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आग और धुंआ उगल रही है कोल नगरी, कभी भी हो सकता है हादसा, खतरे में इंसानों की जान - Fire in coal mines

Fire in coal mines चिरमिरी ओपन कास्ट की माइंस में लगी आग धीरे-धीरे करके बेकाबू हो रही है.लेकिन एसईसीएल प्रबंधन इस ओर किसी भी तरह का ध्यान नहीं दे रहा.अफसर नियमों का हवाला देकर मुंह पर चुप्पी साधे बैठे हैं.इधर चिरमिरी के बाशिंदे जहरीली हवा के बीच जीवन गुजारने के लिए मजबूर हैं.Coal Mines Of Chirmiri SECL

Fire in coal mines
खतरे में इंसानों की जान (Etv Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 11, 2024, 1:21 PM IST

Updated : May 11, 2024, 7:51 PM IST

आग और धुंआ उगल रही है कोल नगरी (ETV Bharat Chhattisgarh)

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: छत्तीसगढ़ में कोयला की कई खदानें हैं. प्रदेश कोल उत्पादन के क्षेत्र में रिकॉर्ड कायम कर रहा है.लेकिन कुछ जगह ऐसी भी हैं जहां पर कोयले की खदानें ज्वालामुखी की तरह धधक रहीं हैं.इन खदानों में लगी आग कई सालों से जल रही है,जिससे सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान तो हो ही रहा है,वहीं दूसरी तरफ कोयले से निकलने वाली जहरीली गैस के कारण इन इलाकों में रहने वाले लोगों की सेहत भी खराब हो रही है.

चिरमिरी की ओपन कास्ट में जल रही खदान : चिरमिरी क्षेत्र को कोल नगरी भी कहा जाता है.इस क्षेत्र में एक जगह ऐसी भी है जहां की खदान में भीषण आग लगी है.इस आग के कारण खदान में अब तक लाखों टन कोयला राख में तब्दील हो चुका है.लेकिन आज तक इस आग पर काबू पाने में एसईसीएल प्रबंधन नाकाम रहा है.इस बारे में जब भी मीडिया ने अफसरों की राय जाननी चाही तो सभी ने मामला बिलासपुर मुख्यालय से संबंधित होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया.अफसरों का साफ कहना है कि किसी भी मामले में कोई भी जानकारी देने का अधिकार बिलासपुर पीआरओ का है.


धधकती आग खोखली कर रही जमीन : चिरमिरी के रहवासी इस आग के कारण दोहरी मुसीबत में हैं.एक तरफ जलते कोयले के कारण जमीन कभी भी अंदर से धसक सकती है.वहीं दूसरी तरफ कोयले से निकलने वाली जहरीली गैस इंसानों को बीमार बना रही है. गैस हवा में घुलकर आसपास के वातावरण को भी दूषित कर रही है.डॉक्टर्स की माने तो कोयले से निकलने वाली गैस जहरीली होती है.यदि कोई इंसान काफी देर तक इसके संपर्क में रहे तो उसे सांस और दिमाग संबंधी बीमारियां हो सकती है.

आग लगने की वजह के कारण का पता लगाने और इसे बुझाने के बजाए एसईसीएल प्रबंधन मामले की लीपापोती में मशगूल है.जब भी कोई इस ओर एसईसीएल प्रबंधन का ध्यान खींचने की कोशिश करता है तो नियमों का हवाला देकर स्थानीय अधिकारी बच निकलते हैं.लेकिन आग ना तो नियम देखेगी और ना ही दायरा यदि वक्त रहते आग पर काबू नहीं पाया गया,तो आने वाले समय में बड़ा हादसा हो सकता है.तब भी शायद अधिकारी नियमों का राग अलापकर अपना पल्ला झाड़ते दिखेंगे.

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चिरमिरी की ओपन कास्ट में जल रही खदान : चिरमिरी क्षेत्र को कोल नगरी भी कहा जाता है.इस क्षेत्र में एक जगह ऐसी भी है जहां की खदान में भीषण आग लगी है.इस आग के कारण खदान में अब तक लाखों टन कोयला राख में तब्दील हो चुका है.लेकिन आज तक इस आग पर काबू पाने में एसईसीएल प्रबंधन नाकाम रहा है.इस बारे में जब भी मीडिया ने अफसरों की राय जाननी चाही तो सभी ने मामला बिलासपुर मुख्यालय से संबंधित होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया.अफसरों का साफ कहना है कि किसी भी मामले में कोई भी जानकारी देने का अधिकार बिलासपुर पीआरओ का है.


धधकती आग खोखली कर रही जमीन : चिरमिरी के रहवासी इस आग के कारण दोहरी मुसीबत में हैं.एक तरफ जलते कोयले के कारण जमीन कभी भी अंदर से धसक सकती है.वहीं दूसरी तरफ कोयले से निकलने वाली जहरीली गैस इंसानों को बीमार बना रही है. गैस हवा में घुलकर आसपास के वातावरण को भी दूषित कर रही है.डॉक्टर्स की माने तो कोयले से निकलने वाली गैस जहरीली होती है.यदि कोई इंसान काफी देर तक इसके संपर्क में रहे तो उसे सांस और दिमाग संबंधी बीमारियां हो सकती है.

आग लगने की वजह के कारण का पता लगाने और इसे बुझाने के बजाए एसईसीएल प्रबंधन मामले की लीपापोती में मशगूल है.जब भी कोई इस ओर एसईसीएल प्रबंधन का ध्यान खींचने की कोशिश करता है तो नियमों का हवाला देकर स्थानीय अधिकारी बच निकलते हैं.लेकिन आग ना तो नियम देखेगी और ना ही दायरा यदि वक्त रहते आग पर काबू नहीं पाया गया,तो आने वाले समय में बड़ा हादसा हो सकता है.तब भी शायद अधिकारी नियमों का राग अलापकर अपना पल्ला झाड़ते दिखेंगे.

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Last Updated : May 11, 2024, 7:51 PM IST
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