नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजीपुर बॉर्डर पर मंगलवार को प्रदर्शन और नारेबाजी करने वाले 11 नामजद सहित 80 अज्ञात लोगों के खिलाफ कौशांबी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. उप निरीक्षक आर्यवीर की तहरीर पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 के तहत मुकद्दमा दर्ज किया गया है. जाकिर अली सैफी, दिलशाद अहमद, शाकिर अंसारी, फजल सैफी, शाइस्ता परवीन, हाजी दानिश सैफी, इकबाल सैफी, इकबाल सैफी लोनी, शमीम सैफी, सरफराज सैफी इसरार अहमद सैफी समेत 60 से 80 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है.
यति नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा दिए गए विवादित बयान के विरोध में वर्ल्ड पीस हार्मनी संस्था और इंडिया सैफी फ्रंट के चेयरमैन और मुस्लिम नेता हाजी शकील सैफी आज सुबह अपने साथियों साथ गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे. हाजी शकील सैफी बड़ी संख्या में गाड़ियों के काफिले के साथ दिल्ली से गाजीपुर बॉर्डर के रास्ते गाजियाबाद में दाखिल हुए थे लेकिन गाजीपुर बॉर्डर पर ही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया. हाजी शकील सैफी ने एक बयान में कहा था, "हमको गाजीपुर बॉर्डर पर ही पुलिस फोर्स ने रोक लिया. डासना कलेक्टर ऑफिस तक जाने नहीं दिया गया. हमने अपना ज्ञापन गाजीपुर बॉर्डर पर ही पुलिस प्रशासन को दे दिया है."
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यति नरसिंहानंद गाजियाबाद के डासना में स्थित शिव शक्ति धाम मंदिर के महंत हैं. साथ ही वह जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर भी हैं. उन्होंने हाल ही में पैगंबर मोहम्मद पर एक टिप्पणी की थी. नरसिंहानंद का बयान वायरल होने के बाद उनके खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हुआ. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यति नरसिंहानंद को जेल भेजने की मांग की.
वहीं, बसपा और सपा समेत कई राजनीतिक दलों ने यति नरसिंहानंद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की, इसके बाद पुलिस एक्शन में आई और महंत के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया गया. ऐसा पहली बार नहीं है जब यति नरसिंहानंद को लेकर इतना बवाल मचा है. इससे पहले उन्होंने हरिद्वार में हुई धर्म संसद में धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया था.
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