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पढ़े-लिखे को दे रहा टक्कर 7वीं पास किसान, फूल की खेती से कमा रहा सालाना 10 लाख - गोपालगंज में फूल की खेती

Gopalganj Flower Farming: बिहार के किसान पारंपरिक खेती छोड़कर अलग-अलग फसल उगा रहे हैं. इसी तरह गोपालगंज में फूल की खेती हो रही है. किसान पिछले 20 साल से फूल उगा रहे हैं. सालाना 10 लाख से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर.

गोपालगंज में फूल की खेती
गोपालगंज में फूल की खेती
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 7, 2024, 6:12 AM IST

गोपालगंज में फूल की खेती

गोपालगंज: कई युवा किसान दूसरे प्रदेश में जाकर नौकरी करने से अच्छा बिहार में खेती कर रहे हैं. पारंपरिक तरीका को छोड़कर नए तरीके से खेती कर रहे हैं. इससे महीनों का लाखों रुपए कमा रहे हैं. गोपालगंज के किसान अगस्त माली फूल की खेती से सालाना 10 लाख रुपए कमा रहे हैं.

20 वर्षों कमा रहे सलाना लाखों रुपएः अगस्त माली मूल रूप से सदर प्रखंड के एकडेरवा गांव के रहने वाले हैं. पिछले 20 वर्षों से फूल की खेती कर सफल किसानों की श्रेणी में शमिल हैं. एक साल में चार बार फूल के उत्पादन से करीब दस लाख रुपए सलाना कमाई करते हैं. शुरुआती दिनों में हुई परेशानी को दरकिनार कर आज ये सफलता की नई इबादत लिख रहें है. फूल की खेती को देख अन्य किसान भी इससे प्रेरित हो रहें है.

गोपालगंज में फूल की खेती
गोपालगंज में फूल की खेती

फूल की खेती कमाई का जरियाः अगस्त माली बदलते जमाने के साथ खेती की. गेंदा समेत अन्य फूलों की खेती कर रहे हैं. फूल की खेती कम लागत में अधिक कमाई का जरिया है. अगस्त माली बताते हैं कि शादी-विवाह व अन्य अवसरों पर सजावट के लिए गेंदा की बढ़ती मांग को देखते हुए कई किसान इसकी खेती कर रहे हैं.

कम लागत से बड़ा मुनाफाः अगस्त माली बताते हैं कि शुरुआती दौर में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. धीरे-धीरे वे फूलों की खेती में सफल हो गए. कम पैमाने पर फूलों की खेती शुरू की थी. धीरे-धीरे उन्होंने खेती का विस्तार किया और आज वे गेंदा, चेरी समेत विभिन्न प्रकार के फूलों की खेती करते हैं. उनके फूलों की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है. दूर-दूर से व्यापारी उनके फूलों को खरीदने आते हैं.

गोपालगंज में फूल की खेती
गोपालगंज में फूल की खेती

सातवीं तक पढ़ें हैं अगस्तः अगस्त माली के पिता भी फूलों का कारोबार करते थे. दूसरे जगह से फूल खरीदकर बेचा करते थे. पहले पिता के व्यवसाय में हाथ बटाया करता था. लेकिन इससे ज्यादा कमाई नहीं होती थी. परिवार की माली हालत भी सही नहीं थी. अगस्त माली सातवीं कक्षा तक ही पढ़ाई पूरी कर सके.

"पहले छोटे स्तर पर फूल का पौधा लगाया. हालांकि जानकारी के अभाव में कुछ नुकसान हुआ. जैसे-जैसे जानकारी प्राप्त की वैसे-वैसे फूल की खेती अच्छी होने लगी और आमदनी भी बढ़ने लगी. ज्यादातर गेंदा और चेरी फूल की खेती करते हैं. फूल के पौधों को कलकत्ता से मंगवाया जाता है. इसे खेतो में लगाकर एक साल में चार बार उत्पादन करते हैं." -अगस्त माली, किसान

गोपालगंज में फूल की खेती
गोपालगंज में फूल की खेती

किसानों के लिए बना प्रेरणा स्रोतः उन्होंने बताया कि फूल की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है. इस खेती में कम लागत में अधिक मुनाफा होता है. अन्य किसानों से आह्वान करते हैं कि वे भी फूलों की खेती अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार लाएं. बहरहाल फूलों की खेती ने अगस्त और उनके परिवार के जीवन स्तर को बेहतर बनाया है. वे अपने गांव में एक प्रेरणा स्त्रोत बन गए हैं. अन्य किसानों को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

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गोपालगंज में फूल की खेती

गोपालगंज: कई युवा किसान दूसरे प्रदेश में जाकर नौकरी करने से अच्छा बिहार में खेती कर रहे हैं. पारंपरिक तरीका को छोड़कर नए तरीके से खेती कर रहे हैं. इससे महीनों का लाखों रुपए कमा रहे हैं. गोपालगंज के किसान अगस्त माली फूल की खेती से सालाना 10 लाख रुपए कमा रहे हैं.

20 वर्षों कमा रहे सलाना लाखों रुपएः अगस्त माली मूल रूप से सदर प्रखंड के एकडेरवा गांव के रहने वाले हैं. पिछले 20 वर्षों से फूल की खेती कर सफल किसानों की श्रेणी में शमिल हैं. एक साल में चार बार फूल के उत्पादन से करीब दस लाख रुपए सलाना कमाई करते हैं. शुरुआती दिनों में हुई परेशानी को दरकिनार कर आज ये सफलता की नई इबादत लिख रहें है. फूल की खेती को देख अन्य किसान भी इससे प्रेरित हो रहें है.

गोपालगंज में फूल की खेती
गोपालगंज में फूल की खेती

फूल की खेती कमाई का जरियाः अगस्त माली बदलते जमाने के साथ खेती की. गेंदा समेत अन्य फूलों की खेती कर रहे हैं. फूल की खेती कम लागत में अधिक कमाई का जरिया है. अगस्त माली बताते हैं कि शादी-विवाह व अन्य अवसरों पर सजावट के लिए गेंदा की बढ़ती मांग को देखते हुए कई किसान इसकी खेती कर रहे हैं.

कम लागत से बड़ा मुनाफाः अगस्त माली बताते हैं कि शुरुआती दौर में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. धीरे-धीरे वे फूलों की खेती में सफल हो गए. कम पैमाने पर फूलों की खेती शुरू की थी. धीरे-धीरे उन्होंने खेती का विस्तार किया और आज वे गेंदा, चेरी समेत विभिन्न प्रकार के फूलों की खेती करते हैं. उनके फूलों की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है. दूर-दूर से व्यापारी उनके फूलों को खरीदने आते हैं.

गोपालगंज में फूल की खेती
गोपालगंज में फूल की खेती

सातवीं तक पढ़ें हैं अगस्तः अगस्त माली के पिता भी फूलों का कारोबार करते थे. दूसरे जगह से फूल खरीदकर बेचा करते थे. पहले पिता के व्यवसाय में हाथ बटाया करता था. लेकिन इससे ज्यादा कमाई नहीं होती थी. परिवार की माली हालत भी सही नहीं थी. अगस्त माली सातवीं कक्षा तक ही पढ़ाई पूरी कर सके.

"पहले छोटे स्तर पर फूल का पौधा लगाया. हालांकि जानकारी के अभाव में कुछ नुकसान हुआ. जैसे-जैसे जानकारी प्राप्त की वैसे-वैसे फूल की खेती अच्छी होने लगी और आमदनी भी बढ़ने लगी. ज्यादातर गेंदा और चेरी फूल की खेती करते हैं. फूल के पौधों को कलकत्ता से मंगवाया जाता है. इसे खेतो में लगाकर एक साल में चार बार उत्पादन करते हैं." -अगस्त माली, किसान

गोपालगंज में फूल की खेती
गोपालगंज में फूल की खेती

किसानों के लिए बना प्रेरणा स्रोतः उन्होंने बताया कि फूल की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है. इस खेती में कम लागत में अधिक मुनाफा होता है. अन्य किसानों से आह्वान करते हैं कि वे भी फूलों की खेती अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार लाएं. बहरहाल फूलों की खेती ने अगस्त और उनके परिवार के जीवन स्तर को बेहतर बनाया है. वे अपने गांव में एक प्रेरणा स्त्रोत बन गए हैं. अन्य किसानों को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

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