गढ़वा: झारखंड के सूखा प्रभावित जिले में एक तरफ जहां समय पर बारिश नहीं होने के कारण किसान खेती से विमुख हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ खेती नहीं करने का दूसरा कारण नीलगाय भी है. जो उनके द्वारा की जाने वाली थोड़ी बहुत खेती को पूरी तरह से बर्बाद कर रही है.
किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. सिंचाई की कोई सुविधा नहीं होने के कारण वर्षा आधारित खेती करने वाले गढ़वा के किसान कभी भी पूरी खेती नहीं कर पाते हैं. क्योंकि पानी के बिना उनकी उपज नष्ट हो जाती है. लेकिन अगर वे थोड़ी बहुत खेती करते भी हैं तो वह भी उन्हें नहीं मिल पा रही है.
बिना सिंचाई के बची हुई फसलों को नीलगाय रौंद रही हैं. जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र में लगी फसलों को नीलगाय बर्बाद कर रही हैं. वर्षों से किसान इस स्थिति में पूरी तरह से परेशान हो जाते हैं और खेती नहीं करने का निर्णय लेते हैं.
विधानसभा में उठाया जाएगा मुद्दा
एक किसान के साथ-साथ जनप्रतिनिधि होने के नाते स्थानीय विधायक नरेश प्रसाद सिंह भी हर दिन लोगों का दर्द सुनकर और देखकर काफी आहत हैं. किसानों की इस समस्या को उन्होंने काफी गंभीरता से लिया है. उनका कहना है कि एक ओर जहां वे वन विभाग के वरीय अधिकारियों से बात करेंगे, वहीं सदन शुरू होने पर विधानसभा में भी इस मुद्दे को गंभीरता से उठाने की बात कही है.
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