दुमका: एक पिता अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए महीनों से दर-दर भटक रहा है. पिता ने बताया कि उनकी बेटी जो मधुपुर कार्मेल स्कूल की 10वीं की छात्रा थी, उसे कुछ लोगों ने साजिश के तहत जहर देकर मार डाला, जिसे अब तक न्याय नहीं मिला है. प्रशासन सिर्फ औपचारिकता निभा रहा है, जांच सही दिशा में नहीं हो रही है, ऐसा लग रहा है कि किसी के दबाव में जांच को भड़काया जा रहा है. घटना के डेढ़ महीने बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने से विकास की उम्मीदें टूट गई हैं. वह मीडिया के सामने अपनी बेटी की हत्या की गुत्थी सुलझाने और इस मामले में शामिल अन्य लोगों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
पिता ने मीडिया को एक ऑडियो सुनाया
विकास ने मीडियाकर्मियों को एक ऑडियो उपलब्ध कराया. उनका दावा है कि यह घटना से पहले का ऑडियो है जिसमें मेरी बेटी ने घबराकर मुझे फोन किया था. ऐसा लग रहा था जैसे कोई मेरी बेटी को फोन करने के लिए मजबूर कर रहा है. इस ऑडियो में मेरे और मेरी बेटी के अलावा एक तीसरे व्यक्ति को भी कॉल में जोड़ा गया था जिसे ऑडियो में कहा जा रहा है कि हम कल घर चले जाएंगे. योजनाबद्ध तरीके से बेटी को पहले जरमुंडी यानी घर भेजने की तैयारी की गई और बीच से हटाकर घटना को अंजाम दिया गया.
पुलिस कर रही हत्या को आत्महत्या बताने की कोशिश
विकास का कहना है कि इस पूरे मामले में पुलिस हत्या को आत्महत्या बताने की कोशिश कर रही है क्योंकि मामले की जांच कर रहे अधिकारी कॉल पर बात नहीं करना चाहते और जब वे उनसे मिलने जाते हैं तो अधिकारी मिलते नहीं हैं. इस मामले को सीबीआई को सौंपकर जांच करानी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके.
क्या है मामला?
आपको बता दें कि 15 जुलाई 2024 को कार्मेल स्कूल में पढ़ने वाली जरमुंडी की सृष्टि ने अपने पिता को करीब 11:37 बजे दिन में फोन कर घर आने को कहा था. लेकिन 1:29 बजे सृष्टि की सहेली काव्या ने सृष्टि के पिता विकास को फोन कर दुर्घटना की जानकारी दी. दुर्घटना की सूचना मिलते ही पिता विकास व उनके परिजन शाम 3:30 बजे हीना अस्पताल पहुंचे. विकास ने इलाज करा रही बेटी से जानकारी ली तो बेटी ने बताया कि रितेश कुमार दास व उसके चचेरे भाई दीपक कुमार दास ने मुझे आम के जूस में जहरीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया और गंभीर हालत में अस्पताल लेकर आए.
पिता विकास ने बताया कि जब घटना की पूरी जानकारी ली गई तो सृष्टि ने बताया कि उसकी सहेली काव्या उसे स्टेशन छोड़ने के लिए स्कूटी से निकली थी लेकिन यूजी रेस्टोरेंट में उसे छोड़ दिया. जहां रितेश ने उसे अपनी स्कूटी पर बैठा लिया, रितेश के साथ उसका भाई दीपक भी मौजूद था, वह सृष्टि को सुनसान जगह पर ले गया और जबरन जहरीला पदार्थ मिला आम का जूस पिला दिया और गंभीर हालत में उठाकर हीना अस्पताल ले आया. अस्पताल में काव्या के पिता पहले से ही मौजूद थे.
डॉक्टर ने बताया कि सृष्टि और रितेश की उल्टी में जो पदार्थ निकला था, उसे काव्या के पिता कुंदन कुमार भगत ने नष्ट कर दिया. डॉक्टर ने इलाज करा रही सृष्टि को कुछ देर बाद मृत घोषित कर दिया. लड़की के पिता विकास कुमार यादव के लिखित आवेदन पर मधुपुर थाना में कांड संख्या 14524 दर्ज कर जांच शुरू की गई. जांच का जिम्मा मधुपुर थाना में पदस्थापित एसआई मोहम्मद यूसुफ मलिक को दिया गया.
नेताओं ने दिया था मदद का आश्वासन
जांच के दौरान कांड में संलिप्त रितेश को हिना अस्पताल से ही गिरफ्तार कर लिया गया. ब्लैकमेल करने वाले दूसरे आरोपी पंकज को न्यायालय में पेश कर गिरफ्तार कर लिया गया. घटना के बाद इस मामले को लेकर काफी राजनीतिक गहमागहमी रही. खुद गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस मामले की गंभीरता से जांच की मांग की थी. दीपिका पांडे जो वर्तमान में कृषि मंत्री हैं, उन्होंने भी मृतका के पिता से बात की. मंत्री हफीजुल हसन ने भी लड़की के पिता विकास से बात कर उन्हें हरसंभव मदद करने की बात कही थी.
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