लखनऊ : राजधानी के बीकेटी में करीब सात वर्ष पहले जेसीबी से मकान गिरवाने वाली तत्कालीन एसडीएम, नायब तहसीलदार और स्थानीय थाने के कई पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. यह मुकदमा हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के आदेश पर बीकेटी थाने में दर्ज किया गया है. आरोप है कि वर्ष 2017 तत्कालीन एसडीएम बीकेटी ज्योत्सना यादव ने तहसील अधिकारियों और पुलिस बल के साथ बिल्डर के समर्थन में कार्रवाई करते हुए अवधेश द्विवेदी की जमीन पर बने मकान को जेसीबी से गिरवा दिया था. उनके परिवार के साथ मारपीट भी की गई थी.
परिवार के साथ की थी गाली-गलौज : हाईकोर्ट के आदेश पर बीकेटी थाने में दर्ज हुई एफआईआर के मुताबिक पीड़ित अवधेश द्विवेदी 22 मई 2017 को हाईकोर्ट लखनऊ से निकल रहे थे. तभी उनके बेटे का कॉल आया कि प्लॉट पर कई पुलिस वाले अधिकारी व जेपी शुक्ला, कल्लन वकील व 10-15 अधिवक्ता पहुंचे हैं. वे पूरे परिवार के साथ गाली- गलौज कर रहे हैं. इतना ही नहीं जेसीबी से घर गिराने की धमकी दे रहे हैं. पीड़ित तत्काल अपने घर पहुंचा तो वहां एसडीएम बीकेटी ज्योतसना यादव पुलिस बल के साथ मौजूद थीं. वहां उनके विरोधी बिल्डर जयप्रकाश शुक्ला, वकील कल्लन मिश्रा व 10-12 वकील और गांव के सुशील रावत, कुंवर बहादुर, संदीप रावत आदि मौजूद थे.
नियमों का हवाला देने पर भड़क गईं थीं एसडीएम : पीड़ित ने एफआईआर में बताया है कि जब उन्होंने एसडीएम से पूछा कि बिना कोई सूचना दिए ही जेसीबी लेकर पहुंच गईं हैं, यह गैर कानूनी है. यह कहते ही एसडीएम नाराज हो गईं. इसके बाद उनके इशारे पर जेपी शुक्ला जेसीबी से उनकी चारदीवारी और पिलर गिरवाने लगे. पत्नी ने विरोध किया तो पुलिस व तहसील कर्मचारियों गालियां देते हुए उनकी पिटाई की. घटना के सात वर्ष बाद कोर्ट के आदेश के बाद तत्कालीन एसडीएम ज्योत्सना यादव, नायब तहसीलदार बक्शी का तालाब, अधिवक्ता कल्लन, सुशील रावत, कुंवर बहादुर बिल्डर जयप्रकाश शुक्ला उर्फ जेपी शुक्ला, तत्कालीन एसएसआई बीकेटी गिरीश चंद्र पांडे, दरोगा भूपेंद्र सिंह थाना बक्शी का तालाब, कई अज्ञात महिला और पुरुष सिपाही थाना बक्शी का तालाब और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
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