रायपुर: अधिकतर लोगों को फास्ट फूड काफी पसंद होता है. बारिश का मौसम हो या फिर कोई और मौसम, बाहर की चीजों को खाने से हमेशा लोगों को बचना चाहिए. जंक फूड या फास्ट फूड में ऐसे कई तरह की चीजें मिलाई जाती है, जो स्वास्थ्य के नजरिए से काफी खतरनाक और नुकसानदायक होता है. ऐसे में बाहर की तली-भूनी जंकफूड या फिर फास्ट फूड का सेवन हमेशा नहीं करना चाहिए. लगातार जंक फूड या फास्ट फूड का सेवन करने से यह ब्रेन की एक्टिविटी को भी प्रभावित करता है. इसके साथ ही इसका सीधा असर डाइजेशन सिस्टम पर पड़ता है.
जानिए क्या कहती हैं डायटिशियन: रायपुर की डाइटिशियन डॉक्टर सारिका श्रीवास्तव भी लोगों को जंक फूड से दूरी बरतने की सलाह देती हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान डायटिशियन ने कहा, "जंक फूड की श्रेणी में ऐसे बहुत सारे चीज आते हैं, जिसमें पिज्जा, बर्गर के साथ ही जितने भी चाइनीज फूड हैं, उसमें फ्रेंच फ्राइज, कुरकुरे जैसी चिप्स शामिल है. इनको बनाने के लिए जिन चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, वह स्वास्थ्य के नजरिए से काफी खतरनाक होता है. इसमें मैदे का उपयोग होता है. मैदा स्वास्थ्य की दृष्टि कौन से काफी हानिकारक माना गया है. इसमें ग्लूटेन की अधिक मात्रा पाई जाती है. ग्लूटेन हमारी आंतों पर जाकर चिपक जाता है.ग्लूटेन सीधे हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम पर अटैक करता है."
जानिए कैसे करता है ब्रेन पर फास्ट फूड अटैक:
- फास्ट फूड का लगातार इस्तेमाल करने से स्वास्थ्य पर इसका उल्टा असर देखने को मिलता है.
- फास्ट फूड अधिकतर मैदे से बनाई जाती है.
- मैदा में ग्लूटेन पाया जाता है, जो मोटापा को बढ़ाता है.
- मैदा कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाता है. किडनी और लीवर से संबंधित परेशानी भी होती है.
- लगातार जंक फूड या फास्ट फूड का सेवन करने से इसका सीधा असर ब्रेन पर पड़ता है.
- इससे मेटाबॉलिक रेट भी कम हो जाता है.
- ब्रेन पर असर पड़ने के कारण ब्रेन हमारा लेथार्जिक हो जाता है.
- इस कारण हमारे सोचने समझने की शक्ति भी कम हो जाती है.
- अगर सप्ताह में एक बार जंक फूड या फास्ट फूड का सेवन किया जाए तो ज्यादा सही है.
- इसके साथ ही वर्तमान में यंग जेनरेशन मोमोस का सेवन अधिक करते हैं.
- ऐसे में मोमोज को मैदे के बजाय मल्टीग्रेंस में कन्वर्ट करके बनाया जाए तो वह हेल्दी रहेगा.