनाओं को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है तो वहीं उत्तराखंड दमकल विभाग भी ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेकर सूबे के अस्पतालों, स्कूलों और गेमिंग जोन में अग्निशमन उपकरणों की स्थितियों का जायजा ले रहा है.

इस मामले में दमकल विभाग से पूरे प्रदेश के अस्पतालों की रिपोर्ट शासन स्तर पर मांगी गई है. ताकि, राज्यभर में अस्पतालों की ओर से अग्निशमन की व्यवस्थाओं को बारीकी से देखा जा सके. जानकारी के मुताबिक, अब तक प्रदेश के 128 अस्पतालों का निरीक्षण किया जा चुका है. जिसमें सबसे ज्यादा नैनीताल जिले के 44 अस्पतालों में अग्निशमन उपकरणों की जानकारी ली गई है. देहरादून में 20 अस्पतालों में अग्निशमन उपकरण की मौजूदगी पर अधिकारियों ने अस्पताल का निरीक्षण किया है.

दमकल विभाग ने 27 अप्रैल से 27 मई तक एक अभियान चलाकर अस्पतालों, स्कूलों और गेमिंग जोन क्षेत्र में अग्निशमन उपकरणों की जांच की. हालांकि, नियमों के अनुसार 500 स्क्वायर मीटर क्षेत्र से कम जगह या 15 मीटर से कम ऊंचाई वाले अस्पताल इस नियम से विशेष छूट प्राप्त करते हैं, लेकिन इसके अलावा बाकी सभी अस्पतालों में अग्निशमन को लेकर स्थितियों को जांचा जा रहा है.

वहीं, दमकल विभाग की ओर से राज्यभर के स्कूलों को भी इस अभियान में जोड़ा जा रहा है और तमाम स्कूलों को भी अग्निशमन उपकरण लगाए जाने के साथ जरूरत पड़ने पर कर्मियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है. साथ ही गेमिंग या एंटरटेनमेंट जोन का भी निरीक्षण करते हुए वहां की व्यवस्थाओं को देखा जा रहा है. ताकि, आग लगने की स्थिति में उस पर काबू पाया जा सके या राहत या बचाव किया जा सके.

डीआईजी फायर निवेदिता कुकरेती ने बताया कि राज्यभर में इस तरह के अभियान को चलाया जा रहा है. तमाम संस्थाओं की रिपोर्ट भी प्रदेश भर से मांगी गई है. इस दौरान जहां भी कमी देखी जा रही है, वहां पर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. गुजरात और दिल्ली में हुई घटना के बाद से ही हर कोई अग्निशमन उपकरणों को लेकर तैयारियों पर चिंता जाहिर कर रहा है. ऐसे में उत्तराखंड में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके, इसके लिए दमकल विभाग एहतियातन इस तरह की कसरत को आगे बढ़ा रहा है.

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