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सुखाड़ की ओर बढ़ता खूंटी! उम्मीद से बहुत कम हो रही धान रोपाई - Fear of drought due to lack of rain - FEAR OF DROUGHT DUE TO LACK OF RAIN

Lack of Rain in Khunti. खूंट की छोटी-बड़ी नदियों से अत्यधिक बालू का अवैध दोहन और पेड़ों की कटाई के कारण बारिश पर इसका ज्यादा असर पड़ा है, जो गरीब किसानों की चिंताएं बढ़ा दी है. बारिश नहीं होने के कारण किसानों के बिचड़े खेतों में सूख रहे हैं.

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खूंटी में सूखे पड़ने की आशंका (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 30, 2024, 4:50 PM IST

खूंटी: जिला में बारिश की कमी होने के कारण सूखे पड़ने की आशंका बनी हुई है. यहां उम्मीद से बहुत कम 9382 हेक्टेयर में धान रोपाई हुई है. इसके चलते किसान परेशान और हताश नजर आ रहे हैं. जिले की छोटी-बड़ी नदियों से अत्यधिक बालू का अवैध दोहन और पेड़ों की कटाई के कारण बारिश पर इसका ज्यादा असर पड़ा है, जो गरीब किसानों की चिंताएं बढ़ा दी है. बारिश नहीं होने के कारण किसानों के बिचड़े खेतों में सूख रहे हैं, जमीनों में दरारें आ गई है. हल्की बारिश से किसानों के चहरे खिलते जरूर है लेकिन जब खेतों तक पहुंचते है तो निराशा हाथ लगती है. यहां के हालात को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मौसम के कारण इस वर्ष भी खूंटी सूखाग्रस्त की सूची में शामिल हो सकती है.

बारिश की कमी को लेकर जानकारी देते किसान और पदाधिकारी (ETV BHARAT)

इस साल भी बिन बारिश सब सून वाली स्थिति बनती जा रही है. आषाढ़ माह अब समापन पर है लेकिन जिला में लक्ष्य के खिलाफ मात्र 10 फीसद धनरोपनी हो पायी है. जबकि हजारों हजार हेक्टेयर में धान की खेती होनी है. 93980 हेक्टेयर भूमि पर रोपनी होनी थी लेकिन अब तक 9382 हेक्टेयर भूमि पर ही रोपनी हुई है. बारिश न होने से रोपनी का समय बीतता जा रहा है. किसान चिंता में पड़े हैं. बड़े किसान किसी तरह कुआं एवं बोरवेल से पटवन कर बिचड़ा बचा कर रोपनी कर लिए हैं लेकिन गरीब किसान आज भी बारिश का इंतजार में है. कुछ जगहों पर बारिश हुआ तो किसान रोपनी में जुटे हुए है लेकिन चिंता इस बात की है कि अगर बारिश नहीं हुआ तो रोपनी बेकार हो जाएगी.

कृषि पदाधिकारी संतोष लकड़ा ने बताया कि इस वर्ष बारिश कम होने के कारण किसानों को परेशानी हो रही है. कुछ जगहों पर बारिश जरूर हुआ लेकिन खेतों में पानी जमा नहीं होने के कारण रोपाई नहीं हो पा रही है. वैकल्पिक व्यवस्था से कुछ किसान खेतों में पटवन कर खेतों को कादो (कीचड़) कर रोपाई कर रहे हैं लेकिन ज्यादातर किसानों के खतों में रोपाई नहीं हो पाया. उन्होंने बताया कि 15 अगस्त तक बारिश की उम्मीद है. इन 15 दिनों में अगर बारिश बेहतर हुआ तो जिले में फसल उगेगा नहीं तो सूखाग्रस्त माना जा सकता है. पदाधिकारी ने बताया कि 29 जुलाई तक लक्ष्य के अनुरूप इस वर्ष बहुत कम वर्षा हुआ है. 1225.4 मिली मीटर के बजाय 245.08 मिली मीटर ही बारिश हुई है. इसी प्रकार जिले में 93980 हेक्टेयर में धान रोपाई होनी चाहिए थी लेकिन 9382 हेक्टेयर में ही रोपाई हो पायी है. उन्होंने बताया कि फिलहाल 9.98 प्रतिशत हो रोपाई हो पाई है.

ये भी पढ़ें: खूंटी शहरी क्षेत्र में डेंगू के मामले में वृद्धि, अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या, अलर्ट मोड में स्वास्थ्य विभाग

ये भी पढ़ें: खूंटी में बालू उठाव को लेकर माफियाओं के बीच जंग, एक गुट ने दूसरे गुट के हाइवा चालकों को पीटा, प्राथमिकी दर्ज

खूंटी: जिला में बारिश की कमी होने के कारण सूखे पड़ने की आशंका बनी हुई है. यहां उम्मीद से बहुत कम 9382 हेक्टेयर में धान रोपाई हुई है. इसके चलते किसान परेशान और हताश नजर आ रहे हैं. जिले की छोटी-बड़ी नदियों से अत्यधिक बालू का अवैध दोहन और पेड़ों की कटाई के कारण बारिश पर इसका ज्यादा असर पड़ा है, जो गरीब किसानों की चिंताएं बढ़ा दी है. बारिश नहीं होने के कारण किसानों के बिचड़े खेतों में सूख रहे हैं, जमीनों में दरारें आ गई है. हल्की बारिश से किसानों के चहरे खिलते जरूर है लेकिन जब खेतों तक पहुंचते है तो निराशा हाथ लगती है. यहां के हालात को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मौसम के कारण इस वर्ष भी खूंटी सूखाग्रस्त की सूची में शामिल हो सकती है.

बारिश की कमी को लेकर जानकारी देते किसान और पदाधिकारी (ETV BHARAT)

इस साल भी बिन बारिश सब सून वाली स्थिति बनती जा रही है. आषाढ़ माह अब समापन पर है लेकिन जिला में लक्ष्य के खिलाफ मात्र 10 फीसद धनरोपनी हो पायी है. जबकि हजारों हजार हेक्टेयर में धान की खेती होनी है. 93980 हेक्टेयर भूमि पर रोपनी होनी थी लेकिन अब तक 9382 हेक्टेयर भूमि पर ही रोपनी हुई है. बारिश न होने से रोपनी का समय बीतता जा रहा है. किसान चिंता में पड़े हैं. बड़े किसान किसी तरह कुआं एवं बोरवेल से पटवन कर बिचड़ा बचा कर रोपनी कर लिए हैं लेकिन गरीब किसान आज भी बारिश का इंतजार में है. कुछ जगहों पर बारिश हुआ तो किसान रोपनी में जुटे हुए है लेकिन चिंता इस बात की है कि अगर बारिश नहीं हुआ तो रोपनी बेकार हो जाएगी.

कृषि पदाधिकारी संतोष लकड़ा ने बताया कि इस वर्ष बारिश कम होने के कारण किसानों को परेशानी हो रही है. कुछ जगहों पर बारिश जरूर हुआ लेकिन खेतों में पानी जमा नहीं होने के कारण रोपाई नहीं हो पा रही है. वैकल्पिक व्यवस्था से कुछ किसान खेतों में पटवन कर खेतों को कादो (कीचड़) कर रोपाई कर रहे हैं लेकिन ज्यादातर किसानों के खतों में रोपाई नहीं हो पाया. उन्होंने बताया कि 15 अगस्त तक बारिश की उम्मीद है. इन 15 दिनों में अगर बारिश बेहतर हुआ तो जिले में फसल उगेगा नहीं तो सूखाग्रस्त माना जा सकता है. पदाधिकारी ने बताया कि 29 जुलाई तक लक्ष्य के अनुरूप इस वर्ष बहुत कम वर्षा हुआ है. 1225.4 मिली मीटर के बजाय 245.08 मिली मीटर ही बारिश हुई है. इसी प्रकार जिले में 93980 हेक्टेयर में धान रोपाई होनी चाहिए थी लेकिन 9382 हेक्टेयर में ही रोपाई हो पायी है. उन्होंने बताया कि फिलहाल 9.98 प्रतिशत हो रोपाई हो पाई है.

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