नई दिल्ली: किसान क्रांति यात्रा 2018 की वर्षगांठ पर बुधवार को भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसान गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचकर हवन किया. इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत मौजूद रहें. 5 साल पहले 2 अक्तूबर 2018 में हरिद्वार से दिल्ली जा रहे किसानों पर इसी जगह पर लाठीचार्ज किया गया था, तबसे हर साल किसान 2 अक्टूबर को इस जगह पर हवन करते हैं. किसानों की भीड़ को देखते हुए यहां काफी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया है.
क्या है पूरा मामलाः भारतीय किसान यूनियन के गाजियाबाद जिला अध्यक्ष विजेंद्र सिंह ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी भारतीय किसान यूनियन ने 2 अक्टूबर को किसान क्रांति गेट (गाजीपुर बॉर्डर ) पर हवन और पंचायत का आयोजन किया. इसमें बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए. उन्होंने बताया कि 2 अक्टूबर 2018 को किसान हरिद्वार से पदयात्रा कर मेरठ एक्सप्रेस-वे स्थित गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे, किसान यहां से राजघाट स्थित गांधी समाधी जाना चाहते थे लेकिन इसके पहले पुलिस ने उन्हें रोक दिया. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठाचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी बरसाए गए. इसमें कई किसान घायल हुए थे, तब से हर साल किसान 2 अक्टूबर को इस जगह पर हवन करते हैं.
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गाजीपुर बॉर्डर को दिया किसान क्रांति गेट नामः किसानों पर लाठीचार्ज के बाद किसान नेता नरेश टिकैत और राकेश टिकैत ने इस जगह को 'किसान क्रांति गेट' नाम दिया. यहां पर आज किसान एकत्रित होकर हवन किया. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि गाजीपुर बॉर्डर किसानों के संघर्ष का प्रतीक है. किसान जब भी गाजीपुर बॉर्डर आते हैं, उसकी आंखें नम हो जाती हैं.
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