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मसूर की फसलों को बर्बाद कर रहा अमरलता बेल, मसौढ़ी के किसानों में छाई है मायूसी

Farmer Upset In Masaurhi: मसौढ़ी में मसूर की खेती करने वाले किसान इन दोनों परेशान हैं. दरअसल मसूर की फसल में अमरलता लग जाने से मसूर की खेती पूरी तरह से बर्बाद होने के कगार पर है, इसे लेकर किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं.

मसूर की फसल
मसूर की फसल
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 10, 2024, 9:22 AM IST

पटनाः पटना के मसौढ़ी में मसूर की फसल में अमरलता लग जाने से मसूर की खेती बर्बाद हो रही है. जिसको लेकर किसान हताश और परेशान हैं. बताया जाता है कि यह बहुत विनाशकारी लता है, जो अपने पोषक पौधे को धीरे-धीरे नष्ट कर देती है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बेल के लगने से पहले ही इसे रोकना चाहिए.

मसूर की फसल में अमरलताः इसके रस में कस्कुटीन नामक ऐल्केलायड, अमरबेलीन, तथा पीताभ हरित वर्ण का तेल पाया जाता है, जिसके कारण यह किसी भी पेड़ पौधे पर जाल जैसा फैल कर उसकी पूरी तरह से ढक देती है और उसे बर्बाद कर देती है, फसल को बढ़ने नहीं देते हैं, मसौढ़ी प्रखंड के बसौर गांव में भी कई खेतों में मसूर की फसल में अमरलता बेल लग जाने से फसल पूरी तरह बर्बाद हो रही है.

अमरलता लगने से किसान परेशानः मसौढ़ी के बसौरर गांव में कई किसान इसे लेकर परेशान हैं. उनके मसूर दाल की खेती में अमरलता बेल लग जाने से फसल आगे नहीं बढ़ पा रही है और वह पूरी तरह से नष्ट हो रही है. किसान कोऑर्डिनेटर विजय कुमार ने बताया कि की अमरलता बेल लगने से पहले ही किसानों को इसका उपचार करना चाहिए. इसके साथ ही कई उपाय को भी उन्होंने किसानों को बताया.

"यह बहुत विनाशकारी लता है, जो पौधे को धीरे-धीरे नष्ट कर देती है. इसका उपचार पहले से ही करना चाहिए. बेल लग जाने के बाद फसल को बचना मुश्किल हो जाता है"- विजय कुमार, कृषि समन्वयक, मसौढ़ी

लोगों को नहीं होती जानकारीः बता दें कि कई लोग अमरतला से हरे पेड़ों को होने वाले नुकसान को नहीं जानते हैं. कई लोग किसी छोटे से पेड़ या पौधे पर इस बेल को डाल देते हैं और ये बेल लगातार बढ़ते हुए अन्य पेड़ों या फसलों बर्बाद कर देती है. हर साल सैकड़ों पेड़ और फसल इस बेल के कारण सूख रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः मसौढ़ी में मसूर की फसल में लगा सुखड़ा रोग, किसान परेशान

पटनाः पटना के मसौढ़ी में मसूर की फसल में अमरलता लग जाने से मसूर की खेती बर्बाद हो रही है. जिसको लेकर किसान हताश और परेशान हैं. बताया जाता है कि यह बहुत विनाशकारी लता है, जो अपने पोषक पौधे को धीरे-धीरे नष्ट कर देती है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बेल के लगने से पहले ही इसे रोकना चाहिए.

मसूर की फसल में अमरलताः इसके रस में कस्कुटीन नामक ऐल्केलायड, अमरबेलीन, तथा पीताभ हरित वर्ण का तेल पाया जाता है, जिसके कारण यह किसी भी पेड़ पौधे पर जाल जैसा फैल कर उसकी पूरी तरह से ढक देती है और उसे बर्बाद कर देती है, फसल को बढ़ने नहीं देते हैं, मसौढ़ी प्रखंड के बसौर गांव में भी कई खेतों में मसूर की फसल में अमरलता बेल लग जाने से फसल पूरी तरह बर्बाद हो रही है.

अमरलता लगने से किसान परेशानः मसौढ़ी के बसौरर गांव में कई किसान इसे लेकर परेशान हैं. उनके मसूर दाल की खेती में अमरलता बेल लग जाने से फसल आगे नहीं बढ़ पा रही है और वह पूरी तरह से नष्ट हो रही है. किसान कोऑर्डिनेटर विजय कुमार ने बताया कि की अमरलता बेल लगने से पहले ही किसानों को इसका उपचार करना चाहिए. इसके साथ ही कई उपाय को भी उन्होंने किसानों को बताया.

"यह बहुत विनाशकारी लता है, जो पौधे को धीरे-धीरे नष्ट कर देती है. इसका उपचार पहले से ही करना चाहिए. बेल लग जाने के बाद फसल को बचना मुश्किल हो जाता है"- विजय कुमार, कृषि समन्वयक, मसौढ़ी

लोगों को नहीं होती जानकारीः बता दें कि कई लोग अमरतला से हरे पेड़ों को होने वाले नुकसान को नहीं जानते हैं. कई लोग किसी छोटे से पेड़ या पौधे पर इस बेल को डाल देते हैं और ये बेल लगातार बढ़ते हुए अन्य पेड़ों या फसलों बर्बाद कर देती है. हर साल सैकड़ों पेड़ और फसल इस बेल के कारण सूख रहे हैं.

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