नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद की साया गोल्ड सोसायटी दिल्ली एनसीआर की प्रीमियम सोसायटियों में से एक है. पिछले सप्ताह से यहां के कई निवासियों ने दस्त, उल्टी, पेट दर्द और बुखार की शिकायत की. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने पानी के सैंपल की जांच की. बताया जा रहा है कि पानी के 15 में से आठ सैंपल में मल संदूषण पाया गया है.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नमूने भूमिगत और ओवरहेड टैंकों से लिए गए थे. जानकारी के अनुसार, दूषित पानी से 762 लोग बीमार हो चुके हैं. 17 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. सोसाइटी में रहने वाले पीएस राठौर का कहना है कि लापरवाही के चलते सोसाइटी में गंदा पानी आ रहा है. सोसाइटी में लोग बीमार पड़ रहे हैं. यह एक प्रीमियम सोसायटी है और हम प्रीमियम सर्विस चार्ज देते हैं. इसके बावजूद सर्विस और मेंटेनेंस के नाम पर सुविधा नहीं है.
पानी में फिकल कॉन्टेमिनेशन मिला: जिला सर्विलांस अधिकारी का कहना है कि साया गोल्ड सोसाइटी से अब तक इकट्ठे किए गए 15 पेयजल के नमूनों में से 8 नमूनों में फिकल कॉन्टेमिनेशन पाया गया है. रख-रखाव कर्मचारियों को टैंकों को फिर से साफ करने, टैंकों का प्रभावी और नियमित क्लोरीनीकरण करने और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. इस बीच परिसर के लोगों को पानी उबालने और क्लोरीन की गोलियां इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है.
किसी की हालत गंभीर नहीं: अधिकारियों का कहना है कि भर्ती कराए गए 17 मरीजों में से 13 का अभी भी विभिन्न निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है. किसी की हालत गंभीर नहीं है. आगे की जांच के लिए पानी और मल के नमूने एकत्र किए जा रहे हैं. घटना के सही कारण का पता लगाने के लिए उन्हें केजीएमयू, लखनऊ भेजा जाएगा. यह स्पष्ट नहीं है कि पानी कैसे दूषित हुआ. नियमों के अनुसार टैंक की नियमित सफाई की जानी चाहिए.