चित्तौड़गढ़. प्रदेश से विदा हुआ मानसून एक बार फिर लौट आया है जिसने किसानो की चिंता बढ़ा दी है. क्योंकि 50 फीसदी से अधिक किसानों की फसलें खेतों पर पड़ी है. बारिश की वजह से फसल खराब होने की आशंका है. इस बीच, शनिवार को रात भर रुक-रुक कर रिमझिम बारिश से मौसम में ठंडक छा गई. बदले हुए मौसम का यह दौर रविवार को भी जारी रहा और सुबह से ही हल्की बारिश चलती रही. इससे सड़कों और शहर की निचली बस्तियों में जगह-जगह पानी भर गया है. बारिश को देखते हुए सड़कों पर ट्रैफिक भी कम देखने को मिला.
कृषि विभाग का कहना है कि जिले में खरीफ के दौरान करीब सवा दो लाख हेक्टेयर में फसलों की बुवाई की गई जिनमें से 50% से अधिक किसान अपनी फसलों को घरों पर नहीं ला पाए. ऐसे में फसलों के खराब होने की आशंका किसानों को सता रही है. इधर, मौसम विभाग ने रविवार को चित्तौड़गढ़ में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है. विभाग का कहना है कि बारिश के चलते लोगों को गर्मी से राहत मिल गई. अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट आई लेकिन खेतों में खड़ी फसल को नुकसान हो सकता है.
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सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता राजकुमार शर्मा ने बताया कि रविवार सुबह 8 बजे तक पिछले 24 घंटे में गंगरार में 10, राशमी 10, चित्तौड़गढ़ में 18, भूपाल सागर 13, कपासन 5, बड़गांव 50 और डूंगला 51, ओराई 21, बेग 8 तथा गंभीरी पर 24 एमएम बारिश रिकार्ड की गई. मौसम विभाग द्वारा आज भी तेज बारिश का अनुमान लगाया गया है. संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार दिनेश कुमार जागा ने बताया कि खेतों में फसलों की कटाई हो रही है और उनकी हार्वेस्टिंग भी की जानी है. इस दौर में बारिश से फसलों के खराब होने की आशंका है. मौसम खुलने के साथ ही किसानों को अपनी फसलों को चौड़ाई में सुखानी होगी ताकि हवा लगने से नुकसान को कम किया जा सके. जिन किसानों के खेत खाली हो गए उन्हें कम पानी की जरूरत वाली सरसों तारामीरा आदि की बुवाई की तैयारी करनी चाहिए.