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शायराना अंदाज में दिखे वित्त मंत्री सुरेश खन्ना: रामचरित मानस की चौपाई से बजट की शुरुआत, विपक्ष पर हमले से समापन - वित्त मंत्री सुरेश खन्ना शायराना

यूपी में बजट (UP Budget 2024) सोमवार को वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने पेश किया उन्होंने रामचरित मानस की चौपाई से बजट की शुरुआत और विपक्ष पर हमले से समापन किया. वह बजट के दौरान शायराना अंदाज में दिखे. उनकी शेरो-शायरी से सदन में ठहाके लगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 5, 2024, 8:36 PM IST

लखनऊ: योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट सोमवार को पेश किया गया. बजट पेश करते समय यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना एक बार फिर शायराना अंदाज में नजर आए. उन्होंने रामचरित मानस की चौपाई से बजट की शुरुआत की. वहीं बीच-बीच में योगी सरकार की उपलब्धियों का बखान भी शेरो-शायरी के माध्यम से किया. वित्त मंत्री ने बजट पेश करते समय कहा कि बजट की शुरुआत रामचरित मानस से शुरू करना चाहते हैं. हमारी संस्कृति का पुनर्जागरण हो रहा है. बाल कांड में गुरु वशिष्ठ जी ने विशेष रूप से यह बात कही है कि धर्मशील लोगों के पास सुख, संपदा, ऐश्वर्य अपने आप आ जाता है.

इसमें चौपाई है-
जिमि सरिता सागर महुं जाहीं।
जद्यपि ताहि कामना नाहीं।।
तिमि सुख संपति बिनहिं बोलाएं।
धरमसील पहिं जाहिं सुभाएं।।

वित्त मंत्री ने कहा, उत्तर प्रदेश आर्थिक-सामाजिक विकास के हर क्षेत्र में नई ऊचाइयों को प्राप्त कर रहा है. हमने इस नैरेटिव को सिरे से खारिज कर दिया कि उत्तर प्रदेश एक बीमारू प्रदेश है. हमने प्रदेश की जनता में, प्रदेश की मेधा में अपार सम्भावनाओं को देखा और बड़े आत्मविश्वास के साथ मुख्यमंत्री के नेतृत्व में विकासगाथा की रचना की है.

हौसले दिल में जब मचलते हैं, आँधियों में चिराग जलते हैं

वित्त मंत्री ने भाषण के दौरान कहा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जिस प्रकार प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार हुआ है और बड़ी संख्या में आयुष्मान कार्ड का वितरण किया गया है, वह अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय मिसाल के रूप में हमारे समक्ष है. आम आदमी क्या सोचता है:

'मुक्त हूं कर्तव्य की चिन्ताओं से, दर्द से दुःख से मुझे आराम है.
हर किसी के वास्ते हर वस्तु है, यह हमारे ऐश्वर्य का पैगाम है.'

उन्होंने कहा, आज से 07 वर्ष पहले कोई यह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि उत्तर प्रदेश इतनी तीव्र गति से ऐसा मुकाम हासिल कर पाएगा. यहां दो पंक्तियां प्रस्तुत हैं...
'पैदा नजर-नजर में एक ऐसा मुकाम कर, दुनिया सफर करे तेरे दामन को थाम कर.'

ओडीएफ समेत विभिन्न योजनाओं में प्रदेश की अभूतपूर्व उपलब्धि पर वित्त मंत्री ने कहा-

आंख का हर अश्रु कण हंसने लगा है,
ढल गई है आह भी संगीत में,
जगमगाता है हृदय का अंधकार,
कष्ट परिवर्तित हुए हैं गीत में।

पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने हमारी सांस्कृतिक धरोहरों की अनदेखी की परन्तु प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में हमारी सांस्कृतिक धारा अधिक प्रवाहमयी हो रही है.

यूनान, मिश्र, रोमा सब मिट गए जहां से,
अब तक मगर है बाकी नामों-निशां हमारा।।

अपने बजट भाषण को खत्म करते हुए वित्त मंत्री ने विपक्ष पर हमला किया-
तुम्हारी शख्सियत से ये सबक लेंगी नई नस्लें,
वहीं मंजिल पर पहुंचा है जो अपने पांव चलता है।
डुबो देता है कोई नाम तक भी खानदानों का,
किसी के नाम से मशहूर होकर गांव चलता है।

ये भी पढ़ें- 10 साल की उम्र में लापता हुआ लड़का; 20 साल बाद सन्यासी बनकर घर लौटा, जानें फिर क्या हुआ

लखनऊ: योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट सोमवार को पेश किया गया. बजट पेश करते समय यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना एक बार फिर शायराना अंदाज में नजर आए. उन्होंने रामचरित मानस की चौपाई से बजट की शुरुआत की. वहीं बीच-बीच में योगी सरकार की उपलब्धियों का बखान भी शेरो-शायरी के माध्यम से किया. वित्त मंत्री ने बजट पेश करते समय कहा कि बजट की शुरुआत रामचरित मानस से शुरू करना चाहते हैं. हमारी संस्कृति का पुनर्जागरण हो रहा है. बाल कांड में गुरु वशिष्ठ जी ने विशेष रूप से यह बात कही है कि धर्मशील लोगों के पास सुख, संपदा, ऐश्वर्य अपने आप आ जाता है.

इसमें चौपाई है-
जिमि सरिता सागर महुं जाहीं।
जद्यपि ताहि कामना नाहीं।।
तिमि सुख संपति बिनहिं बोलाएं।
धरमसील पहिं जाहिं सुभाएं।।

वित्त मंत्री ने कहा, उत्तर प्रदेश आर्थिक-सामाजिक विकास के हर क्षेत्र में नई ऊचाइयों को प्राप्त कर रहा है. हमने इस नैरेटिव को सिरे से खारिज कर दिया कि उत्तर प्रदेश एक बीमारू प्रदेश है. हमने प्रदेश की जनता में, प्रदेश की मेधा में अपार सम्भावनाओं को देखा और बड़े आत्मविश्वास के साथ मुख्यमंत्री के नेतृत्व में विकासगाथा की रचना की है.

हौसले दिल में जब मचलते हैं, आँधियों में चिराग जलते हैं

वित्त मंत्री ने भाषण के दौरान कहा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जिस प्रकार प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार हुआ है और बड़ी संख्या में आयुष्मान कार्ड का वितरण किया गया है, वह अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय मिसाल के रूप में हमारे समक्ष है. आम आदमी क्या सोचता है:

'मुक्त हूं कर्तव्य की चिन्ताओं से, दर्द से दुःख से मुझे आराम है.
हर किसी के वास्ते हर वस्तु है, यह हमारे ऐश्वर्य का पैगाम है.'

उन्होंने कहा, आज से 07 वर्ष पहले कोई यह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि उत्तर प्रदेश इतनी तीव्र गति से ऐसा मुकाम हासिल कर पाएगा. यहां दो पंक्तियां प्रस्तुत हैं...
'पैदा नजर-नजर में एक ऐसा मुकाम कर, दुनिया सफर करे तेरे दामन को थाम कर.'

ओडीएफ समेत विभिन्न योजनाओं में प्रदेश की अभूतपूर्व उपलब्धि पर वित्त मंत्री ने कहा-

आंख का हर अश्रु कण हंसने लगा है,
ढल गई है आह भी संगीत में,
जगमगाता है हृदय का अंधकार,
कष्ट परिवर्तित हुए हैं गीत में।

पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने हमारी सांस्कृतिक धरोहरों की अनदेखी की परन्तु प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में हमारी सांस्कृतिक धारा अधिक प्रवाहमयी हो रही है.

यूनान, मिश्र, रोमा सब मिट गए जहां से,
अब तक मगर है बाकी नामों-निशां हमारा।।

अपने बजट भाषण को खत्म करते हुए वित्त मंत्री ने विपक्ष पर हमला किया-
तुम्हारी शख्सियत से ये सबक लेंगी नई नस्लें,
वहीं मंजिल पर पहुंचा है जो अपने पांव चलता है।
डुबो देता है कोई नाम तक भी खानदानों का,
किसी के नाम से मशहूर होकर गांव चलता है।

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