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बिहार का 'मिर्ची की खेती' वाला गांव, जया मिर्ची से लाखों की कमाई, झारखंड-छत्तीसगढ़ से लेकर नेपाल तक सप्लाई - Chilli Cultivation In Gaya

Chilli Cultivation In Khanjahanpur: गया में मिर्ची की खेती वाला एक ऐसा गांव है, जहां तकरीबन हर घर के लोग हरी मिर्च की खेती करते हैं. 200 सालों से होने वाली मिर्च की खेती इस गांव की पहचान बन गई है. यहां की जया मिर्ची झारखंड और छत्तीसगढ़ से लेकर नेपाल तक सप्लाई होती है.

Chilli Cultivation In Khanjahanpur
खंजाहांपुर की मिर्ची (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 22, 2024, 10:33 AM IST

Updated : Jun 22, 2024, 10:56 AM IST

गया में मिर्ची की खेती (ETV Bharat)

गया: बिहार के गया जिले का खंजाहांपुर गांव की पहचान मिर्च की खेती करने वाले गांव के रूप में है. इस गांव में जिधर भी नजर डालें, उधर मिर्च की खेती लगी नजर आती है. खंजाहांपुर करीब 700- 800 घरों की बस्ती वाला गांव है. यहां सैकड़ो एकड़ में मिर्ची की खेती हर साल होती है. यहां की देसी मिर्ची देश के कई राज्यों के अलावे विदेश नेपाल तक जाती है.

खंजाहांपुर है मिर्ची की खेती करने वाला गांव: खंजाहांपुर गांव में मिर्ची की खेती 200 साल पुरानी है. पुश्त दर पुश्त इस मिर्च की खेती से लोग जो जुड़े, तो अब तक मिर्ची की खेती वाली विरासत को संजोए हुए हैं. बड़ी बात यह है कि मिर्ची की खेती खंजाहांपुर का पूरा गांव करता है. यही वजह है, कि मिर्ची की खेती देश के कई राज्यों के अलावा विदेश तक पहुंच रही है.

Chilli Cultivation In Khanjahanpur
मिर्ची की खेती से बपर कमाई (ETV Bharat)

हाइब्रिड मिर्च नहीं बल्कि शुद्ध देसी जया मिर्ची मिल जाएगी: आपको विशुद्ध देसी मिर्ची खानी है तो खंजाहांपुर की उपजी मिर्ची खरीदनी होगी. खंजाहांपुर की मिर्ची विशुद्ध रूप से देसी होती है. यहां हाइब्रिड मिर्च नहीं मिलती. यहां विशुद्ध रूप से देसी जया मिर्च की खेती होती है. इस तरह खंजाहांपुर गांव हरी मिर्च की खेती के लिए मशहूर है.

गया की मिर्ची नेपाल तक सप्लाई: गया की देसी मिर्ची नेपाल तक सप्लाई हो रही है. यहां के किसानों का कहना है, कि हम लोग बड़े पैमाने पर पुराने जमाने से देसी मिर्ची की खेती कर रहे हैं. पहले यहां की मिर्ची बंगाल तक जाती थी. फिर इसका विस्तार हुआ. हालांकि बंगाल में अब इसकी खेती होने लगी है, जिससे वहां डिमांड कमी है. फिलहाल में ओडिशा, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड से लेकर यहां की मिर्ची की बिक्री नेपाल तक होती है.

Chilli Cultivation In Khanjahanpur
गया में मिर्ची की खेती (ETV Bharat)

मिर्ची की खेती यानी मुनाफा ही मुनाफा: मिर्ची की खेती मुनाफे वाली है. एक कट्ठा में मिर्ची की खेती करने में 1000 रूपया खर्च आता है. वही मुनाफा एक कट्ठा में 20 हजार एक बार में आता है, जबकि एक सीजन में यह मिर्ची कई बार टूटती है. इस तरह 20 हजार की दर से माने तो फायदा 20 हजार ही नहीं, बल्कि इससे कई गुना अधिक हो जाता है. यहां के लोग एक सीजन में मिर्ची की खेती कर औसतन 2 लाख से अधिक की कमाई कर लेते हैं. वही, श्रम शक्ति से मजबूत किसान जिनके घर में परिवार के सदस्यों की संख्या ज्यादा है, वे 5 से 10 लाख रुपये के बीच भी कमाई करते हैं.

Chilli Cultivation In Khanjahanpur
करोड़ों का कारोबार (ETV Bharat)

महिलाएं भी करती है खेती: मिर्ची की खेती में अच्छी बात यह है कि इसे महिलाएं भी करती है. काफी संख्या में महिलाएं मिर्च की खेती में लगी दिखती है. मिर्ची की खेती खंजहांपुर के किसानों को पिछले 200 सालों से खुशहाल बनाए हुए हैं. मिर्ची की खेती लगातार 6 महीने तक उपज देती है, जिसके कारण किसान खुशहाल रहते हैं. यही वजह है कि महिलाएं भी मिर्ची की खेती खुद आगे आकर करती है. खंजाहांपुर की उषा देवी समेत दर्जनों ऐसी महिलाएं हैं, जो मिर्च की खेती खुद आगे बढ़कर करती है.

200 साल से पुरानी है मिर्ची की खेती: इस संबंध में खंजाहांपुर के किसान इंद्रदेव विद्रोही बताते हैं कि यह खंजाहांपुर गांव है, जहां किसान हरी मिर्च की खेती के लिए मशहूर हैं. यहां देसी नस्ल की जया मिर्च की खेती होती है खरीफ का जब मौसम होता है, तो बिहार शरीफ से बीज मंगाते हैं. अप्रैल में नर्सरी तैयार करते हैं. मई में रोपनी की जाती है. जुलाई से फसल बाजार में आ जाती है.

Chilli Cultivation In Khanjahanpur
खंजाहांपुर की मिर्ची (ETV Bharat)

"यहां 500 से अधिक घरों के किसान इसकी खेती करते हैं और खुशहाल हो रहे हैं. यहां हरी सब्जियों की खेती होती है, लेकिन उसमें मिर्ची सबसे ज्यादा लाभदायक है. गया के खंजाहांपुर में मिर्ची की खेती 200 साल पुरानी खेती है. एक कट्ठा में 1000 रुपये की लागत आती है, लेकिन लगातार 6 महीने यह उपज देता है, जिससे आमद काफी होती है. एक सीजन में मिर्ची कई बार टूटती है. एक बार एक कट्ठा की मिर्ची टूटती है, तो 20 हजार का फायदा होता है."- इंद्रदेव विद्रोही, किसान

"पहले यहां से बंगाल भी मिर्ची की सप्लाई होती थी, लेकिन अब वहां खेती शुरू हो गई है, जिससे वहां अब ज्यादा सप्लाई नहीं होती है, लेकिन अभी भी खंजाहांपुर की देसी जया मिर्ची ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, नेपाल तक जाती है. संबंधित व्यापारी यहां आते हैं, या फिर ऑर्डर पर मिर्च की सप्लाई विभिन्न वाहनों से की जाती है. एक सीजन में 20 करोड़ का तकरीबन कारोबार होता है." -शंभू प्रसाद, किसान

Chilli Cultivation In Khanjahanpur
200 सालों से यहां मिर्च की खेती (ETV Bharat)

पढ़ें-एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है ताइवानी अमरूद, इसकी खेती कर गया के किसान हो रहे मालामाल - Taiwanese Guava cultivation

गया में मिर्ची की खेती (ETV Bharat)

गया: बिहार के गया जिले का खंजाहांपुर गांव की पहचान मिर्च की खेती करने वाले गांव के रूप में है. इस गांव में जिधर भी नजर डालें, उधर मिर्च की खेती लगी नजर आती है. खंजाहांपुर करीब 700- 800 घरों की बस्ती वाला गांव है. यहां सैकड़ो एकड़ में मिर्ची की खेती हर साल होती है. यहां की देसी मिर्ची देश के कई राज्यों के अलावे विदेश नेपाल तक जाती है.

खंजाहांपुर है मिर्ची की खेती करने वाला गांव: खंजाहांपुर गांव में मिर्ची की खेती 200 साल पुरानी है. पुश्त दर पुश्त इस मिर्च की खेती से लोग जो जुड़े, तो अब तक मिर्ची की खेती वाली विरासत को संजोए हुए हैं. बड़ी बात यह है कि मिर्ची की खेती खंजाहांपुर का पूरा गांव करता है. यही वजह है, कि मिर्ची की खेती देश के कई राज्यों के अलावा विदेश तक पहुंच रही है.

Chilli Cultivation In Khanjahanpur
मिर्ची की खेती से बपर कमाई (ETV Bharat)

हाइब्रिड मिर्च नहीं बल्कि शुद्ध देसी जया मिर्ची मिल जाएगी: आपको विशुद्ध देसी मिर्ची खानी है तो खंजाहांपुर की उपजी मिर्ची खरीदनी होगी. खंजाहांपुर की मिर्ची विशुद्ध रूप से देसी होती है. यहां हाइब्रिड मिर्च नहीं मिलती. यहां विशुद्ध रूप से देसी जया मिर्च की खेती होती है. इस तरह खंजाहांपुर गांव हरी मिर्च की खेती के लिए मशहूर है.

गया की मिर्ची नेपाल तक सप्लाई: गया की देसी मिर्ची नेपाल तक सप्लाई हो रही है. यहां के किसानों का कहना है, कि हम लोग बड़े पैमाने पर पुराने जमाने से देसी मिर्ची की खेती कर रहे हैं. पहले यहां की मिर्ची बंगाल तक जाती थी. फिर इसका विस्तार हुआ. हालांकि बंगाल में अब इसकी खेती होने लगी है, जिससे वहां डिमांड कमी है. फिलहाल में ओडिशा, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड से लेकर यहां की मिर्ची की बिक्री नेपाल तक होती है.

Chilli Cultivation In Khanjahanpur
गया में मिर्ची की खेती (ETV Bharat)

मिर्ची की खेती यानी मुनाफा ही मुनाफा: मिर्ची की खेती मुनाफे वाली है. एक कट्ठा में मिर्ची की खेती करने में 1000 रूपया खर्च आता है. वही मुनाफा एक कट्ठा में 20 हजार एक बार में आता है, जबकि एक सीजन में यह मिर्ची कई बार टूटती है. इस तरह 20 हजार की दर से माने तो फायदा 20 हजार ही नहीं, बल्कि इससे कई गुना अधिक हो जाता है. यहां के लोग एक सीजन में मिर्ची की खेती कर औसतन 2 लाख से अधिक की कमाई कर लेते हैं. वही, श्रम शक्ति से मजबूत किसान जिनके घर में परिवार के सदस्यों की संख्या ज्यादा है, वे 5 से 10 लाख रुपये के बीच भी कमाई करते हैं.

Chilli Cultivation In Khanjahanpur
करोड़ों का कारोबार (ETV Bharat)

महिलाएं भी करती है खेती: मिर्ची की खेती में अच्छी बात यह है कि इसे महिलाएं भी करती है. काफी संख्या में महिलाएं मिर्च की खेती में लगी दिखती है. मिर्ची की खेती खंजहांपुर के किसानों को पिछले 200 सालों से खुशहाल बनाए हुए हैं. मिर्ची की खेती लगातार 6 महीने तक उपज देती है, जिसके कारण किसान खुशहाल रहते हैं. यही वजह है कि महिलाएं भी मिर्ची की खेती खुद आगे आकर करती है. खंजाहांपुर की उषा देवी समेत दर्जनों ऐसी महिलाएं हैं, जो मिर्च की खेती खुद आगे बढ़कर करती है.

200 साल से पुरानी है मिर्ची की खेती: इस संबंध में खंजाहांपुर के किसान इंद्रदेव विद्रोही बताते हैं कि यह खंजाहांपुर गांव है, जहां किसान हरी मिर्च की खेती के लिए मशहूर हैं. यहां देसी नस्ल की जया मिर्च की खेती होती है खरीफ का जब मौसम होता है, तो बिहार शरीफ से बीज मंगाते हैं. अप्रैल में नर्सरी तैयार करते हैं. मई में रोपनी की जाती है. जुलाई से फसल बाजार में आ जाती है.

Chilli Cultivation In Khanjahanpur
खंजाहांपुर की मिर्ची (ETV Bharat)

"यहां 500 से अधिक घरों के किसान इसकी खेती करते हैं और खुशहाल हो रहे हैं. यहां हरी सब्जियों की खेती होती है, लेकिन उसमें मिर्ची सबसे ज्यादा लाभदायक है. गया के खंजाहांपुर में मिर्ची की खेती 200 साल पुरानी खेती है. एक कट्ठा में 1000 रुपये की लागत आती है, लेकिन लगातार 6 महीने यह उपज देता है, जिससे आमद काफी होती है. एक सीजन में मिर्ची कई बार टूटती है. एक बार एक कट्ठा की मिर्ची टूटती है, तो 20 हजार का फायदा होता है."- इंद्रदेव विद्रोही, किसान

"पहले यहां से बंगाल भी मिर्ची की सप्लाई होती थी, लेकिन अब वहां खेती शुरू हो गई है, जिससे वहां अब ज्यादा सप्लाई नहीं होती है, लेकिन अभी भी खंजाहांपुर की देसी जया मिर्ची ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, नेपाल तक जाती है. संबंधित व्यापारी यहां आते हैं, या फिर ऑर्डर पर मिर्च की सप्लाई विभिन्न वाहनों से की जाती है. एक सीजन में 20 करोड़ का तकरीबन कारोबार होता है." -शंभू प्रसाद, किसान

Chilli Cultivation In Khanjahanpur
200 सालों से यहां मिर्च की खेती (ETV Bharat)

पढ़ें-एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है ताइवानी अमरूद, इसकी खेती कर गया के किसान हो रहे मालामाल - Taiwanese Guava cultivation

Last Updated : Jun 22, 2024, 10:56 AM IST
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