जींद: हरियाणा में लोकसभा चुनाव के पहले सरकार को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, किसानों की रिहाई के लिए जींद के खटकड़ गांव में किसानों की महापंचायत हुई. महापंचायत में किसानों ने सरकार को 27 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है. किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 27 अप्रैल तक किसानों को रिहा नहीं किया गया तो वह बड़ा फैसला लेंगे.
![Farmers Mahapanchayat in Jind](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/23-04-2024/21292891_hr1_aspera.jpg)
जींद में किसानों की महापंचायत: पंचायत के बाद एक घंटे के लिए जींद-पटियाला नेशनल हाईवे को खटकड़ गांव के पास जाम भी किया गया. किसानों ने कहा कि यह केवल सांकेतिक जाम था. यदि जरूरत पड़ी तो सड़क मार्ग अनिश्चितकाल के लिए भी बंद किया जा सकता है. महापंचायत में जगजीत सिंह डल्लेवाल पहुंचे थे. लेकिन सरवन की पंधेर की बेटी बीमार होने के कारण वह नहीं पहुंचे. महापंचायत करीब 12 बजे शुरू हुई. इसके बाद भाषणों का दौर चलता रहा.
'जारी रहेगा आंदोलन': किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि जिन किसानों को जेल में बंद किया गया है, उनके खिलाफ कोई सबूत ही नहीं हैं. लेकिन किसानों के आंदोलन को कुचलने के लिए सरकार यह कदम उठा रही है. डल्लेवाल ने कहा कि किसान आंदोलन जारी रहेगा और लोकसभा चुनाव के बाद बनने वाली सरकार से भी उनकी यही मांग रहेगी.
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27 अप्रैल तक सरकार को अल्टीमेटम: गांव खटकड़ में एक व्यक्ति की मौत हो गई. वहीं बरसोला में भी एक व्यक्ति की मौत हो गई. इसी कारण पंचायत में किसी बड़े आंदोलन की घोषणा नहीं की गई. सभी वक्ताओं ने कहा कि फिलहाल 27 अप्रैल तक का समय सरकार व प्रशासन को दिया जाता है. इसके बाद बड़े आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा. महापंचायत आयोजक कैप्टन भूपेंद्र सिंह जागलान ने कहा कि पुलिस तथा प्रशासन की टीम से भी बात हुई थी. जेल में अनीष खटकड़ से मिलकर उसका अनशन खुलवाने का प्रयास किया जाएगा. किसान कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे हैं. आंदोलन की लड़ाई भी जारी रहेगी.
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