श्रीगंगानगर. लोकसभा चुनाव के चलते राजनितिक सरगर्मिया लगातार बढ़ती जा रही हैं. मंगलवार को श्रीगंगानगर में किसान संगठन जीकेएस ने चुनावों में भाजपा को वोट नहीं देने की अपील की. किसानों ने कहा कि किसान अपनी मांगो को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही. लिहाजा वोट पर चोट की जाएगी और चुनाव में भाजपा का विरोध किया जाएगा.
इन मांगों को लेकर है विरोध: श्रीगंगानगर में संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा के तहत मंगलवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. जिसमें ग्रामीण किसान मजदूर समिति के प्रदेश संयोजक संतवीर सिंह ने किसानों की 15 ऐसी मांगे हैं जिसको लेकर लम्बे समय से आंदोलन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर आंदोलन भी किए गए और कई बैठकें भी की गई, लेकिन ये मांगे हल नहीं हो पाई.
जीकेएस के प्रदेश अध्यक्ष रणजीत सिंह राजू ने कहा कि फसलों पर एमएसपी, कर्ज मुक्ति, गंगनहर पर पौंड निर्माण, सरहिंद फीडर का निर्माण, फिरोजपुर फीडर का निर्माण, एक और शुगर मिल का निर्माण, लखीमपुर खीरी के दोषियों को सजा देने के बजाय टिकट देना, इंदिरा गांधी नहर परियोजना में 0 से 20 आरडी का निर्माण, कृषि को नरेगा से जोड़ने, नकली खास बीज पेस्टीसाइड विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई, फसल खराबे के तहत बीमा योजना को सरल बनाने सहित कई मांगों को लेकर संघर्ष किया जा रहा है.
जिलाध्यक्ष रामकुमार सहारन ने कहा कि जब किसानों की सुनी ही नहीं जा रही, तो किसानों ने वोट पर चोट करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि सयुंक्त किसान मोर्चा ने चुनाव में भाजपा को वोट नहीं करने की अपील की है, लेकिन किसान अन्य किसी भी प्रत्याशी को वोट देने के लिए स्वतंत्र हैं.
किसान आंदोलन का विधानसभा चुनाव पर पड़ा था असर: किसान संगठनों के इस ऐलान के बाद भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं. क्योंकि विधानसभा चुनाव में श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों की 11 सीटों में से सिर्फ 2 पर ही भाजपा को जीत मिली थी. इसके साथ साथ बाकी रही करणपुर सीट पर चुनाव में भाजपा की सरकार बन जाने के बाद भी भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था. ऐसे में अब एक बार फिर से किसान आंदोलन की राह पर हैं और आज किसानों ने भाजपा के विरोध का ऐलान कर दिया है. ऐसे में देखना ये होगा कि किसानों के इस एलान का लोकसभा चुनाव पर क्या असर पड़ेगा.