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गंगनौली बिजली घर पर किसानों ने दिया धरना, घंटो बाधित रही इलेक्ट्रिसिटी, गर्मी में मचा आहाकार - Strike at Gangauli power plant

Farmers protest in Laksar, Strike at Gangauli power plant लक्सर में किसानों में विद्युत आपूर्ति को लेकर बिजली घर पर धरना दिया. इस दौरान क्षेत्र में घंटो बिजली बाधित रही. जिसके कारण क्षेत्रवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.

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गंगनौली बिजली घर पर किसानों ने दिया धरना (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 27, 2024, 10:25 PM IST

लक्सर: देहात के करीब तीन दर्जन गांवों में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में सुधार सहित अन्य मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (पटेल) से जुड़े किसानों ने गंगनौली बिजलीघर पर धरना दिया. इस दौरान किसानों ने लक्सर नगर सहित क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति बंद करा दी. भीषण गर्मी में घन्टों तक बिजली न होने से क्षेत्र की जनता बेहाल रही. मौके पर पहुंचे तहसीलदार और विद्युत विभाग के ईई ने किसानों से वार्ता की. उनकी मांगों को मानने का आश्वासन दिया. इसके बाद धरना समाप्त किया गया.

सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (पटेल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी कीरत सिंह के नेतृत्व में संगठन से जुड़े किसान बड़ी संख्या मे लक्सर के गंगनौली स्थित मुख्य बिजलीघर पहुंचे. किसानों ने बिजलीघर से उप बिजली घरों को होने वाली आपूर्ति बंद करा दी. इसके बाद वह नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए. यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी कीरत सिंह ने कहा कि एथल क्षेत्र के एथल लादपुर, मखियाली, कासमपुर, मुबारिकपुर सहित करीब तीन दर्जन गांवों में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बदहाल है. बीते पंद्रह दिनों में इन गांवों में बामुश्किल चार पांच घन्टे ही विद्युत आपूर्ति हो पा रही है. इससे इन गांवों की आबादी परेशान हैं. इसके अलावा भी क्षेत्र में निर्बाध बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है.

देहात क्षेत्र में चंद घन्टे ही बिजली आपूर्ति हो रही है, लेकिन विभाग भारी भरकम बिल उपभोक्ताओं को भेज रहा है. आम जनता और किसान, मजदूर सभी इससे परेशान हैं. गलत बिजली बिल ठीक कराने के लिए लोग दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं. उपभोक्ताओं को सरचार्ज में छूट न मिलने से वह रुके हुए विद्युत बिल जमा नहीं कर पा रहे हैं. पूर्व में आपदा प्रभावित क्षेत्र में विद्युत बिल माफ़ी की बात कही गई थी.

इस बीच तहसीलदार प्रताप सिंह चौहान ने मौके पर पहुंचकर किसानों से वार्ता की. विद्युत विभाग के ईई एस के गुप्ता भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने उनकी मांगों के शीघ्र निस्तारण का आश्वासन दिया. इसके बाद किसानों ने विद्युत आपूर्ति चालू करा दी. किसानों ने मांगों पर कार्रवाई नहीं होने पर दोबारा आपूर्ति ठप्प कर आंदोलन की चेतावनी दी.

पढ़ें- उत्तराखंड में अचानक 25 फीसदी बढ़ी बिजली की मांग, रोज आपूर्ति के लिए खाली हो रहा सरकारी खजाना - Electricity Demand Increased

लक्सर: देहात के करीब तीन दर्जन गांवों में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में सुधार सहित अन्य मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (पटेल) से जुड़े किसानों ने गंगनौली बिजलीघर पर धरना दिया. इस दौरान किसानों ने लक्सर नगर सहित क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति बंद करा दी. भीषण गर्मी में घन्टों तक बिजली न होने से क्षेत्र की जनता बेहाल रही. मौके पर पहुंचे तहसीलदार और विद्युत विभाग के ईई ने किसानों से वार्ता की. उनकी मांगों को मानने का आश्वासन दिया. इसके बाद धरना समाप्त किया गया.

सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (पटेल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी कीरत सिंह के नेतृत्व में संगठन से जुड़े किसान बड़ी संख्या मे लक्सर के गंगनौली स्थित मुख्य बिजलीघर पहुंचे. किसानों ने बिजलीघर से उप बिजली घरों को होने वाली आपूर्ति बंद करा दी. इसके बाद वह नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए. यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी कीरत सिंह ने कहा कि एथल क्षेत्र के एथल लादपुर, मखियाली, कासमपुर, मुबारिकपुर सहित करीब तीन दर्जन गांवों में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बदहाल है. बीते पंद्रह दिनों में इन गांवों में बामुश्किल चार पांच घन्टे ही विद्युत आपूर्ति हो पा रही है. इससे इन गांवों की आबादी परेशान हैं. इसके अलावा भी क्षेत्र में निर्बाध बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है.

देहात क्षेत्र में चंद घन्टे ही बिजली आपूर्ति हो रही है, लेकिन विभाग भारी भरकम बिल उपभोक्ताओं को भेज रहा है. आम जनता और किसान, मजदूर सभी इससे परेशान हैं. गलत बिजली बिल ठीक कराने के लिए लोग दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं. उपभोक्ताओं को सरचार्ज में छूट न मिलने से वह रुके हुए विद्युत बिल जमा नहीं कर पा रहे हैं. पूर्व में आपदा प्रभावित क्षेत्र में विद्युत बिल माफ़ी की बात कही गई थी.

इस बीच तहसीलदार प्रताप सिंह चौहान ने मौके पर पहुंचकर किसानों से वार्ता की. विद्युत विभाग के ईई एस के गुप्ता भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने उनकी मांगों के शीघ्र निस्तारण का आश्वासन दिया. इसके बाद किसानों ने विद्युत आपूर्ति चालू करा दी. किसानों ने मांगों पर कार्रवाई नहीं होने पर दोबारा आपूर्ति ठप्प कर आंदोलन की चेतावनी दी.

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