जोधपुर. पंजाब में चल रहे किसान आंदोलन के कारण बाड़मेर से जोधपुर होते हुए ऋषिकेश-हरिद्वार जाने वाली कालका एक्सप्रेस का संचालन करीब 4 सप्ताह से बठिंडा तक ही हो रहा है, जिसके चलते क्षेत्र से लोग मृतक परिजन की अस्थियों को हरिद्वार तक नहीं ले जा पा रहे. ऐसे कई परिवारों के अपनों की अस्थियां हिंदू सेवा मंडल सहित अन्य श्मशानों में अस्थि कलश में ही रखी हुई है. सोमवार को ही जोधपुर रेल मंडल ने 16 मई तक कालका एक्सप्रेस का संचालन बठिंडा से ऋषिकेश के बीच आंशिक रद्द करने की सूचना जारी की है. यह क्रम 17 अप्रैल से चल रहा है.
इतना ही नहीं, राजस्थान सरकार की मोक्ष कलश योजना के तहत चलने वाली हरिद्वार तक की रोडवेज बस भी जोधपुर से इन दोनों शहरों में नहीं जा रही है. डिपो मैनेजर मुकुन सिंह राठौड़ का कहना है कि बसों की कमी के चलते हरिद्वार की बस नहीं चल रही है. मुख्यालय से नई बसें आते ही संचालन शुरू करेंगे. हिंदू सेवा मंडल के सचिव विष्णु प्रजापत ने बताया कि बीते कुछ समय से ट्रेन नहीं जाने से लोगों की अस्थियां हमारे यहां रखी हुई है. हम इनकी सार संवार कर रहे हैं.
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वाया दिल्ली ट्रेन का प्रस्ताव लंबित : कालका एक्सप्रेस के ऋषिकेश नहीं जाने से कुछ परिजन अपने लोगों की अस्थियां विसर्जन करने के लिए जोधपुर से पहले दिल्ली जा रहे हैं और उसके बाद दिल्ली से हरिद्वार. जोधपुर से सीधे हरिद्वार वाया दिल्ली ट्रेन का प्रस्ताव 8 माह से लंबित है. रेल सूत्रों का कहना है कि आचार संहिता के बाद इस पर निर्णय हो सकता है.
टिकट हो रहे कैंसिल, साप्ताहिक में रुचि नहीं : किसान आंदोलन के चलते ट्रेन का लगातार संचालन बाधित हो रहा है लेकिन रेलवे एक बार में ही रद्दीकरण की घोषणा नहीं कर रहा. फिर आंशिक रद्द होने की सूचना के बाद टिकिट कैंसिल करवाना पड़ता है. बीते 15 दिन में 1 हजार से ज्यादा टिकिट कैंसिल हुए हैं. भावनगर से हरिद्वार एक साप्ताहिक ट्रेन भी है, लेकिन यह मंगलवार को जोधपुर से निकलती है, इसके चलते लोग इसमें सफर नहीं करते हैं. इसके अलावा इसकी वेटिंग लिस्ट भी काफी लंबी रहती है.