ETV Bharat / state

आगरा इनर रिंग रोड के बीच तंबू लगाकर बैठे किसान; ट्रैक्टर-ट्रालियां अड़ाकर लगाया जाम, महिलाएं हुईं उग्र - AGRA FARMERS PROTEST

किसान बोले, न तो उनको मुआवजा मिला और न जमीन उनकी रही है. कई वर्षों से जमीन वापसी की मांग कर रहे हैं.

Etv Bharat
आगरा में किसानों का प्रदर्शन. (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 30, 2024, 11:46 AM IST

Updated : Dec 30, 2024, 3:35 PM IST

आगरा: ताजनगरी आगरा में 15 साल से अपनी जमीन वापसी की मांग कर रहे किसान सोमवार की सुबह इनररिंग रोड पर तंबू लगाकर बैठ गए. इनररिंग रोड के बीचो-बीच तंबू लगाने के साथ ही किसानों ने ट्रक्टर-ट्रॉली से सड़क को ब्लॉक कर दिया. इसकी वजह से यमुना एक्सप्रेस-वे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से आने-जाने वाले लोग परेशान हैं.

इनर रिंग रोड पर धरने पर बैठी महिलाएं दोपहर में उग्र हो गईं. हाथों में लाठी-डंडे लेकर इनर रिंग रोड के दूसरी तरफ पहुंच गईं और जाम लगा दिया. मौके पर मौजूद भारी पुलिस फोर्स महिलाओं को रोड से हटाने में जुटा. इससे कई किलोमीटर लम्बा जाम लग गया.

जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी हरकत में आ गए. अधिकारी किसानों से बात कर रहे हैं. मगर, बात नहीं बन रही है. किसान रविवार दोपहर से ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ सड़क किनारे पर डेरा डाले बैठे हैं. किसानों के धरने में महिलाएं भी शामिल हैं. जो तख्ती और बैनर लेकर बैठी हैं. जिला प्रशासन ने किसानों से वार्ता की कोशिश की. लेकिन, किसान मुख्यमंत्री से मिलवाने और जमीन वापसी की मांग पर अड़े हैं.

आगरा में किसानों का प्रदर्शन. (Video Credit; ETV Bharat)

बता दें कि एत्मादपुर तहसील के गांव रायपुर और रहनकला के किसान, महिलाएं और युवा हाथों में डंडे लेकर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर सवार होकर रविवार दोपहर 12 बजे इनर रिंग रोड के टोल प्लाजा के पास पहुंचे. उन्होंने एक लेन पर ट्रैक्टर-ट्रॉली आड़े-तिरछे खड़े कर दिए. इसके बाद वहीं धरने पर बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी थी.

किसानों का कहना है कि न तो उनको मुआवजा मिला और न जमीन उनकी रही है. कई वर्षों से जमीन वापसी की मांग कर रहे हैं. लेकिन, प्रशासन सुनवाई नहीं कर रहा. लखनऊ स्तर पर भी अधिकारियों से वार्ता बेनतीजा रही है. अब वे बातचीत नहीं करना चाहते हैं. हमको अपनी जमीन वापस चाहिए. किसानों के आंदोलन पर एडीएम सिटी अनूप कुमार, एडीए सचिव श्रद्धा शांडिल्यायन, एसडीएम संगमलाल, एसीपी पीयूष कांत राय ने रविवार रात तक किसानों से वार्ता की. लेकिन वे जमीन वापसी पर अड़े रहे.

किसान नेता प्रदीप शर्मा ने कहा कि इस प्रकरण में मुख्यमंत्री से किसानों के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता कराई जाए. जब तक मुख्यमंत्री से वार्ता का आश्वासन नहीं मिल जाता है. किसान इनर रिंग रोड से नहीं हटेंगे. जब हमारी सुनवाई नहीं हो रही है तो हमने रोड किया है. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि एडीए ने ये भूमि राजस्व अभिलेखो में अपने नाम करा ली, जिससे किसानों का मालिकाना हक खत्म हो गया.

वे न तो जमीन पर ऋण ले सकते हैं और ना ही आपात स्थिति में अपनी भूमि बेच सकते हैं. जाम लगने से इनर रिंग रोड पर टोल प्लाजा के पास पहुंचकर यमुना एक्सप्रेस-वे से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को जोड़ने वाली लेन बंद हो गई हैं. पुलिस जाम खुलवाने का प्रयास कर रहे हैं. पुलिस को मौके पर बुलाया गया है. आगरा डीएम अरविंद मलण्या बंगारी ने बताया कि किसानों से लगातार बात कर रहे हैं. उन्हें उनकी समस्या का शीघ्र निस्तारण का आश्वासन दिया है. फिलहाल किसान कोई बात मान नहीं रहे है. इस बारे में किसानों से बातचीत की जा रही है.

क्या है मामला: सन 2009 में रायपुर और रहनकला मौजा के 14 गांव के पांच हजार किसानों की 444 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया था. आगरा विकास प्राधिकरण ने खतौनी से किसानों के नाम हटाकर अपना नाम अंकित कर दिया है. इससे किसान उस जमीन को दूसरी जगह बिक्री भी नहीं कर सकते हैं. किसानों का कहना है कि अब तक मुआवजा नहीं दिया, इसलिए अब वह अपनी जमीन वापस लेना चाहते हैं. उन्हें जमीन लौटाकर खतौनी में दोबारा नाम अंकित किया जाए.

कब क्या हुआ ?

  • वर्ष 2009 में इनर रिंग रोड और लैंड पार्सल के लिए आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ने रायपुर और रहनकला गांव की 600 हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया था. जिसमें कुछ किसानों को जमीन का मुआवजा मिल गया. अधिग्रहीत भूमि में से 444 हेक्टेयर भूमि के मालिक किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है. जिसके लिए लगातार किसान आंदोलन कर रहे हैं.
  • जुलाई 2023 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्किट हाउस में एत्मादपुर विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने किसानों की इस समस्या को उठाया था. जिस पर मुख्यमंत्री योगी ने किसानों को चार गुणा मुआवजा देने या भूमि वापस करने को कहा था.
  • 2023 में तत्कालीन डीएम ने 11 सदस्यीय समिति गठित की. समिति ने किसानों को पुरानी दर से मुआवजा वितरित करने को उचित नहीं माना था. अंतर की धनराशि के लिए अनुग्रह धनराशि देने की मांग की गई थी.
  • एडीए ने शासन को अनुग्रह धनराशि या भूमि छोड़ने का प्रस्ताव तैयार कर भेजा था. जिससे किसानों को सर्किल रेट का चार गुणा मुआवजा दिया जा सके. शासन से इस पर फिजीविलिटी रिपोर्ट मांगी गई.
  • एडीए ने फिजिविलिटी रिपोर्ट भेज दी थी. किसानों को मुआवजा वितरित कर भूमि को लेने को व्यवहारिक माना था. इसके बाद एक बार फिर भूमि छोड़ने का प्रस्ताव भेज दिया. इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है.

ये भी पढ़ेंः VIDEO; संभल में दिल दहला देने वाला हादसा; बोलेरो में फंसी बाइक, 2 किलोमीटर तक घिसटी, निकलती रही चिनगारी

आगरा: ताजनगरी आगरा में 15 साल से अपनी जमीन वापसी की मांग कर रहे किसान सोमवार की सुबह इनररिंग रोड पर तंबू लगाकर बैठ गए. इनररिंग रोड के बीचो-बीच तंबू लगाने के साथ ही किसानों ने ट्रक्टर-ट्रॉली से सड़क को ब्लॉक कर दिया. इसकी वजह से यमुना एक्सप्रेस-वे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से आने-जाने वाले लोग परेशान हैं.

इनर रिंग रोड पर धरने पर बैठी महिलाएं दोपहर में उग्र हो गईं. हाथों में लाठी-डंडे लेकर इनर रिंग रोड के दूसरी तरफ पहुंच गईं और जाम लगा दिया. मौके पर मौजूद भारी पुलिस फोर्स महिलाओं को रोड से हटाने में जुटा. इससे कई किलोमीटर लम्बा जाम लग गया.

जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी हरकत में आ गए. अधिकारी किसानों से बात कर रहे हैं. मगर, बात नहीं बन रही है. किसान रविवार दोपहर से ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ सड़क किनारे पर डेरा डाले बैठे हैं. किसानों के धरने में महिलाएं भी शामिल हैं. जो तख्ती और बैनर लेकर बैठी हैं. जिला प्रशासन ने किसानों से वार्ता की कोशिश की. लेकिन, किसान मुख्यमंत्री से मिलवाने और जमीन वापसी की मांग पर अड़े हैं.

आगरा में किसानों का प्रदर्शन. (Video Credit; ETV Bharat)

बता दें कि एत्मादपुर तहसील के गांव रायपुर और रहनकला के किसान, महिलाएं और युवा हाथों में डंडे लेकर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर सवार होकर रविवार दोपहर 12 बजे इनर रिंग रोड के टोल प्लाजा के पास पहुंचे. उन्होंने एक लेन पर ट्रैक्टर-ट्रॉली आड़े-तिरछे खड़े कर दिए. इसके बाद वहीं धरने पर बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी थी.

किसानों का कहना है कि न तो उनको मुआवजा मिला और न जमीन उनकी रही है. कई वर्षों से जमीन वापसी की मांग कर रहे हैं. लेकिन, प्रशासन सुनवाई नहीं कर रहा. लखनऊ स्तर पर भी अधिकारियों से वार्ता बेनतीजा रही है. अब वे बातचीत नहीं करना चाहते हैं. हमको अपनी जमीन वापस चाहिए. किसानों के आंदोलन पर एडीएम सिटी अनूप कुमार, एडीए सचिव श्रद्धा शांडिल्यायन, एसडीएम संगमलाल, एसीपी पीयूष कांत राय ने रविवार रात तक किसानों से वार्ता की. लेकिन वे जमीन वापसी पर अड़े रहे.

किसान नेता प्रदीप शर्मा ने कहा कि इस प्रकरण में मुख्यमंत्री से किसानों के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता कराई जाए. जब तक मुख्यमंत्री से वार्ता का आश्वासन नहीं मिल जाता है. किसान इनर रिंग रोड से नहीं हटेंगे. जब हमारी सुनवाई नहीं हो रही है तो हमने रोड किया है. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि एडीए ने ये भूमि राजस्व अभिलेखो में अपने नाम करा ली, जिससे किसानों का मालिकाना हक खत्म हो गया.

वे न तो जमीन पर ऋण ले सकते हैं और ना ही आपात स्थिति में अपनी भूमि बेच सकते हैं. जाम लगने से इनर रिंग रोड पर टोल प्लाजा के पास पहुंचकर यमुना एक्सप्रेस-वे से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को जोड़ने वाली लेन बंद हो गई हैं. पुलिस जाम खुलवाने का प्रयास कर रहे हैं. पुलिस को मौके पर बुलाया गया है. आगरा डीएम अरविंद मलण्या बंगारी ने बताया कि किसानों से लगातार बात कर रहे हैं. उन्हें उनकी समस्या का शीघ्र निस्तारण का आश्वासन दिया है. फिलहाल किसान कोई बात मान नहीं रहे है. इस बारे में किसानों से बातचीत की जा रही है.

क्या है मामला: सन 2009 में रायपुर और रहनकला मौजा के 14 गांव के पांच हजार किसानों की 444 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया था. आगरा विकास प्राधिकरण ने खतौनी से किसानों के नाम हटाकर अपना नाम अंकित कर दिया है. इससे किसान उस जमीन को दूसरी जगह बिक्री भी नहीं कर सकते हैं. किसानों का कहना है कि अब तक मुआवजा नहीं दिया, इसलिए अब वह अपनी जमीन वापस लेना चाहते हैं. उन्हें जमीन लौटाकर खतौनी में दोबारा नाम अंकित किया जाए.

कब क्या हुआ ?

  • वर्ष 2009 में इनर रिंग रोड और लैंड पार्सल के लिए आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ने रायपुर और रहनकला गांव की 600 हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया था. जिसमें कुछ किसानों को जमीन का मुआवजा मिल गया. अधिग्रहीत भूमि में से 444 हेक्टेयर भूमि के मालिक किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है. जिसके लिए लगातार किसान आंदोलन कर रहे हैं.
  • जुलाई 2023 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्किट हाउस में एत्मादपुर विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने किसानों की इस समस्या को उठाया था. जिस पर मुख्यमंत्री योगी ने किसानों को चार गुणा मुआवजा देने या भूमि वापस करने को कहा था.
  • 2023 में तत्कालीन डीएम ने 11 सदस्यीय समिति गठित की. समिति ने किसानों को पुरानी दर से मुआवजा वितरित करने को उचित नहीं माना था. अंतर की धनराशि के लिए अनुग्रह धनराशि देने की मांग की गई थी.
  • एडीए ने शासन को अनुग्रह धनराशि या भूमि छोड़ने का प्रस्ताव तैयार कर भेजा था. जिससे किसानों को सर्किल रेट का चार गुणा मुआवजा दिया जा सके. शासन से इस पर फिजीविलिटी रिपोर्ट मांगी गई.
  • एडीए ने फिजिविलिटी रिपोर्ट भेज दी थी. किसानों को मुआवजा वितरित कर भूमि को लेने को व्यवहारिक माना था. इसके बाद एक बार फिर भूमि छोड़ने का प्रस्ताव भेज दिया. इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है.

ये भी पढ़ेंः VIDEO; संभल में दिल दहला देने वाला हादसा; बोलेरो में फंसी बाइक, 2 किलोमीटर तक घिसटी, निकलती रही चिनगारी

Last Updated : Dec 30, 2024, 3:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.