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देशव्यापी आंदोलन के समर्थन में 16 फरवरी को झारखंड में किसानों का प्रदर्शन, कहा- जरूरत पड़ी दिल्ली कूच करेंगे प्रदेश के दो हजार किसान

Jharkhand farmers in support of Kisan Andolan. दिल्ली में किसान आंदोलन ने जोड़ पकड़ लिया है. इस आंदोलन के समर्थन में राजनीतिक दलों के अलावा विभिन्न राज्यों के किसान भी उनका समर्थन कर रहे हैं. इसी कड़ी में 16 फरवरी को झारखंड में किसानों का प्रदर्शन होगा.

Jharkhand farmers going to Delhi in support of Kisan Andolan
किसान आंदोलन के समर्थन में दिल्ली जा रहे झारखंड के किसान
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 15, 2024, 7:53 PM IST

16 फरवरी को झारखंड में किसानों का प्रदर्शन, जानकारी देते किसान नेता

रांची: पूरे देश में किसानों के द्वारा किए जा रहे आंदोलन जोरों पर है. सभी राज्यों के किसान अन्नदाताओं के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं. झारखंड राज्य के भी किसान इस आंदोलन को लेकर गंभीर हैं. किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदेश के किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं. दिल्ली में आंदोलनरत किसानों के समर्थन में 16 फरवरी को झारखंड में किसानों प्रदर्शन का होगा.

झारखंड के वरिष्ठ किसान नेता प्रफुल्ल लिंडा ने कहा कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली कूच करने से सरकार रोक रही है, यह देश भर के किसानों में आक्रोश पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर झारखंड के भी किसान अन्नदाताओं के द्वारा बुलाए गए, इस आंदोलन में अपने-अपने तरीके से शामिल हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि 16 फरवरी को दिल्ली में हो रहे आंदोलन के समर्थन में झारखंड में भी प्रदेश के सभी जिलों में प्रदर्शन किया जाएगा.

किसान नेता प्रफुल्ल लिंडा ने कहा कि किसानों के द्वारा रांची से टाटा रोड, रांची से लोहरदगा रोड के साथ-साथ विभिन्न चौक चौराहों पर जाम कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. किसान नेता प्रफुल लिंडा ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से गुरुवार की देर शाम आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत की जाएगी. इस बातचीत में क्या कुछ निष्कर्ष निकलता है और किसान भाई क्या निर्णय लेते हैं, उसी आधार पर झारखंड के किसान भी अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे. झारखंड के किसान नेताओं ने कहा कि अगर केंद्र सरकार से बातचीत सफल नहीं होती है तो दिल्ली पहुंचने वाले किसानों के समर्थन में झारखंड से भी करीब दो हजार किसान भाई आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचेंगे.

वहीं किसानों के समर्थन में पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि जैसे आदिवासियों को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है. वैसे ही देश से किसानों की खेतों पर कब्जा करने की साजिश केंद्र सरकार रच रही है. आज भारत कृषि प्रधान देश है और अगर यही पर किसानों के साथ दमनकारी रवैया अपनाया जाएगा तो फिर देश के अन्नदाता लोगों का पेट कैसे भरेंगे. केंद्र में बैठी सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान पर विचार करें. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले समय में झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से भी किसान अपने गुस्से को जाहिर करने के लिए दिल्ली कूच करने से नहीं चूकेंगे.

बता दें कि एमएसपी पर कानून लाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर देश भर के कई किसान आंदोलन करने के लिए दिल्ली कूच कर रहे हैं. जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने किसानों को रोकने के लिए दिल्ली के बॉर्डर पर कई जगह बैरिकेडिंग लगाए हैं. जिसको लेकर केंद्र सरकार पर भी कई सवाल उठाए जा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- हरियाणा में किसानों पर लाठीचार्ज के खिलाफ झारखंड में माले का विरोध मार्च, मोदी सरकार का फूंका पुतला

इसे भी पढ़ें- केंद्र और ईडी के खिलाफ झामुमो का उपवास कार्यक्रम, रांची के बापू वाटिका में बड़ी संख्या में अनशन पर बैठे कार्यकर्ता

16 फरवरी को झारखंड में किसानों का प्रदर्शन, जानकारी देते किसान नेता

रांची: पूरे देश में किसानों के द्वारा किए जा रहे आंदोलन जोरों पर है. सभी राज्यों के किसान अन्नदाताओं के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं. झारखंड राज्य के भी किसान इस आंदोलन को लेकर गंभीर हैं. किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदेश के किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं. दिल्ली में आंदोलनरत किसानों के समर्थन में 16 फरवरी को झारखंड में किसानों प्रदर्शन का होगा.

झारखंड के वरिष्ठ किसान नेता प्रफुल्ल लिंडा ने कहा कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली कूच करने से सरकार रोक रही है, यह देश भर के किसानों में आक्रोश पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर झारखंड के भी किसान अन्नदाताओं के द्वारा बुलाए गए, इस आंदोलन में अपने-अपने तरीके से शामिल हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि 16 फरवरी को दिल्ली में हो रहे आंदोलन के समर्थन में झारखंड में भी प्रदेश के सभी जिलों में प्रदर्शन किया जाएगा.

किसान नेता प्रफुल्ल लिंडा ने कहा कि किसानों के द्वारा रांची से टाटा रोड, रांची से लोहरदगा रोड के साथ-साथ विभिन्न चौक चौराहों पर जाम कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. किसान नेता प्रफुल लिंडा ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से गुरुवार की देर शाम आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत की जाएगी. इस बातचीत में क्या कुछ निष्कर्ष निकलता है और किसान भाई क्या निर्णय लेते हैं, उसी आधार पर झारखंड के किसान भी अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे. झारखंड के किसान नेताओं ने कहा कि अगर केंद्र सरकार से बातचीत सफल नहीं होती है तो दिल्ली पहुंचने वाले किसानों के समर्थन में झारखंड से भी करीब दो हजार किसान भाई आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचेंगे.

वहीं किसानों के समर्थन में पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि जैसे आदिवासियों को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है. वैसे ही देश से किसानों की खेतों पर कब्जा करने की साजिश केंद्र सरकार रच रही है. आज भारत कृषि प्रधान देश है और अगर यही पर किसानों के साथ दमनकारी रवैया अपनाया जाएगा तो फिर देश के अन्नदाता लोगों का पेट कैसे भरेंगे. केंद्र में बैठी सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान पर विचार करें. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले समय में झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से भी किसान अपने गुस्से को जाहिर करने के लिए दिल्ली कूच करने से नहीं चूकेंगे.

बता दें कि एमएसपी पर कानून लाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर देश भर के कई किसान आंदोलन करने के लिए दिल्ली कूच कर रहे हैं. जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने किसानों को रोकने के लिए दिल्ली के बॉर्डर पर कई जगह बैरिकेडिंग लगाए हैं. जिसको लेकर केंद्र सरकार पर भी कई सवाल उठाए जा रहे हैं.

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