अंबाला: एमएसपी गारंटी कानून, स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करने समेत कई मांगों को लेकर किसान शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं. फिलहाल किसानों ने दिल्ली कूच कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है. जिसके चलते किसानों ने अब शंभू बॉर्डर पर पक्का मोर्चा लगा लिया है. किसानों ने बदलते मौसम से बचने के लिए अपनी ट्रॉलियों को ही घर में तब्दील कर दिया है. जिसमें आपको रोजमर्रा की तरह की सुविधा देखने मिल जाएगी.
किसानों ने शंभू बॉर्डर पर लगाया पक्का मोर्चा: रोड होम ट्रॉलियों में किसानों ने रोजमर्रा के जरूरत की सभी चीजें लगा दी हैं. ट्रॉलियों में सोने के लिए बेड, एसी, चार्जिंग स्लॉट, किचन का सेटअप लगा दिया है. इसके अलावा आस पास के लोग किसानों के खाने लिए लंगर की व्यवस्था भी कर रहे हैं. इस बारे में महिला किसानों ने बताया कि उन्हें ट्रॉलियों में रहने का शौक नहीं है, लेकिन जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती. तब तक वो बॉर्डर पर हो डटे रहेंगे.
किसान आंदोलन 2.0 में कई किसानों की मौत हुई है. इसपर महिला किसानों ने कहा कि किसानों की मौत पर उन्हें बहुत दुख है. वो किसानों की शहादत के बेकार नहीं जाने देंगी. महिलाओं ने कहा कि जैसे इन्होंने बॉर्डर को कीलें लगाकर सील किया है. ऐसे ही हम भी गांव के प्रवेश द्वार को कील लगाकर सील करेंगे, ताकि कोई भी वोट मांगने गांव में ना घुस पाए. महिला किसानों ने कहा कि या तो सरकार उनकी मांग को पूरा करें, नहीं तो उनका आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा.