चंडीगढ़: गणतंत्र दिवस 2024 के मौके पर जींद में किसानों ने ट्रैक्टर यात्रा निकाली. किसानों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. ट्रैक्टर यात्रा शुरू करने से पहले किसान नेता फूल सिंह श्योकंद ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के साथ विश्वासघात कर रही है. किसान कानून वापस होने के बाद बीजेपी सरकार ने जो वादे किए थे. वो पूरे नहीं किए हैं. जिसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा लगातार आंदोलनरत है.
जींद में किसानों का प्रदर्शन: किसान नेता ने कहा कि किसानों की मांग है कि एमएसपी गारंटी कानून बनाया जाए, बिजली बिल रद्द किए जाए, लखीमपुर खीरी नरसंहार के दोषी मंत्री को हटाया जाए. सरकार ने किसानों की इनमें से किसी भी मांग को पूरा नहीं किया है. जिसकी वजह से किसानों का आंदोलन जारी है. सरकार की इसी वादाखिलाफी के विरोध में किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला. किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो किसान एक बार फिर से बड़ा आंदोलन करेंगे.
चरखी दादरी में ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा: चरखी दादरी में भी किसानों ने ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा निकाली. खाप पंचायतों ने किसानों की इस यात्रा का समर्थन किया. दादरी में किसानों ने ट्रैक्टरों को चरखी दादरी के लघु सचिवालय में घुसा दिया और जमकर बवाल काटा. पुलिस अधिकारियों को समझाने के बाद किसानों ने ट्रैक्टर लघु सचिवालय से बाहर निकाला. इस दौरान किसानों ने खापों की अगुवाई में सरकार और प्रशासन को खुली चेतावनी देते हुए आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया. सांगवान और फोगाट खाप ने कहा कि हम सरकार को झुकाकर ही दम लेंगे.
करनाल में किसानों का ट्रैक्टर मार्च: करनाल जिले में भी किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. सैकड़ों की संख्या में किसान ट्रैक्टर लेकर रामलीला ग्राउंड में इकट्ठा हुए. जहां से सेक्टर 12 लघु सचिवालय तक ट्रैक्टर मार्च निकाला. किसानों ने कहा कि सरकार ने उनकी मांगों को अभी तक नहीं माना है. जिस वजह से किसान रोष जाहिर कर रहे हैं.
किसान नेता भूपेंद्र सिंह लाडी ने कहा कि जब किसान आंदोलन के दौरान किसान दिल्ली में डेरा डाले हुए बैठे थे, उस समय सरकार के द्वारा आश्वासन दिया गया था और उस आश्वासन के बाद ही किसानों ने उस प्रदर्शन और आंदोलन को खत्म किया था. उसमें मुख्य जो मांग थी न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करना, देश की अनाज मंडियों को खत्म होने से बचाना, लेकिन सरकार ने तो उस समय बोल दिया था कि हम आपकी ये सभी मांगे मान लेंगे, लेकिन किसानों को अभी तक ना ही न्यूनतम समर्थन मूल्य मिला है और ना ही कोई दूसरी मांग पूरी की है.
ये भी पढ़ें- फसल मुआवजे के लिए 4 जिले के किसानों ने किया अर्धनग्न होकर प्रदर्शन
ये भी पढ़ें- किसानों ने फिर किया दिल्ली कूच का ऐलान, बोले- पहले जैसा होगा किसान आंदोलन