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गढ़वा में नीलगाय का आतंक, किसानों की फसलों को हो रहा दोहरा नुकसान - NILGAI IN GARHWA

गढ़वा में किसान दोहरी मार झेल रहे हैं. एक तरफ किसान सिंचाई को लेकर परेशान हैं तो वहीं नीलगाय फसल को नष्ट कर रही हैं.

NILGAI IN RURAL AREAS OF GARHWA
नीलगाय को लेकर किसान और विधायक प्रतिक्रिया दी (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 12, 2025, 12:53 PM IST

गढ़वा: झारखंड के सूखा प्रभावित जिले में एक तरफ जहां समय पर बारिश नहीं होने के कारण किसान खेती से विमुख हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ खेती नहीं करने का दूसरा कारण नीलगाय भी है. जो उनके द्वारा की जाने वाली थोड़ी बहुत खेती को पूरी तरह से बर्बाद कर रही है.

किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. सिंचाई की कोई सुविधा नहीं होने के कारण वर्षा आधारित खेती करने वाले गढ़वा के किसान कभी भी पूरी खेती नहीं कर पाते हैं. क्योंकि पानी के बिना उनकी उपज नष्ट हो जाती है. लेकिन अगर वे थोड़ी बहुत खेती करते भी हैं तो वह भी उन्हें नहीं मिल पा रही है.

बिना सिंचाई के बची हुई फसलों को नीलगाय रौंद रही हैं. जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र में लगी फसलों को नीलगाय बर्बाद कर रही हैं. वर्षों से किसान इस स्थिति में पूरी तरह से परेशान हो जाते हैं और खेती नहीं करने का निर्णय लेते हैं.

नीलगाय को लेकर जानकारी देते किसान व विधायक (ईटीवी भारत)

विधानसभा में उठाया जाएगा मुद्दा

एक किसान के साथ-साथ जनप्रतिनिधि होने के नाते स्थानीय विधायक नरेश प्रसाद सिंह भी हर दिन लोगों का दर्द सुनकर और देखकर काफी आहत हैं. किसानों की इस समस्या को उन्होंने काफी गंभीरता से लिया है. उनका कहना है कि एक ओर जहां वे वन विभाग के वरीय अधिकारियों से बात करेंगे, वहीं सदन शुरू होने पर विधानसभा में भी इस मुद्दे को गंभीरता से उठाने की बात कही है.

ये भी पढ़ें- पलामू में नीलगाय का आतंक, ग्रामीण क्षेत्रों के बाद शहरी इलाकों में किसानों ने छोड़ी खेती ! - farmers abandoning farming

पलामू के किसानों को नीलगाय की समस्या से मिलेगी निजात! ट्रेंकुलाइज कर नीलगाय को रेस्क्यू करने की तैयारी - Nilgai Problem In Jharkhand

गिरिडीह का तुकतुको गांव, जहां जंगल की रखवाली के लिए ग्रामीण करते हैं पहरेदारी

गढ़वा: झारखंड के सूखा प्रभावित जिले में एक तरफ जहां समय पर बारिश नहीं होने के कारण किसान खेती से विमुख हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ खेती नहीं करने का दूसरा कारण नीलगाय भी है. जो उनके द्वारा की जाने वाली थोड़ी बहुत खेती को पूरी तरह से बर्बाद कर रही है.

किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. सिंचाई की कोई सुविधा नहीं होने के कारण वर्षा आधारित खेती करने वाले गढ़वा के किसान कभी भी पूरी खेती नहीं कर पाते हैं. क्योंकि पानी के बिना उनकी उपज नष्ट हो जाती है. लेकिन अगर वे थोड़ी बहुत खेती करते भी हैं तो वह भी उन्हें नहीं मिल पा रही है.

बिना सिंचाई के बची हुई फसलों को नीलगाय रौंद रही हैं. जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र में लगी फसलों को नीलगाय बर्बाद कर रही हैं. वर्षों से किसान इस स्थिति में पूरी तरह से परेशान हो जाते हैं और खेती नहीं करने का निर्णय लेते हैं.

नीलगाय को लेकर जानकारी देते किसान व विधायक (ईटीवी भारत)

विधानसभा में उठाया जाएगा मुद्दा

एक किसान के साथ-साथ जनप्रतिनिधि होने के नाते स्थानीय विधायक नरेश प्रसाद सिंह भी हर दिन लोगों का दर्द सुनकर और देखकर काफी आहत हैं. किसानों की इस समस्या को उन्होंने काफी गंभीरता से लिया है. उनका कहना है कि एक ओर जहां वे वन विभाग के वरीय अधिकारियों से बात करेंगे, वहीं सदन शुरू होने पर विधानसभा में भी इस मुद्दे को गंभीरता से उठाने की बात कही है.

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