जींद : हरियाणा के जींद की सरकारी स्कूल की टीचर ने प्रिंसीपल पर शारीरिक और मानसिक शोषण करने के संगीन आरोप लगाए हैं. इस मामले में शिक्षा विभाग और प्रशासन पर कार्रवाई करने के बजाय प्रिंसिपल को बचाने के आरोप भी पीड़ित टीचर ने लगाए हैं. वहीं प्रिंसिपल ने पूरे मामले को साजिश बताया है.
प्रिंसिपल ने बनाया दबाव : शिकायत करने वाली टीचर ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले स्कूल में प्रिंसिपल ने एक शिक्षक के खिलाफ किसी मामले को लेकर पुलिस में शिकायत दी थी, जिसके बाद से प्रिंसिपल उसे शिक्षक के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव बना रहा था. टीचर का कहना है कि वो तो शिक्षक के बारे में जानती तक नहीं है, ऐसे में उसने पुलिस के सामने किसी भी तरह का बयान देने से इनकार कर दिया.
होटल में खाना खिलाने का ऑफर : पीड़ित टीचर का आरोप है कि करीब सवा साल पहले प्रिंसिपल ने उसे होटल में खाना खिलाने का ऑफर भी दिया है जिसके सबूत भी उसके पास है. उसने इस बारे में पुलिस को भी जानकारी दी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. मई 2023 में उसने शिक्षा विभाग की एक अधिकारी को मौखिक शिकायत भी दी लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद उसने 29 जनवरी 2024 को डीसी को मामले में शिकायत दी. डीसी ने तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई के लिए शिकायत भेज दी, लेकिन वहां भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद डीसी ने जिला परिषद की तत्कालीन सीईओ डॉ. किरण सिंह को जांच सौंपी और उनकी अध्यक्षता में शिकायत कमेटी का गठन कर दिया गया. लेकिन अब तक कमेटी ने जांच रिपोर्ट ही नहीं दी है. शिक्षिका ने इसके बाद 5 जून को महिला आयोग को भी शिकायत दी जिसे उन्होंने एसपी को भेज दी थी. शिक्षिका ने कहा कि वो इस मामले में सीएम विंडो में भी शिकायत कर चुकी हैं.
प्रिंसिपल ने आरोपों को बताया साज़िश : वहीं महिला शिक्षिका के आरोपों पर प्रिंसिपल ने बोलते हुए कहा कि महिला टीचर की तरफ से लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह से गलत है. शिक्षिका ने जो आरोप लगाए हैं, उनकी जांच शिक्षा विभाग की तरफ से आई टीम भी कर चुकी है, लेकिन उसमें कुछ भी हासिल नहीं हुआ है. प्रिंसिपल ने कहा कि उन्होंने पहले जिस शिक्षक के खिलाफ शिकायत दी थी, वही ये सब साज़िश के तहत करवा रहा है.
महिला अधिकारी ही करेंगी सुनवाई : वहीं एडीसी एवं सीईओ विवेक आर्य ने बताया कि महिला शोषण से संबंधित मामले की जांच के लिए स्थानीय शिकायत कमेटी गठित की जाती है. उसकी अध्यक्ष महिला अधिकारी ही होती हैं. तत्कालीन मुख्य कार्यकारी किरण सिंह फिलहाल उचाना में एसडीएम हैं. वे ही इस मामले को देखेंगी. वहीं उचाना की एसडीएम डॉ. किरण सिंह ने बताया कि इस मामले में दोनों पक्षों को बुलाकर एक बार ही सुनवाई हुई थी. उसी दौरान उनका ट्रांसफर हो गया. अगर उनके पास ये मामला आता है, तो आगे की जांच कर रिपोर्ट दी जाएगी.
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