ETV Bharat / state

श्रमिकों का वेतन रोकने और जालसाजी कर कैमरून भेजने वाले नियोजकों पर प्राथमिकी दर्ज, सीएम के आदेश पर कार्रवाई

झारखंड के प्रवासी मजदूरों को लेकर सीएम ने बड़ा कदम उठाया है. कैमरून में फंसे प्रदेश के मजदूरों को लेकर ये आदेश दिया है.

FIR against employers who fraudulently sent workers from Jharkhand to Cameroon
झारखंड मंत्रालय और प्रतीकात्मक तस्वीर (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 2 hours ago

रांचीः मध्य अफ्रीकी देश कैमरुन में फंसे झारखंड के 47 श्रमिकों का वेतन भुगतान नहीं हो रहा है. मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने नियोजक और मिडिलमैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए श्रमायुक्त को निर्देश दिया है.

मुख्यमंत्री के आदेश पर श्रमायुक्त ने नियोजकों और मिडिलमैन के खिलाफ हजारीबाग, बोकारो और गिरिडीह में प्राथमिकी दर्ज करा दी है. प्राथमिकी में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि श्रमिकों को अन्तर्राज्यीय प्रवासी श्रमिक (नियोजन का विनियमन और सेवा शर्त) अधिनियम, 1979 के तहत प्रवासी मजदूर के रूप में निबंधन कराये बगैर लाइसेंस प्राप्त किया गया. इससे साफ है कि धोखाबाजी और जालसाजी कर गैरकानूनी तरीके से श्रमिकों को मध्य अफ्रीका स्थित कैमरून भेजा गया है.

यह है मामला

दरअसल, मुख्यमंत्री को पिछले दिनों जानकारी मिली थी कि झारखंड के श्रमिक M/s Transrail Lighting Limited, कैमरून, सेंट्रल अफ्रीका में कार्यरत हैं. इन सभी श्रमिकों का तीन माह का वेतन लंबित है और वे भारत वापसी की मांग कर रहे हैं. मामले की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया था.

वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू

मुख्यमंत्री के आदेश पर श्रमायुक्त के दिशा निर्देश में राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने श्रमिकों और संबंधित कंपनी से संपर्क किया. कंपनी ने बताया कि श्रमिकों को 100 डॉलर प्रति माह का भुगतान किया गया है और बाकी बकाया राशि उनके भारतीय खातों में ट्रांसफर किया जाएगा. श्रमायुक्त के निर्देश पर राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने कंपनी को अनुबंध की प्रति, वेतन भुगतान की जानकारी और अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

वहीं श्रम विभाग ने POE रांची और अन्य संबंधित विभागों को पत्र भेजा है और आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध किया है. कंपनी ने मामले के शीघ्र निपटारे का आश्वासन दिया है, जिसके अनुसार उप-कॉन्ट्रैक्टर से बातचीत कर श्रमिकों के बकाया वेतन भुगतान का समाधान किया जाएगा.

सुरक्षित वतन वापसी की कोशिश जारी

भारत सरकार के उच्चायोग और विदेश मंत्रालय ने सूचित किया है कि M/s Transrail श्रमिकों के साथ बातचीत कर रही है. इन फंसे हुए श्रमिकों की सुरक्षित वापसी, उनके लंबित भुगतान और दस्तावेजों का समाधान करेगी. कंट्रोल रूम की टीम लगातार ईमेल और फोन के माध्यम से अधिकारियों और श्रमिकों से संपर्क कर सुरक्षित वापसी के प्रयासों में लगी है. अगर ठेकेदार वेतन भुगतान करने में असफल होंगे तो उनके साथ समझौता रद्द किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- कैमरून से लौटे श्रमिकों को सरकार ने दी आर्थिक मदद, ऑनलाइन सीएम ने किया संबोधित, कहा - विदेश से ज्यादा सुकून घर में - Jharkhand workers honoured

इसे भी पढे़ं- दक्षिण अफ्रीका में फंसे बोकारो के मजदूरों के परिजनों की व्यथा, कहा- न बच्चों की स्कूल फी भर पा रहे हैं, न घर में बचा है राशन - Laborers Trapped In South Africa

इसे भी पढ़ें- दक्षिण अफ्रीका में फंसे झारखंड के 27 मजदूरः सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर लगाई मदद की गुहार - Jharkhand workers trapped

रांचीः मध्य अफ्रीकी देश कैमरुन में फंसे झारखंड के 47 श्रमिकों का वेतन भुगतान नहीं हो रहा है. मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने नियोजक और मिडिलमैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए श्रमायुक्त को निर्देश दिया है.

मुख्यमंत्री के आदेश पर श्रमायुक्त ने नियोजकों और मिडिलमैन के खिलाफ हजारीबाग, बोकारो और गिरिडीह में प्राथमिकी दर्ज करा दी है. प्राथमिकी में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि श्रमिकों को अन्तर्राज्यीय प्रवासी श्रमिक (नियोजन का विनियमन और सेवा शर्त) अधिनियम, 1979 के तहत प्रवासी मजदूर के रूप में निबंधन कराये बगैर लाइसेंस प्राप्त किया गया. इससे साफ है कि धोखाबाजी और जालसाजी कर गैरकानूनी तरीके से श्रमिकों को मध्य अफ्रीका स्थित कैमरून भेजा गया है.

यह है मामला

दरअसल, मुख्यमंत्री को पिछले दिनों जानकारी मिली थी कि झारखंड के श्रमिक M/s Transrail Lighting Limited, कैमरून, सेंट्रल अफ्रीका में कार्यरत हैं. इन सभी श्रमिकों का तीन माह का वेतन लंबित है और वे भारत वापसी की मांग कर रहे हैं. मामले की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया था.

वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू

मुख्यमंत्री के आदेश पर श्रमायुक्त के दिशा निर्देश में राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने श्रमिकों और संबंधित कंपनी से संपर्क किया. कंपनी ने बताया कि श्रमिकों को 100 डॉलर प्रति माह का भुगतान किया गया है और बाकी बकाया राशि उनके भारतीय खातों में ट्रांसफर किया जाएगा. श्रमायुक्त के निर्देश पर राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने कंपनी को अनुबंध की प्रति, वेतन भुगतान की जानकारी और अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

वहीं श्रम विभाग ने POE रांची और अन्य संबंधित विभागों को पत्र भेजा है और आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध किया है. कंपनी ने मामले के शीघ्र निपटारे का आश्वासन दिया है, जिसके अनुसार उप-कॉन्ट्रैक्टर से बातचीत कर श्रमिकों के बकाया वेतन भुगतान का समाधान किया जाएगा.

सुरक्षित वतन वापसी की कोशिश जारी

भारत सरकार के उच्चायोग और विदेश मंत्रालय ने सूचित किया है कि M/s Transrail श्रमिकों के साथ बातचीत कर रही है. इन फंसे हुए श्रमिकों की सुरक्षित वापसी, उनके लंबित भुगतान और दस्तावेजों का समाधान करेगी. कंट्रोल रूम की टीम लगातार ईमेल और फोन के माध्यम से अधिकारियों और श्रमिकों से संपर्क कर सुरक्षित वापसी के प्रयासों में लगी है. अगर ठेकेदार वेतन भुगतान करने में असफल होंगे तो उनके साथ समझौता रद्द किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- कैमरून से लौटे श्रमिकों को सरकार ने दी आर्थिक मदद, ऑनलाइन सीएम ने किया संबोधित, कहा - विदेश से ज्यादा सुकून घर में - Jharkhand workers honoured

इसे भी पढे़ं- दक्षिण अफ्रीका में फंसे बोकारो के मजदूरों के परिजनों की व्यथा, कहा- न बच्चों की स्कूल फी भर पा रहे हैं, न घर में बचा है राशन - Laborers Trapped In South Africa

इसे भी पढ़ें- दक्षिण अफ्रीका में फंसे झारखंड के 27 मजदूरः सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर लगाई मदद की गुहार - Jharkhand workers trapped

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.