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किसान ध्यान दें : रबी फसलों की 12.46 लाख हेक्टेयर बुवाई, पाले से बचाव के लिए करें ये उपाय - BHARATPUR FARMERS PROBLEM

भरतपुर संभाग में इन दिनों तापमान में गिरावट का दौर चल रहा है. इससे फसलों पर पाला पड़ने की आशंका बढ़ गई है.

Frost on Crops In Bharatpur
फसलों पर पाले की आशंका (ETV Bharat Bharatpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 13, 2024, 3:53 PM IST

भरतपुर: संभाग में इस साल रबी फसलों की बुवाई का क्षेत्रफल 12,46,851 हेक्टेयर तक पहुंच गया है. यहां प्रमुख फसलें गेहूं, सरसों, दलहन, तिलहन और आलू शामिल हैं. इस बीच, मौसम में बदलाव के कारण बीते दो दिनों में भरतपुर जिले का तापमान 5 से 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिससे कई जगह पाला पड़ने की सूचनाएं है. पाला पड़ने से आलू, सब्जी और दलहन फसलों पर नुकसान का खतरा है.

भरतपुर जिले में बीते दो दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान 5 से 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिससे ठंड ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है. जिले के बयाना, कुम्हेर और आसपास के क्षेत्रों में हल्का पाला जमने की घटनाएं दर्ज की गई है. सुबह के समय घरों के बाहर खड़ी गाड़ियों की छतों और खेतों में बर्फ की हल्की परत देखी गई, जिससे ठंड की तीव्रता और बढ़ गई. मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में भी तापमान में और गिरावट की संभावना है, जिससे किसानों और स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.

पढ़ें: कोहरे से रबी की फसलों को फायदा, लेकिन ठंड से पाला पड़ने का डर, ये करें उपाय - ठंड से पाला पड़ना

पाले से फसलों का बचाव जरूरी: कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि यदि समय पर बचाव नहीं किया जाए तो पाले से फसलों के लिए गंभीर खतरा रहता है. आलू, सब्जियों और चना, मसूर जैसी दलहन फसलों पर इसका खासा प्रभाव पड़ता है. पाले के कारण फसलों की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं, फूल मुरझा जाते हैं और पैदावार पर भी नकारात्मक असर पड़ता है.

पाले से बचाव के उपाय: संयुक्त निदेशक सिंह ने बताया कि पाले का फसलों पर असर केवल पैदावार तक सीमित नहीं रहता, बल्कि उनके विकास और गुणवत्ता पर भी पड़ता है. किसानों को सलाह दी गई है कि वे मौसम विभाग की भविष्यवाणियों को ध्यान में रखते हुए अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए त्वरित कदम उठाएं. उन्होंने पाले से फसलों को बचाने के लिए किसानों को कई उपाय बताए और कहा कि इन उपायों को खेत में करने से पाले के दुष्प्रभाव से काफी हद तक बचा जा सकता है.

यह भी पढ़ें:दिसंबर में दर्द-ए-सर्दी, माइनस में पहुंचा सीकर का फतेहपुर, माउंट आबू में भी जमीं बर्फ

हल्की सिंचाई करें: मौसम को ध्यान में रखते हुए फसलों में हल्की सिंचाई करें. यह फसलों को ठंड और पाले से बचाने में मदद करती है.

धुआं करें: मध्यरात्रि के समय खेत की उत्तर-पश्चिम दिशा में धुआं करें. यह पाले को जमने से रोकने में सहायक होता है.

रसायनों का छिड़काव करें: गंधक अम्ल या थायो यूरिया का 1% घोल बनाकर आलू और अन्य फसलों पर छिड़काव करें. यह छिड़काव फसलों को पाले से 15 दिनों तक सुरक्षित रखता है.

खराब पत्तियों को हटाएं: संयुक्त निदेशक देशराज सिंह का कहना है कि पाले से प्रभावित फसलों की पत्तियों और टहनियों को जल्द काटकर हटा देना चाहिए. इससे पौधे की बची हुई ऊर्जा नई शाखाओं के विकास में लगती है. इसके अलावा, किसान जैविक खादों का उपयोग कर सकते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरता और पौधों की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार हो.

भरतपुर संभाग में रबी फसल बुवाई

फसल रकबा हेक्टेयर में
गेहूं3,93,334
सरसों7,67,730
दलहन 55,072
तिलहन 7,69,674

भरतपुर जिले में रबी फसलों का रकबा

फसल रकबा हेक्टेयर में
गेहूं69,389
सरसों1,52,011
जौ2,660
आलू 1,600

भरतपुर: संभाग में इस साल रबी फसलों की बुवाई का क्षेत्रफल 12,46,851 हेक्टेयर तक पहुंच गया है. यहां प्रमुख फसलें गेहूं, सरसों, दलहन, तिलहन और आलू शामिल हैं. इस बीच, मौसम में बदलाव के कारण बीते दो दिनों में भरतपुर जिले का तापमान 5 से 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिससे कई जगह पाला पड़ने की सूचनाएं है. पाला पड़ने से आलू, सब्जी और दलहन फसलों पर नुकसान का खतरा है.

भरतपुर जिले में बीते दो दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान 5 से 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिससे ठंड ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है. जिले के बयाना, कुम्हेर और आसपास के क्षेत्रों में हल्का पाला जमने की घटनाएं दर्ज की गई है. सुबह के समय घरों के बाहर खड़ी गाड़ियों की छतों और खेतों में बर्फ की हल्की परत देखी गई, जिससे ठंड की तीव्रता और बढ़ गई. मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में भी तापमान में और गिरावट की संभावना है, जिससे किसानों और स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.

पढ़ें: कोहरे से रबी की फसलों को फायदा, लेकिन ठंड से पाला पड़ने का डर, ये करें उपाय - ठंड से पाला पड़ना

पाले से फसलों का बचाव जरूरी: कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि यदि समय पर बचाव नहीं किया जाए तो पाले से फसलों के लिए गंभीर खतरा रहता है. आलू, सब्जियों और चना, मसूर जैसी दलहन फसलों पर इसका खासा प्रभाव पड़ता है. पाले के कारण फसलों की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं, फूल मुरझा जाते हैं और पैदावार पर भी नकारात्मक असर पड़ता है.

पाले से बचाव के उपाय: संयुक्त निदेशक सिंह ने बताया कि पाले का फसलों पर असर केवल पैदावार तक सीमित नहीं रहता, बल्कि उनके विकास और गुणवत्ता पर भी पड़ता है. किसानों को सलाह दी गई है कि वे मौसम विभाग की भविष्यवाणियों को ध्यान में रखते हुए अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए त्वरित कदम उठाएं. उन्होंने पाले से फसलों को बचाने के लिए किसानों को कई उपाय बताए और कहा कि इन उपायों को खेत में करने से पाले के दुष्प्रभाव से काफी हद तक बचा जा सकता है.

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हल्की सिंचाई करें: मौसम को ध्यान में रखते हुए फसलों में हल्की सिंचाई करें. यह फसलों को ठंड और पाले से बचाने में मदद करती है.

धुआं करें: मध्यरात्रि के समय खेत की उत्तर-पश्चिम दिशा में धुआं करें. यह पाले को जमने से रोकने में सहायक होता है.

रसायनों का छिड़काव करें: गंधक अम्ल या थायो यूरिया का 1% घोल बनाकर आलू और अन्य फसलों पर छिड़काव करें. यह छिड़काव फसलों को पाले से 15 दिनों तक सुरक्षित रखता है.

खराब पत्तियों को हटाएं: संयुक्त निदेशक देशराज सिंह का कहना है कि पाले से प्रभावित फसलों की पत्तियों और टहनियों को जल्द काटकर हटा देना चाहिए. इससे पौधे की बची हुई ऊर्जा नई शाखाओं के विकास में लगती है. इसके अलावा, किसान जैविक खादों का उपयोग कर सकते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरता और पौधों की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार हो.

भरतपुर संभाग में रबी फसल बुवाई

फसल रकबा हेक्टेयर में
गेहूं3,93,334
सरसों7,67,730
दलहन 55,072
तिलहन 7,69,674

भरतपुर जिले में रबी फसलों का रकबा

फसल रकबा हेक्टेयर में
गेहूं69,389
सरसों1,52,011
जौ2,660
आलू 1,600
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