धनबाद: आगामी विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर देश की कोयला राजधानी धनबाद में भी सियासी जंग छिड़ी हुई है. होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर हर कोई एक दूसरे को नीचा दिखाने और खुद को जनता का सच्चा सेवक बताने में लगे हैं. यहां हम बात कर रहे हैं धनबाद विधानसभा सीट की. धनबाद विधानसभा के विभिन्न इलाकों में समाज सेवी सह फेमस उद्योगपति एलबी सिंह दौरा शुरू कर चुके हैं.
जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनने और उसके निदान की भी बात कह रहे हैं. अपने व्यवसाय को भगवान मानने वाले एलबी सिंह पहले कभी भी जनता के बीच नहीं गए. इनकी बीसीसीएल में आउटसोर्सिंग के जरिए कोयला उत्खनन का कार्य चलता है. आउटसोर्सिंग स्थल के आसपास बसी आबादी के साथ अक्सर विवाद होता रहा है. ग्रामीण और इनकी कंपनी के बीच उपजे विवादों और मारपीट को बयां नहीं किया जा सकता.
एलबी सिंह अब विधायक राज सिन्हा को सीधे जुबानी हमले से टारगेट भी कर रहें हैं. विधायक राज सिन्हा और एलबी सिंह के बीच जुबानी हमला शुरू हो गया है. 20 अगस्त को सड़क पर जलजमाव को लेकर धैया में विधायक राज सिन्हा ने कई लोगों के साथ जल सत्याग्रह किया तो समाज सेवी सह कोयला उद्यमी एलबी सिंह ने आरोपों की बौछार कर दी.
एलबी सिंह ने कहा कि वे 10 साल विधायक रहे. अगर काम किया होता तो जल सत्याग्रह करने की नौबत नहीं आती. धनबाद के युवाओं के लिए उनके मन में प्रेम है. युवा चाहते हैं कि मैं उनका और धनबाद विधानसभा क्षेत्र का नेतृत्व करूं तो मैं इसके लिए तैयार हूं. युवाओं के साथ हूं. धनबाद के विकास के लिए अथक प्रयास करूंगा. विधायक हैं तो जल सत्याग्रह क्यों करना पड़ा. धनबाद का विकास किया होता तो रोड पर बैठकर जल सत्याग्रह नहीं करना पड़ता.
विकास के प्रति ध्यान नहीं दिए हैं. मैं जनप्रतिनिधि को सुझाव देना चाहता हूं कि जनता चुनाव में जीत कर आपको लाती है तो आप शुरू से काम कीजिए और जनता का दिल जीतिए. धनबाद आज भी विकास से वंचित है. बिजली की लचर व्यवस्था है. 24 में 8 घंटे ही बिजली रहती है. धनबाद के विभिन्न क्षेत्रों में मैंने दौरा किया है. मैं किसी के खिलाफ नहीं बोलूंगा कि किसी ने काम नहीं किया है. सभी ने प्रयास किया ही होगा.
पार्टी का नया चेहरा है, ऐसा आसमान में बहुत उड़ता रहता है : राज सिन्हा
वहीं, दूसरी ओर धनबाद विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायक राज सिन्हा ने कहा कि पार्टी का नया चेहरा है. ऐसा आसमान में बहुत उड़ता रहता है. हम जब से विधायक बने हैं गली, नाली और मुहल्ले में ही घूमते रहे हैं और जनता के बीच ही रहे हैं. जनता फिर जिताएगी तो जीतेंगे. पार्टी निर्णय लेगी किसको टिकट देना है और किसको नहीं. जनता जिस पर मुहर लगाएगी, वही चुनाव जीतेगा. चुनाव जीतने के लिए अलग से तैयारी नहीं करना है.
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