समस्तीपुरः बिहार के समस्तीपुर में कृषि समन्वयक को बंधक बनाए जाने का मामला सामने आया है. मामला जिले के रोसरा अनुमंडल के शिवाजी नगर थाना क्षेत्र के मऊ उत्तर पंचायत का है. डीजल अनुदान का आवेदन रद्द होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने कृषि समन्वयक विजय शंकर कुमार बंधक बना लिया और बांस के बिट में गमछा से कृषि समन्वयक को बांध दिया.
समस्तीपुर में कृषि समन्वयक बंधक : आक्रोशित किसान वरीय पदाधिकारी को मौके पर बुलाने की मांग को लेकर अड़े रहे. इस दौरान ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी भी की. आक्रोशित किसानों ने बताया कि कृषि समन्वयक के द्वारा जीरो टैग किया गया था लेकिन सभी किसानों के आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया है. किसानों ने बताया कि आवेदन रद्द करने का कारण भी नहीं बताया गया है इसलिए हमलोगों ने बंधक बना लिया.
"मैंने डीजल अनुदान के लिए आवेदन किया था लेकिन वह रद्द हो गया. कृषि समन्वयक से कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि यह ऊपर से रद्द हुआ है. मेरी ओर से पास कर दिया गया था. इसी को लेकर हमलोगों ने कृषि समन्वयक बंधक बना लिया. अब वरीय पदाधिकारी आएंगे इसके बाद छोड़ा जाएगा." - मकेश्वर यादव, किसान
डीजन अनुदान नहीं मिलने से नाराज थे किसान : मऊ नगर पूर्वी पंचायत के एक और किसान ने बताया कि, ''हम लोगो से डीजल अनुदान के लिए फॉर्म भरवाकर ले गए. लेकिन बिना जांचे आवेदन को रद्द कर दिया गया. जब कारण पूछा गया तो विभाग द्वारा कई तरह की कमियां बताई गई, कहा गया कि आपकी जमीन में रिश्तेदार (बेटा और पोता) बटाईदार नहीं हो सकता है. हम लोगों का आर्थिक शोषण हो रहा है. हम लोग कर्ज लेकर खेती करते हैं, हमारी परेशानी कोई नहीं सुनता है.''
'इसलिए कृषि समन्वयक को बनाया बंधक' : वहीं किसानों का कहना था कि डीजल अनुदान से संबंधित सारी प्रक्रिया कृषि समन्वयक ही करते हैं, इसलिए हम लोगों ने उन्हें ही बंधक बना लिया हैं. बताया जाता है कि 100 से ज्यादा डीजल अनुदान का आवेदन अनुमंडल कृषि कार्यालय भेजा गया था, जिसमें से सिर्फ 50 की स्वीकृति मिली थी.
क्या बोले कृषि समन्वयक ? : बंधक बनाए जाने पर कृषि समन्वयक विजय शंकर कुमार अपनी सफाई देते रहे लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी. गमछा से उनका हाथ बांधकर बांस से बांध दिया गया. कृषि समन्वयक विजय शंकर कुमार ने बताया कि मेरे ओर से आवेदन रद्द नहीं किया गया. यह उपर लेवल की बात है. इसके बावजूद हमें बंधक बना लिया गया. कृषि पदाधिकारी हमें यहां से छुड़ा कर ले जाएं.
"डीजल अनुदान का आवेदन अनुमंडल कृषि पदाधिकारी द्वारा रद्द कर दिया गया. आवेदन रद्द होने में मेरा कोई कसूर नहीं है. इन लोगों को डीजल अनुदान नहीं मिल रहा है, इसलिए आक्रोशित हैं और हमें बंधक बना लिया हैं. मेरा दोनों हाथ बंधे है, इस कारण मैं पदाधिकारी को फोन भी नहीं कर पा रहा हूं. यह लोग हाथ खोलेंगे तब वरीय पदाधिकारी को इसकी सूचना देंगे.'' - विजय शंकर कुमार, कृषि समन्वयक
रद्द आवेदन की जांच का आदेश : बताया जाता है कि स्थानीय लोगों की मध्यस्ता के बाद कृषि समन्वयक को किसानों ने बाद में छोड़ दिया. इस संबंध में कृषि पदाधिकारी व अनुमंडल कृषि पदाधिकारी द्वारा फोन पर किसानों से बातचीत की गयी. पदाधिकारी ने सभी रिजेक्ट आवेदनों की जांच कर किसानों को डीजल अनुदान देने का भरोसा दिया. तब जाकर कृषि समन्वयक विजय शंकर कुमार को मौके से छोड़ा गया.
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