रायपुर: रायपुर में आयोजित राज्य अलंकरण समारोह में तैराक भूमि गुप्ता को भी अवॉर्ड दिया जाना था. हालांकि वो रायपुर में नहीं थी. इस कारण उनके माता-पिता ने उनका पुरस्कार लिया. इस दौरान वो भावुक हो गए. ईटीवी भारत ने भूमि के पिता से बातचीत की. भूमि के पिता काफी गर्वित महसूस कर रहे थे. हालांकि वो अपनी बेटी की कामयाबी पर अपने आंसू रोक नहीं पाए.
कई सालों से कर रही तैराकी: भूमि गुप्ता कोरबा की रहने वाली है. उन्होंने राष्ट्रीय तैराकी में बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसकी वजह से उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है. भूमि के सम्मान से उनके परिजन काफी खुश नजर आए. भूमि के पिता अजय गुप्ता ने ईटीवी भारत को बताया कि, "भूमि 19 साल की है और पिछले कई सालों से वह तैराकी कर रही है. उसने छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है. कई पदक भी जीते हैं. उन्हें राज्य खेल अलंकरण समारोह में शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है. हमें काफी गर्व है."
"एक खिलाड़ी के साथ उसके परिजन भी मेहनत करते हैं. कोच की भूमिका भी अहम होती है. साल 2013 से भूमि ने तैराकी शुरू की थी. आज वह इस मुकाम पर पहुंची है. खेलो इंडिया की एथलीट्स रही हैं. साल 2019 से स्कॉलरशिप भी मिल रही है." -अजय गुप्ता, भूमि गुप्ता के पिता
भावुक नजर आए भूमि के पिता: भूमि के पिता ने बताया, "मुंबई में भी उसे 4 साल ट्रेनिंग कराई गई थी. कोरोना के बाद उसे दिल्ली शिफ्ट किया गया. वहां पर वह ट्रेनिंग ले रही है. 2 साल पहले भोपाल नेशनल में भूमि को चोट भी लगी थी. इसके बाद उसे वापस खेल मैदान में आने के लिए 9 महीने का समय लगा. उसके कंधे की सर्जरी करानी पड़ी. उसके बाद वापस भूमि ने तैरना शुरू किया. जनवरी-फरवरी में ऑल इंडिया खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम में तीन गोल्ड मेडल हासिल किए हैं."
बता दें कि भूमि के पिता अपनी बेटी का अवॉर्ड हाथ में लेने के बाद काफी भावुक हो गए थे. हालांकि उन्होंने अपनी बेटी की कामयाबी पर गर्व महसूस किया. साथ ही राज्य सरकार को धन्यवाद दिया.