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शिकारियों के फंदे में फंसी मादा तेंदुआ, दो महीने से मचा रखा था आतंक

शामली में खेत में जंगली जानवरों को पकड़ने के लिए लगाए गए फंदे में एक मादा तेंदुआ फंस (Female Leopard Trapped in Cage) गई. इसकी सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. इसके बाद तेंदुए का रेस्क्यू किया गया. वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए का स्वास्थ्य परीक्षण कराया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 27, 2024, 5:14 PM IST

शामली में शिकारियों के फंदे में फंसी मादा तेंदुआ

शामली: शिकारियों द्वारा जंगली जानवरों को पकड़ने के लिए खेत में लगाए गए एक फंदे में मादा तेंदुआ फंस गई. किसानों की सूचना पर वन विभाग की टीमें मौके पर पहुंची और मेरठ से वाइल्ड लाइफ यूनिट को बुलाकर सुरक्षित तरीके से तेंदुए को रेस्क्यू किया गया. वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए का स्वास्थ्य परीक्षण कराया. आलाधिकारियों की अनुमति मिलने के बाद तेंदुए को सुरक्षित वन्य क्षेत्र में छोड़ा जाएगा.

सुन्ना गांव के जंगल में शिकारियों के ट्रेप में फंसी मादा तेंदुए को वन विभाग की टीम ने सुरक्षित रेस्क्यू किया. तेंदुए की उम्र करीब ढ़ाई साल बताई जा रही है. उसके स्वास्थ्य का परीक्षण कराया गया है. अधिकारियों के मुताबिक, हेल्थ संबंधित क्लीयरेंस मिलने के बाद उसे वन क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा. जिला वन अधिकारी शामली जयदेव सिंह ने बताया कि शुक्रवार रात विभाग को सुन्ना गांव के जंगल में तेंदुए के किसी ट्रैप में फंसे होने की सूचना मिली थी. इसके आधार पर टीमों को मौके पर भेजा गया. उन्होंने बताया कि तेंदुए को सुरखित पकड़ने की प्राथमिकता के चलते शनिवार रात करीब 2 बजे मेरठ से विभाग की वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की टीम को मौके पर बुलाया गया. रातभर चले अभियान के बाद तेंदुए को सुरक्षित पिंजरे में रेस्क्यू कर लिया गया.

वन अधिकारी ने बताया कि रेस्क्यू किया गया तेंदुआ मादा है, जिसकी उम्र करीब ढ़ाई वर्ष है. उन्होंने बताया कि फिलहाल वन विभाग द्वारा उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया है. इसके बाद क्लीयरेंस मिलने पर उसे सुरक्षित वन क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा. वन अधिकारी ने बताया कि खेतों पर फंदा किसके द्वारा लगाया गया था, इसकी जांच की जा रही है. हालांकि, इसें वन जीवों का शिकार करने वाले शिकारियों की करतूत बताया जा रहा है.

जनपद में करीब दो महीने से तेंदुआ दिखाई देने की सूचना किसानों द्वारा वन विभाग को दी जा रही थी. तेंदुए के कुछ वीडियो भी सामने आए थे. हालांकि, वन विभाग द्वारा जाल लगाने के बावजूद उसे पकड़ा नहीं जा सका था. पूर्व में विभाग द्वारा खेतों में जाने वाले किसानों, ग्रामीणों, बच्चों और पशुओं की सुरक्षा के लिए एडवायजरी भी जारी की थी. हालांकि, अब मादा तेंदुए के पकड़े जाने पर जनपद के किसानों ने भी राहत की सांस ली है.

यह भी पढ़ें: बागपत में खेत की मेड़ पर लगे तारों में फंसा तेंदुआ, 10 घंटे से रेस्क्यू जारी, वन विभाग की टीम मौजूद

शामली में शिकारियों के फंदे में फंसी मादा तेंदुआ

शामली: शिकारियों द्वारा जंगली जानवरों को पकड़ने के लिए खेत में लगाए गए एक फंदे में मादा तेंदुआ फंस गई. किसानों की सूचना पर वन विभाग की टीमें मौके पर पहुंची और मेरठ से वाइल्ड लाइफ यूनिट को बुलाकर सुरक्षित तरीके से तेंदुए को रेस्क्यू किया गया. वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए का स्वास्थ्य परीक्षण कराया. आलाधिकारियों की अनुमति मिलने के बाद तेंदुए को सुरक्षित वन्य क्षेत्र में छोड़ा जाएगा.

सुन्ना गांव के जंगल में शिकारियों के ट्रेप में फंसी मादा तेंदुए को वन विभाग की टीम ने सुरक्षित रेस्क्यू किया. तेंदुए की उम्र करीब ढ़ाई साल बताई जा रही है. उसके स्वास्थ्य का परीक्षण कराया गया है. अधिकारियों के मुताबिक, हेल्थ संबंधित क्लीयरेंस मिलने के बाद उसे वन क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा. जिला वन अधिकारी शामली जयदेव सिंह ने बताया कि शुक्रवार रात विभाग को सुन्ना गांव के जंगल में तेंदुए के किसी ट्रैप में फंसे होने की सूचना मिली थी. इसके आधार पर टीमों को मौके पर भेजा गया. उन्होंने बताया कि तेंदुए को सुरखित पकड़ने की प्राथमिकता के चलते शनिवार रात करीब 2 बजे मेरठ से विभाग की वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की टीम को मौके पर बुलाया गया. रातभर चले अभियान के बाद तेंदुए को सुरक्षित पिंजरे में रेस्क्यू कर लिया गया.

वन अधिकारी ने बताया कि रेस्क्यू किया गया तेंदुआ मादा है, जिसकी उम्र करीब ढ़ाई वर्ष है. उन्होंने बताया कि फिलहाल वन विभाग द्वारा उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया है. इसके बाद क्लीयरेंस मिलने पर उसे सुरक्षित वन क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा. वन अधिकारी ने बताया कि खेतों पर फंदा किसके द्वारा लगाया गया था, इसकी जांच की जा रही है. हालांकि, इसें वन जीवों का शिकार करने वाले शिकारियों की करतूत बताया जा रहा है.

जनपद में करीब दो महीने से तेंदुआ दिखाई देने की सूचना किसानों द्वारा वन विभाग को दी जा रही थी. तेंदुए के कुछ वीडियो भी सामने आए थे. हालांकि, वन विभाग द्वारा जाल लगाने के बावजूद उसे पकड़ा नहीं जा सका था. पूर्व में विभाग द्वारा खेतों में जाने वाले किसानों, ग्रामीणों, बच्चों और पशुओं की सुरक्षा के लिए एडवायजरी भी जारी की थी. हालांकि, अब मादा तेंदुए के पकड़े जाने पर जनपद के किसानों ने भी राहत की सांस ली है.

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