भीलवाड़ा. जिले के किसानों ने खरीफ की फसल के रूप में कपास की फसल की बुआई शुरू कर दी है. कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक ने किसानों से बीज खरीदते समय उसकी गुणवत्ता का ध्यान रखने को कहा है. साथ ही आगाह किया है कि किसी प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए बीज खरीदते समय उसका बिल भी अवश्य लें.
विभाग के संयुक्त निदेशक जी.एल.कुमावत ने कहा कि हमारा लक्ष्य किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराना है. इसलिए कृषि विभाग की ओर से जिले में संचालित कृषि की दुकानों से बीज के नमूने लिए जा रहे हैं. इस समय जिले में प्रर्याप्त मात्रा में डीएपी व यूरिया खाद भी उपलब्ध है.
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खेतों में जुताई का काम शुरू: जिले में जहां भी भूमिगत जल स्रोतों में पानी उपलब्ध है, वहां के किसानों ने खरीफ के लिए कपास की फसल की बुआई की शुरुआत कर दी है. किसान वर्तमान में खेत में गोबर का खाद डालने के साथ ही खेत की जुताई का काम कर रहे हैं. कई जगह तो कपास की फसल की बुवाई की शुरुआत हो चुकी है.
भीलवाड़ा कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक जी.एल. कुमावत ने किसानों को सलाह देते कहा कि जिले में खरीफ की फसल के लिए कपास के बीज विक्रेताओं के पास पर्याप्त मात्रा में 'बीटी कॉटन' कपास के बीज की व्यवस्था है. इन कपास के बीज पर कृषि विभाग की पूरी निगरानी है. उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे जिस भी दुकान से कपास का बीज खरीदें, वहां से भीलवाड़ा जिले के लिए अनुमोदित बीटी कपास की किस्म ही खरीदें . साथ ही बिना बिल के बीज नहीं खरीदें.
बूंद—बूंद सिंचाई योजना का लाभ लें: उन्होंने कहा कि जिले में जिस क्षेत्र में पानी की उपलब्धता कम है और किसान कपास की फसल की बुवाई करना चाहता है तो वहां किसान बूंद- बूंद सिंचाई योजना से पानी की सिंचाई कर सकते हैं. जिले में खरीफ की फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में सहकारी समिति व निजी विक्रेताओं के पास डीएपी व यूरिया खाद की व्यवस्था है।