विकासनगर: उत्तराखंड में लंबे समय से किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में जनजाति क्षेत्र के जौनसार बाबर के किसान आसमान पर टकटकी लगाए बैठे हैं. लंबे समय से बारिश और बर्फबारी न होने के चलते किसान मायूस नजर आ रहे हैं, क्योंकि जौनसार बाबा क्षेत्र में अधिकतर कृषक बारिश और बर्फबारी पर निर्भर हैं. जिसके चलते किसानों की फैसलें चौपट होती नजर आ रही हैं. वर्तमान में गेहूं, मसूर और मटर की खेती करने वाले किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है.
पशुओं के चारे की समस्या उत्पन: किसानों का कहना है कि बारिश नहीं होने से सारी फसलें बर्बाद हो रही हैं. साथ ही पशुओं के चारे की समस्या भी उत्पन्न हो गई है. जिसके चलते पशु भी भूखमारी के कगार पर आ गए हैं. यही हाल बागवानी करने वालें बागवानों का है. बर्फबारी ना होने से नाशपाती जैसे फलों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. ऐसे मे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसान अपनी फसलों को लेकर कितने चिंतित हैं.
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बारिश न होने से मटर की खेती चौपट: स्थानीय किसान वीरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि वर्तमान में मटर की खेती कई सालों से अच्छी हो जाती थी, लेकिन इस साल बारिश नहीं होने से मटर की खेती चौपट हो गई है, क्योंकि अधिकतर खेती आसमानी बारिश पर निर्भर है और हम तो भगवान के भरोसे बैठे हैं. स्थानीय काश्तकार राजेश तोमर ने बताया कि बर्फबारी और बारिश नहीं होने से नगदी फसलें चौपट हो चुकी हैं. क्षेत्र के किसानों की आय के साधन कृषि बागवानी पशुपालन पर ही निर्भर हैं.
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