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13 फरवरी को किसानों के दिल्ली कूच को लेकर हलचल तेज, कुछ संगठन विरोध में उतरे, प्रशासन ने भी उठाए एहतियाती कदम

farmers march to delhi: 13 फरवरी को किसानों के दिल्ली कूच को लेकर हरियाणा के विभिन्न जिलों में किसान संगठनों में हलचल देखने को मिल रही है. कुछ किसान संगठन 13 फरवरी के बदले 16 फरवरी को बुलाए गए हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान कर रहे हैं. वहीं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन भी एहतियाती कदम उठा रहा है.

farmers march to delhi
किसानों का प्रदर्शन
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 8, 2024, 1:25 PM IST

सोनीपत/भिवानी/सिरसा: संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के 13 फरवरी को दिल्ली कूच के आह्वान को लेकर हरियाणा के विभिन्न जिलों में सरगर्मी देखने को मिल रही है. सोनीपत में बुधवार को धारा 144 लागू कर दी गयी है. वहीं किसानों के अलग अलग संगठनों ने 13 फरवरी के बदले 16 फरवरी को बंद बुला रहे हैं. उत्तर भारत की सबसे बड़ी खाप पंचायतों में से एक मलिक खाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष दादा बलजीत मलिक ने वीडियो जारी कर के कहा है कि किसानों का दिल्ली कूच हरियाणा के हित में नहीं है.

दिल्ली कूच हरियाणा के हित में नहीं: 13 फरवरी को किसानों के दिल्ली कूच को लेकर उत्तर भारत की सबसे बड़ी खाप पंचायतों में से एक मलिक खाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष दादा बलजीत मलिक ने कहा है कि हरियाणा के युवाओं के लिए यह अच्छी बात नहीं है. यह हरियाणा के किसानों के हित में नहीं है. वहीं सोनीपत के मुरथल ब्लॉक के सरपंच एसोसिएशन ने किसान संगठनों से अपील की है कि वे लोग सड़क जाम नहीं करें. सोनीपत से लगने वाली सड़कें जाम होने से आम जनता की परेशानी बढ़ जाती है. किसान आंदोलन के कारण सोनीपत पहले भी विकास की पटरी से उतर चुका है.

16 फरवरी को हड़ताल: अपनी विभिन्न मांगो को लेकर संघर्षरत्त किसान और मजदूरो ने संघर्ष का बिगुल फूंक दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा और केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों ने 16 फरवरी को अपनी मांगों को लेकर किसान और असंगठित मजदूरो से हड़ताल में भाग लेने का आह्वान किया है. भिवानी में इस बारे में कामरेड ओमप्रकाश ने कहा कि किसान, मजदूर, कर्मचारी और सभी वाहनों के ड्राईवर 16 फरवरी के कार्यक्रम को मिलकर सफल बनाएंगे तथा केन्द्र सरकार को उनकी मांगें मानने के लिए बाध्य करेंगे. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा गैरराजनीतिक नाम से कुछ संगठन 13 फरवरी को दिल्ली कूच कर रहे हैं, जिससे उनका कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि उनसे कोई विरोध नहीं है, परन्तु भिवानी जिले के बहुमत किसान संगठनों का जुड़ाव संयुक्त किसान मोर्चा से है, जो 16 फरवरी को बंद करेगा.

सिरसा में किसानों का प्रदर्शन: सिरसा जिला के 15 गांवों के किसान सीएम द्वारा की गई घोषणा के पूरे नहीं होने के चलते लघु सचिवालय के बाहर कड़ाके की ठंड में धरने प्रदर्शन पर बैठे हैं. किसानों का कहना है कि वे सिरसा जिला के 15 गांवों के किसान 2009 से खरीफ चैनलों को बनाने की मांग कर रहे है लेकिन 15 साल बीतने के बावजूद सरकार ने उनकी मांग को पूरा नहीं किया. किसानों ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि अगर सरकार ने जल्द उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो सरकार के खिलाफ अपना प्रदर्शन और तेज करेंगे. वहीं 13 फरवरी को किसान संगठनों के दिल्ली कूच के एलान को देखते हुए प्रशासन ने दिल्ली अमृतसर हाईवे पर शंभू टोल प्लाजा पर नुकीले तारे, बड़े बड़े पत्थर, रेत के कट्टे आदि पहुंचा दिए गए हैं. अंबाला एसपी ने कहा है की अगर किसी तरह का कोई नुकसान होता है तो नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

नूंह में किसानों का प्रदर्शन: नूंह जिले के सहसोला में मुआवजे की मांग को लेकर धरना दे रहे किसानों और पुलिस के बीच बुधवार को नोक झोक हो गई. किसानों का आरोप है कि धरना स्थल पर मौजूद महिलाओं और किसानों से पुलिस ने जबरन धक्का मुक्की और गाली गलौज की. बाद वरीय अधिकारियों के पहुंचने के बाद मामला शांत हुआ. दरअसल प्रस्तावित रेलवे लाइन के लिए जिन गांवों के किसानों की भूमि ली गयी है वे मुआवजे की मांग कर रहे हैं. लेकिन अब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला है. किसान अपनी मांगों को लेकर पिछले 29 दिसंबर से धरना दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें: 100 करोड़ के हरियाणा सहकारिता घोटाले में CM का बड़ा फैसला- 1995 से ग्रांट की होगी ऑडिट, रडार पर कई अधिकारी

ये भी पढ़ें: फौजी ने चंडीगढ़ पुलिस पर थर्ड डिग्री टॉर्चर देने का लगाया आरोप, हाई कोर्ट ने डीजीपी से मांगा जवाब

सोनीपत/भिवानी/सिरसा: संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के 13 फरवरी को दिल्ली कूच के आह्वान को लेकर हरियाणा के विभिन्न जिलों में सरगर्मी देखने को मिल रही है. सोनीपत में बुधवार को धारा 144 लागू कर दी गयी है. वहीं किसानों के अलग अलग संगठनों ने 13 फरवरी के बदले 16 फरवरी को बंद बुला रहे हैं. उत्तर भारत की सबसे बड़ी खाप पंचायतों में से एक मलिक खाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष दादा बलजीत मलिक ने वीडियो जारी कर के कहा है कि किसानों का दिल्ली कूच हरियाणा के हित में नहीं है.

दिल्ली कूच हरियाणा के हित में नहीं: 13 फरवरी को किसानों के दिल्ली कूच को लेकर उत्तर भारत की सबसे बड़ी खाप पंचायतों में से एक मलिक खाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष दादा बलजीत मलिक ने कहा है कि हरियाणा के युवाओं के लिए यह अच्छी बात नहीं है. यह हरियाणा के किसानों के हित में नहीं है. वहीं सोनीपत के मुरथल ब्लॉक के सरपंच एसोसिएशन ने किसान संगठनों से अपील की है कि वे लोग सड़क जाम नहीं करें. सोनीपत से लगने वाली सड़कें जाम होने से आम जनता की परेशानी बढ़ जाती है. किसान आंदोलन के कारण सोनीपत पहले भी विकास की पटरी से उतर चुका है.

16 फरवरी को हड़ताल: अपनी विभिन्न मांगो को लेकर संघर्षरत्त किसान और मजदूरो ने संघर्ष का बिगुल फूंक दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा और केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों ने 16 फरवरी को अपनी मांगों को लेकर किसान और असंगठित मजदूरो से हड़ताल में भाग लेने का आह्वान किया है. भिवानी में इस बारे में कामरेड ओमप्रकाश ने कहा कि किसान, मजदूर, कर्मचारी और सभी वाहनों के ड्राईवर 16 फरवरी के कार्यक्रम को मिलकर सफल बनाएंगे तथा केन्द्र सरकार को उनकी मांगें मानने के लिए बाध्य करेंगे. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा गैरराजनीतिक नाम से कुछ संगठन 13 फरवरी को दिल्ली कूच कर रहे हैं, जिससे उनका कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि उनसे कोई विरोध नहीं है, परन्तु भिवानी जिले के बहुमत किसान संगठनों का जुड़ाव संयुक्त किसान मोर्चा से है, जो 16 फरवरी को बंद करेगा.

सिरसा में किसानों का प्रदर्शन: सिरसा जिला के 15 गांवों के किसान सीएम द्वारा की गई घोषणा के पूरे नहीं होने के चलते लघु सचिवालय के बाहर कड़ाके की ठंड में धरने प्रदर्शन पर बैठे हैं. किसानों का कहना है कि वे सिरसा जिला के 15 गांवों के किसान 2009 से खरीफ चैनलों को बनाने की मांग कर रहे है लेकिन 15 साल बीतने के बावजूद सरकार ने उनकी मांग को पूरा नहीं किया. किसानों ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि अगर सरकार ने जल्द उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो सरकार के खिलाफ अपना प्रदर्शन और तेज करेंगे. वहीं 13 फरवरी को किसान संगठनों के दिल्ली कूच के एलान को देखते हुए प्रशासन ने दिल्ली अमृतसर हाईवे पर शंभू टोल प्लाजा पर नुकीले तारे, बड़े बड़े पत्थर, रेत के कट्टे आदि पहुंचा दिए गए हैं. अंबाला एसपी ने कहा है की अगर किसी तरह का कोई नुकसान होता है तो नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

नूंह में किसानों का प्रदर्शन: नूंह जिले के सहसोला में मुआवजे की मांग को लेकर धरना दे रहे किसानों और पुलिस के बीच बुधवार को नोक झोक हो गई. किसानों का आरोप है कि धरना स्थल पर मौजूद महिलाओं और किसानों से पुलिस ने जबरन धक्का मुक्की और गाली गलौज की. बाद वरीय अधिकारियों के पहुंचने के बाद मामला शांत हुआ. दरअसल प्रस्तावित रेलवे लाइन के लिए जिन गांवों के किसानों की भूमि ली गयी है वे मुआवजे की मांग कर रहे हैं. लेकिन अब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला है. किसान अपनी मांगों को लेकर पिछले 29 दिसंबर से धरना दे रहे हैं.

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