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प्याज के दाम ने आमजन को रुलाया तो किसानों के खिले चेहरे, NCR में पहुंचा मेवात का प्याज - ONION PRICES RISING

इन दिनों प्याज के बढ़ते दामों ने लोगों की जेब पर असर डाला है, तो किसानों के लिए बढ़ते दाम फायदेमंद है.

Farmers benefit from rising onion prices
Farmers benefit from rising onion prices (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 24, 2024, 5:48 PM IST

Updated : Nov 24, 2024, 8:31 PM IST

नूंह: इन दिनों प्याज के दाम लोगों को रूला रहे हैं. तो वहीं, प्याज के बढ़ते दाम से किसान खुश है. अलवर और खैरथल की मंडियों में प्याज दिल्ली से भी महंगा बिक रहा है. एनसीआर में प्याज की बेलगाम कीमतों ने 5 साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. माना जा रहा है कि अब केवल मेवात की प्याज ही तिलक नगर आजादपुर और गाजीपुर मंडियों में राहत ला सकता है. महंगाई के कारण नूंह, अलवर क्षेत्र में खुदाई का कार्य तेजी से चल रहा है. बहुत जल्द कटाई के बाद ही यह प्याज दिल्ली की मंडियों तक पहुंचेगा. अगले सप्ताह तक महंगाई को रोक पाना सरकार के बस की बात नहीं. हालांकि गुजरात के नासिक व महाराष्ट्र के क्षेत्र से आने वाले प्याज में निरंतर गिरावट देखने को मिल रही है.

प्याज के बढ़ते दाम से किसान बने लखपति: इस बार सितंबर में हुई बारिश के कारण भी प्याज की काफी फसल बर्बाद हुई है. तो सैंकड़ों एकड़ में गलन की बीमारी भी प्याज में देखी गई है. जिसका सीधा असर प्याज की पैदावार पर पड़ा है. पिछले कुछ दिनों में मेवात के किसानों ने प्याज के अच्छे दाम एनसीआर की मंडियों में पाए हैं. जिससे किसान लखपति भी बन गए हैं. माना जा रहा है कि अगले सप्ताह तक महंगाई के कारण प्याज की खुदाई का कार्य और तेज हो जाएगा. दिल्ली की मंडियों के अलावा अलवर और खैरथल राजस्थान की मंडियां किसान की पहली पसंद बनती जा रही हैं.

Farmers benefit from rising onion prices (Etv Bharat)

प्याज के दाम: यहां 60-65 रुपए प्रति किलो में प्याज किसानों से खरीदी जा रही है. उनका खर्चा भी कम लग रहा है, जिससे उन्हें ज्यादा मुनाफा भी मिल रहा है. केंद्र और राज्य सरकार प्याज के दामों को नियंत्रित करने के लिए कई राज्यों में से प्याज की खरीदारी करने में जुटी है. लेकिन एनसीआर केवल मेवात की प्याज पर ही निर्भर है. डॉ. दीन मोहमद जिला बागवानी अधिकारी ने बताया कि हरियाणा में बरसाती प्याज सबसे ज्यादा नूंह जिले में होती है. उत्पादन के साथ-साथ गुणवत्ता में भी इस प्याज का कोई जवाब नहीं है.

NCR में पहुंचा मेवात का प्याज: एनसीआर की मंडियों में इस प्याज को खासा पसंद किया जाता है. बीते साल तकरीबन 20000 एकड़ भूमि में प्याज की फसल लगाई गई थी. लेकिन इस बार बरसात अधिक होने की वजह से तकरीबन 17600 एकड़ में प्याज की फसल लगाई गई है. रकबा भले ही घट गया हो, लेकिन इस बार किसानों को भाव अच्छा मिल रहा है. राहत की बात यह है कि अब मेवात का प्याज एनसीआर की मंडियों में आने लगा है. जिसका सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है. अब दामों में भी कमी आएगी और आम ग्राहक को इसका लाभ मिलेगा.

ये भी पढ़ें: भिवानी में पंजाब सरकार के खिलाफ गरजे विधायक जी, बोले- 'जब तक हमारे हिस्से का पानी नहीं देंगे, तब तक चंडीगढ़ भी नहीं छोड़ेंगे'

ये भी पढ़ें: DAP खाद नहीं मिलने पर किसान फसलों में डालें यह खाद, होगी बंपर पैदावार, एक क्लिक में जानें पूरी जानकारी

नूंह: इन दिनों प्याज के दाम लोगों को रूला रहे हैं. तो वहीं, प्याज के बढ़ते दाम से किसान खुश है. अलवर और खैरथल की मंडियों में प्याज दिल्ली से भी महंगा बिक रहा है. एनसीआर में प्याज की बेलगाम कीमतों ने 5 साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. माना जा रहा है कि अब केवल मेवात की प्याज ही तिलक नगर आजादपुर और गाजीपुर मंडियों में राहत ला सकता है. महंगाई के कारण नूंह, अलवर क्षेत्र में खुदाई का कार्य तेजी से चल रहा है. बहुत जल्द कटाई के बाद ही यह प्याज दिल्ली की मंडियों तक पहुंचेगा. अगले सप्ताह तक महंगाई को रोक पाना सरकार के बस की बात नहीं. हालांकि गुजरात के नासिक व महाराष्ट्र के क्षेत्र से आने वाले प्याज में निरंतर गिरावट देखने को मिल रही है.

प्याज के बढ़ते दाम से किसान बने लखपति: इस बार सितंबर में हुई बारिश के कारण भी प्याज की काफी फसल बर्बाद हुई है. तो सैंकड़ों एकड़ में गलन की बीमारी भी प्याज में देखी गई है. जिसका सीधा असर प्याज की पैदावार पर पड़ा है. पिछले कुछ दिनों में मेवात के किसानों ने प्याज के अच्छे दाम एनसीआर की मंडियों में पाए हैं. जिससे किसान लखपति भी बन गए हैं. माना जा रहा है कि अगले सप्ताह तक महंगाई के कारण प्याज की खुदाई का कार्य और तेज हो जाएगा. दिल्ली की मंडियों के अलावा अलवर और खैरथल राजस्थान की मंडियां किसान की पहली पसंद बनती जा रही हैं.

Farmers benefit from rising onion prices (Etv Bharat)

प्याज के दाम: यहां 60-65 रुपए प्रति किलो में प्याज किसानों से खरीदी जा रही है. उनका खर्चा भी कम लग रहा है, जिससे उन्हें ज्यादा मुनाफा भी मिल रहा है. केंद्र और राज्य सरकार प्याज के दामों को नियंत्रित करने के लिए कई राज्यों में से प्याज की खरीदारी करने में जुटी है. लेकिन एनसीआर केवल मेवात की प्याज पर ही निर्भर है. डॉ. दीन मोहमद जिला बागवानी अधिकारी ने बताया कि हरियाणा में बरसाती प्याज सबसे ज्यादा नूंह जिले में होती है. उत्पादन के साथ-साथ गुणवत्ता में भी इस प्याज का कोई जवाब नहीं है.

NCR में पहुंचा मेवात का प्याज: एनसीआर की मंडियों में इस प्याज को खासा पसंद किया जाता है. बीते साल तकरीबन 20000 एकड़ भूमि में प्याज की फसल लगाई गई थी. लेकिन इस बार बरसात अधिक होने की वजह से तकरीबन 17600 एकड़ में प्याज की फसल लगाई गई है. रकबा भले ही घट गया हो, लेकिन इस बार किसानों को भाव अच्छा मिल रहा है. राहत की बात यह है कि अब मेवात का प्याज एनसीआर की मंडियों में आने लगा है. जिसका सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है. अब दामों में भी कमी आएगी और आम ग्राहक को इसका लाभ मिलेगा.

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Last Updated : Nov 24, 2024, 8:31 PM IST
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